राजा की रानी

305 भाग

38 बार पढा गया

0 पसंद किया गया

अब चुप रहने की मेरी पारी आई। उसके लगाये हुए अभियोग के मूल में युक्तियों द्वारा न्याय-विचार भी चल सकता था, सफाई देने के लिए नज़ीरों की भी शायद कमी नहीं ...

अध्याय

×