सूरदास जी के पद

27 भाग

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मैया ! मोरी मैं नहिं माखन खायो ख्याल परै ये सखा सबै मिलि मेरैं मुख लपटायो॥ देखि तुही छींके पर भाजन ऊंचे धरि लटकायो हौं जु कहत नान्हें कर अपने मैं ...

अध्याय

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