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गाइ चरावन जैहौं आजु मैं गाइ चरावन जैहौं बृन्दावन के भांति भांति फल अपने कर मैं खेहौं॥ ऐसी बात कहौ जनि बारे देखौ अपनी भांति। तनक-तनक पग चलिहौ कैसें आवत ह्वै ...