रहीमदास जी के दोहे

59 भाग

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आब गई आदर गया, नैनन गया सनेहि ये तीनों तब ही गये, जबहि कहा कछु देहि।।  अर्थ— रहीमदास जी कहते हैं कि ज्यों ही कोई किसी से कुछ मांगता है त्यों ...

अध्याय

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