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लेखनी कहानी -03-Dec-2023
भाषा : हिन्दी
भाषा - कोटि - : कविता
इस दिल को धड़कने का
रात गई सो बात गई
नर हो, न निराश करो मन को
उसकी याद आई
होली आई है
रंग चढ़ा इश्क का
बुलंदी देर तक
मेहनत सबसे बड़ा गुण
दुल्हन
बदलते देखा
दीवाने
हम फिर से तेरी राह
जज़्बात का अक्स
कलम, उनकी जय बोल
चौखट
कभी किसी को.....
खड़ा हिमालय
चुपके चुपके
गम की रात
शाम बना दे पगली
शर्मसार
एक लहर उठी
डोली बनी अर्थी
दिल की धड़कन
वक्त को न आते देखा
सितारों के आगे
घर सूना हो गया
दिल ए नादान
ले चल वहाँ
गलत है तो है
तेरे आने से
प्रार्थना
अपवित्रता का दाग
यादों के पन्ने
मिटा सिंदूर
जब मां थी
मातम छाया
जिस देश में
प्रेम के अनोखे रंग
मृत्यु पर विजय
लेखनी प्रतियोगिता -07-Jul-2023
भाषा - कोटि - : कहानी
मेरा चांद
मां ने बड़े प्यार से.....
बैरी पिया
सुन मेरे प्यारे बचपन
चक्की रही उदास
कई बार दस्तक दी
गांव का बाजार
नगें पैर
वो हिंदी है
बादल तो आए हैं
ईद
तुम्हारे लिए
तेरा मेरा साथ
तेरी दोस्ती
आखरी रात
तेरी कमी
गलती
दुआ
ख़ामोश
आखरी दौर
भूख
यादों की सौगात
नुक्कड़ वाला प्यार 22
भाषा - कोटि - : नॉन स्टॉप 2022
नुक्कड़ वाला प्यार 21
अधूरी मुलाकात
इजहारे इश्क
हिसाब
निर्मल
सिंदूर
जिन्दगी
तन्हाई
कॉफी और हम
नुक्कड़ वाला प्यार 20
नुक्कड़ वाला प्यार 19
नुक्कड़ वाला प्यार 18
नुक्कड़ वाला प्यार 17
गांव
फना
शून्य
चेटिंग या चीटिंग
फिज़ा रंगीन हो गई है
पुरानी तस्वीरें
मेंहदी
रोशनी
प्रेम रंग
नाजायज इश्क
वो दिन
सांझ
मैने लिखा है
तुलसी सा मन
मैं और मेरे सपने
जहर
पहला प्रेम पत्र
रिश्तेदार
तेरा होने लगा हूं
तेरी चूड़ियां
तुम ही हो
कली
गुमराह
ओस की बूंद
तुमको देखा
संयम
गुफ्तगू
रूतबा
ज़ख्म गहरा
गणतंत्र दिवस
इतना न करो याद
नुक्कड़ वाला प्यार 16
नुक्कड़ वाला प्यार 15
नुक्कड़ वाला प्यार 13
सुनो मेरी जान
लकीरे
आत्म शक्ति
शिव रात्रि
अगर तुम साथ हो
वफादार
प्रेम
जिन्दगी एक पहेली
स्त्री
मकर संक्रांति
समर्पण
खैरात
मेरी डायरी
हर रोज हिंदी दिवस
हिंदी हमारी
हिसाब देखना है
लेखनी मेरी सखी
कहा गए वो दोस्त
दगा
करार मिले
पथ
सिर्फ तुम्हारे लिए
तेरी याद साथ है
पैगाम
खत लिखा तो था
औरत का जीवन एक कसौटी
भाषा - कोटि - : लेखमंथ प्रतियोगिता 10 से 25 दिसम्बर
लक्ष्य
कहां है परिवार
यादों के झरोखे से भाग 13
यादों के झरोखे से भाग 12
यादों के झरोखे से भाग 11
यादों के झरोखे से भाग 10
मौन हूं मैं
यादों के झरोखे से भाग 9
विनती
खतों का रिवाज़
यादों के झरोखे से भाग 8
संसार
दफन
यादों के झरोखे से भाग 7
यादों के झरोखे से भाग 6
यादों के झरोखे से भाग 5
यादों के झरोखे से अप्रैल माह
यादों के झरोखे से मार्च माह
आरंभ
पर्यावरण संरक्षण
यादों के झरोखे से फ़रवरी माह
राहें वफा
सूखे गुलाब
पथिक
तेरी यादों का झोंका
आखरी मुलाकात
कलम का जादू
हम पुरुष है
आशीर्वाद
कसूर
यादों के झरोखे से जनवरी माह
क्षमा दान
दर्द ए दिल
बाल दिवस
लौटती यादें
तुम बिन
तुलसी विवाह
किरदार
तुम चाहते हों
शीतलता
आखरी मोहब्बत
खूबसूरत है जिदंगी
उड़ान
सरहद यादों की
कर्म
हमराही
मैं समय हूंँ
सुहागन
त्याग
दौड़ रहा है
नुक्कड़ वाला प्यार 12
सुरमई शाम
बेटी दिवस
भक्ति भावना
चांद
रोटी की कीमत
ये औरतें
प्रेम का अस्तित्व
आवारंगी
हम लेखक हैं
पिता का समर्पण
हद हो गई
कुदरत
मानव धर्म
आने वाला कल
बावरी बातें
स्त्री की आकांक्षा
पुराना समय
लेखनी प्रतियोगिता -05-Sep-2022
कतरा कतरा
सुनाया नहीं करते
एक पहेली है जिन्दगी
खेल के रंग
सिलसिला
दीदार ए यार
इश्क
अस्तित्व
गोरी
इश्क की लालसा
मीरा बावरी
मक़सद ए तारीफ
कृष्ण जन्माष्टमी
आने वाले है नंद किशोर
उम्मीद
अंतर्मन की धाराओं
राखी स्नेह की
दोस्त पुराने
आतंक
चुराए हुए पल
नायक
मेंहदी रची सुर्ख लाल
गुमनाम सा शायर
हरी हरी चूड़ी
मित्रता
कच्चे धागे
पिया मिलन
नुक्कड़ वाला प्यार 11
मुसाफ़िर
किताब
वो लम्हें
नाराज सी जिन्दगी
कोई बात बने
चांद बन जाऊं
मेरी कलम
मिट्टी तेरे रूप अनेक
नुक्कड़ वाला प्यार 10
मुश्किल बहुत है
ताउम्र
ख्वाहिश
सात गुरु
आंगन
दोस्ती ,,,,,,यार पुराने
कलम और तलवार
झूठी कसम
प्यास
मंजिल ए सफर
किस्मत
नुक्कड़ वाला प्यार 9
नुक्कड़ वाला प्यार 8
फूल और कांटे
जज़्बात
नुक्कड़ वाला प्यार 7
मिट्टी
ख़ामोशी
तेरे रंग में रंगी
बदलते रिश्ते
भाषा - कोटि - : लेखमंथ प्रतियोगिता 20 से 30 जून
तेरा हो जाने को ❤️
मिजाज़
बेकरारी
सांझा चूल्हा
काश तुम लिखो
योग
मनोरंजन
सौतन
पिता
नुक्कड़ वाला प्यार 6
नुक्कड़ वाला प्यार 5
कला
भीड़ से अलग
महक
अटूट रिश्ता
रक्तदान
प्रेम की निशानी
इजाजत
मेरा जुनून
सोचा था
जय गंगा मैया
रूह
पाठशाला
पथ का पत्थर
पर्यावरण बचाओ
रौनक
हस्ते मुस्कुराते
वो मुझ में बसा
जनता
तेरे जाने के बाद
नौकरी
मैं हूं
प्रदूषण फैलाता इंसान
लोटा दे
फसल
सुहानी शाम
अंतरिक्ष से आया कोई
कभी मैं न रहूं
दावते ए ज़िंदगी
एक शाम
संपर्क
रात की रुसवाई
सम्मान
कश्ती पार कैसे होगी
तलब
ताकता रहा चांद
चादर
तेरे पास
ख्याल तेरा
शब्दों के पंख
नुक्कड़ वाला प्यार 4
नुक्कड़ वाला प्यार 3
वजह
राधे कृष्णा
हमसफ़र
मर्यादा
बाकि है
माँ तुमसे चाहती
हत्या अरमानों की
किनारों से अलविदा
इश्क तो इश्क है
चंचल चितवन
हाय गर्मी
प्रभात
तारे
नींद
सबसे पहले पूजो
मेरा नाम
जंग
मजदूर हूं....
मेरे मन मीत
ममता रो पड़ी
सुन बाबा,,,,
आस्था या अंधविश्वास
दूर अब न वो रात हैं
नुक्कड़ वाला प्यार 2
मासूम
चाय सा इश्क
बहाना बना देना
मुलाकात हुई तुमसे
विद्रोह
कागज़ पे लिखा
अंतिम
मेरा सपना
राहें तमाम
उपहार
नव वर्ष
राहत जरा मिले
चरित्र
भूल को जाना भूल
तेरा साथ
पर्दा
मेरी चाह
पत्थर के मकान
तर्पण
नाव है
होली आई रे
तुम हो तो हम है
बाबुल
इबादत इश्क की
नारी तू महान
ख़्वाब की खिड़की
अपनेपन की आबोहवा
कभी सर्दी कभी गर्मी
यादों के झरोखे
आस न टूट जाए
दो क़दम
फूलों की तरह
बादल
आफते जिंदगी
सुंदर सुकुमारी
वक़्त गुज़र जाएगा
सिपाही
पुराना इश्क
ज़मीन
जिंदगानी
बड़ी बहू
भाषा - कोटि - : लेख
तस्वीर
फितूर
औरत
आलिंगन
स्वर कोकिला
लेखनी प्रतियोगिता -05-Feb-2022
बेखौफ गले लगाइए
अकाल
क़लम मेरी
हमदर्द
अफ़सोस नहीं मुझे
प्रगति
ताज़ा अख़बार
गीत
नुक्कड़ वाला प्यार
भाषा - कोटि - : वार्षिक लेखन प्रतियोगिता कहानी
चलो आज मर जाऊंगी
देश मेरे
बालिका दिवस
हसरतों में
ठंडी हवाएं
फौजी का रंगीला ख्वाब
नारी हूं मैं
सुहाना मौसम
ग़म ए जिंदगी
और तुम ❤️.....
परियों की दुनियां
अतिथि कब आओगे
दूसरी मां
दीदार
हां, मैं पुरुष हूं
श्याम से आशिकी
ख़त
नसीब
जुदाई मंजूर नहीं
गुमान
शिखर
भाषा - कोटि - : शायरी
अफसाना
किसे पता था
दौलत
वादा करते हैं
एक नादान
शिकायत
इश्क़ हो या रुसवाई
सुबह आई
तेरे लिए कान्हा
स्वर्ण चमके
दो गज जमीन की तलब
इस उम्र में
खिलौना
भलाई
भाव से भावना
तेरी गलियों में...... मां
टूटी बिखरी हिम्मत
इज्जत की डोर
पथिक मन
शहद सी मिठास
दो बूंदे
विकास
धोखा
सावला सा
अंदाज
राही
किनारा
ये वादियां
पिया मिलन की आस
तू करता नहीं शिकायत
कन्यादान
आईना
अमानत
सिफ़ारिश
सतरंगी सपने
ढलती शाम
पहली किरण
रंग भरा त्यौहार
नन्हीं उम्मीद
चांदनी
आत्मा
बंधन
इंसाफ होना चाहिए
लेखनी
परिवार
खेल
चिंगारी
बहादुरी
मजबूर
दशहरा
नवरात्रे
कन्या पूजन
जय मां आदिशक्ति
आराधना
लिखे जो खत तुम्हें
नैना तरस रहे
भक्ति
माता के द्वार
तोहफ़ा
विश्वास
अपने
उड़ान ......आस्मां की
मजबूरियां
नन्ही उम्मीद ..... बेटी दिवस
बेवफ़ाई
आंचल
कोरा कागज़
झील सी आंखें
झूठी कसम,,, क़यामत
कसक
अन्तिम विदाई
वो पेंटिंग
भाषा - कोटि - : उपन्यास
तुम मेरे.... मगर कब तक
ख्वाहिशें अधूरी सी
भीगी पलकें
अंतर्यामी
शहरों की चकाचौंध
भाषा - कोटि - : लेखमंथ प्रतियोगिता सितंबर 2021
हमारी हिंदी
वो लम्हा
तुम मेरे.... मगर कब तक भाग 2
भूतो का घर
काली घटाएं
गणपति उत्सव
अपनी ही आवाज़
तेरी पनाह
बेइंतहा
खुद से विरोध
एक नन्हीं मुस्कान
मंजिल कब किसको मिली है
कर भलाई
रिहाई दे दो
तेरा साथ चाहिए
सर पर पल्लू
आदत
धूम मची ब्रज में
सात फेरे
तक़दीर
एक टुकड़ा धूप
हम आठ नौवी तुम
हां मैं इंकार करती हूं
आगोश में
प्यार
अपने अहसास लिखते हैं
भरोसा
ख़त लिखूं या भेजु पतिया
थोड़ी मदद करो यारों
तिरंगा
मातृभूमि लिख दो
शहीद हो जाऊं
आसमां तलक
वतन की बात होनी चाहिए
वीर की वीरता
प्रेम के अल्फ़ाज़
याद आती होगी
कहर
मेरी कलम लिखे
नादानियां इस दिल की
अफसाने है बहुत
सावन की याद
किस्मत के पकौड़े
बेरूख़ी अच्छी नहीं
तेरा चेहरा
सागर किनारे
इंसान को इंसान रहने दो
हलचल
ख़ुशबू
आसमां रोया होगा
गहरा राज
मेरी ईद तू
नफ़रत न कर
मुस्कुराते थे
आजादी
एक दुल्हन
शिकायतों का पिटारा
बरसात की वो रात .......अरमान टपकते है
तेरे नैनो का आशिक
मेरी क्या गलती
सांस दर सांस
हत्या इन गर्ल्स हॉस्टल
नैना तेरे
प्रेम ,, आरम्भ तुम अंत तुम
बेनाम रिश्ता एक पल का
पाक दामन
उसकी अदाएं
अनजानी राहों सी मैं
एक अजनबी
दो किनारे
मोहे पिया मिलन की आस ( प्रतियोगिता )
ख़्वाब
जीवन जीना भूल गए
अधूरी पहचान
यादों की दस्तक
पिता का साया
आंखो की मस्ती
बचपन की दुनियां
ख़ामोशी......एक जुर्म
बरसात की एक रात
सुहाना सफर खत्म हुआ
कुदरत का उपहार नारी
चांदनी सा हर जू
आदत तेरी
राधा का विरह
ख़ुमारी इश्क़ की
सपने