ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 50
ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 50
अक्षत और विराज ज्योति के बॉडीगार्ड
अब तक आपने पढ़ा ज्योति के कॉलेज में किसी फंक्शन की तैयारी हो रही थी ज्योति फंक्शन के लिए पोस्टर बना रही थी तभी कोई लड़की उसके पोस्टर पर पेंट डाल देती है और ज्योति को थप्पड़ मारने वाली होती है तभी अक्षत उसका हाथ पकड़ लेता है
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"अब आगे"
अक्षत उस लड़की का हाथ झटक देता है और उसे घूरते हुए कहता है "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उस पर हाथ उठाने की.....लुक मैं तुम्हें वार्निंग दे रहा हूं उससे दूर रहो.....अगर अगली बार से तुम मुझे उसके आसपास भी नजर आई तो तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा"
इतना केहकर अक्षत ज्योति को वहाँ से ले जाता है..... लेकिन वही पीछे विराज खडा सब सुन रहा था और इस वक़्त बहुत गुस्से मे था
शाम के समय ज्योति अपने होस्टल रूम मे बैठी अपनी पढाई कर रही थी तभी.... उसकी रूममेट ज्योति के पास बैठते हुए केहती है
"पता है तुम्हे वो लड़की जिसने तुम्हारे पोस्टर पर पेंट डाला था किसी ने उसकी सारी बूकस् ,नोटस पानी मे डाल दिया... इतना ही नही उसके मेकअप का सामान भी पानी मे डाल दिया"
फिर वो लड़की अफसोस करते हुए केहती है "बहुत बुरा हुआ बेचारी के साथ"
ज्योति कुछ पल खामोश रहती है... फिर दुपट्टा गले मे डालते हुए केहती है "तुम रेस्ट करो मै थोड़ी देर मे आती हूँ" इतना केहकर ज्योति होस्टल से बाहर निकल जाती है
होस्टल से बाहर आकर ज्योति विराज को कॉल करती है विराज के कॉल उठाते ही ज्योति उसके बोलने से पहले केहती है "कहाँ हो तुम"
विराज कंफ्यूज होते हुए कहता है "क्या हुआ तुम्हे"
ज्योति थोड़ा सीरियस होते हुए केहती है "मैंने पूछा कहाँ हो तुम मुझे तुमसे अभी मिलना है"
विराज कहता है "लोकेशन भेज दी है... तुम्हारे होस्टल के पास ही हूँ आ जाओ"
ज्योति बिना कोई जवाब दिये फोन कट कर देती है.... करीब 10 मिनट मे ज्योति उस कैफे पहुँच जाती है... जहाँ विराज था
ज्योति कैफे आकर इधर उधर देखती है तभी उसकी नज़र खिड़की के पास बैठे विराज पर जाती है जो किसी 50-55 साल के आदमी के साथ बैठा था.....
ज्योति उसके पास जाती है..और उसके सामने खड़ी हो जाती है
ज्योति को अपने सामने देख विराज झटके से खड़े हो जाता है
ज्योति उसे घूरते हुए केहती है "तुमने उसके साथ ऐसा क्यों किया" विराज को उसकी कोई बात समझ नही आती वो कंफ्यूज होते हुए कहता है "मैंने किया क्या है... और तुम किसकी बात कर रही हो"
ज्योति चिढ़ते हुए केहती है "मेरे सामने ज़ादा शरीफ बनने की कोशिश मत करो... मैंने बोला था ना मुझे मार पीट नही पसंद"
ज्योति की लगातार बकवास सुन विराज को गुस्सा आ रहा था
विराज गुस्से मे थोड़ी तेज आवाज़ मे बोलता है "चुप" उसके शब्द सुन ज्योति सेहेम सी जाती है
विराज बोलते हुए उसकी तरफ बढ़ जाता है "चुप एक दम... अब एक शब्द और नही.... क्या बकवास करी जा रह हो किसे मारा है जो इलज़ाम लगा रही हो"
उसकी तेज़ आवाज़ सुन ज्योति की आँखे नम हो जाती है... तभी वो आदमी थोड़ा सख्त लहजे मे बोलता है जो विराज के सामने बैठा था... "विराज ये क्या तरीका है... दिखाई नही दे रहा वो डर रही हैं"
विराज ज्योति को देखता है तो उसकी आँखे नम थी, उसकी आँखो मे आँसु देख विराज को बहुत बुरा लगता है....
ज्योति सिसकते हुए कहती है "तुमने उस लड़की की बूकस् पानी मे डालदी, उसका मेकप का सामान भी पानी मे डाल दिया"
विराज उसे घुरते हुए कहता है "मुझे नही मालूम तुम किस बारे मे बात कर रही हो... और किस लड़की की बात कर रही हो"
अब ज्योति गुस्से मे उसकी तरफ बढ़ते हुए केहती है "तुम्हे शरम नही आती झूठ बोलते हो... वो भी अपने पापा के सामने"
मिस्टर करियप्पा बहुत ध्यान से ज्योति को देख रहे थे.. वो दोनों को शांत करवाते हैं और कहते हैं "पहले तुम दोनो शांति से बैठ जाओ फिर बात करते हैं"
मिस्टर करियप्पा की आवाज़ से ज्योति का ध्यान उनपर जाता है... ज्योति अपना सर पिट लेती है... फिर मिस्टर करियप्पा के पैर छूते हुए कहती है "माफ कर दीजिये अंकल जी.... इस बुडबक के चक्कर मे मुझसे गलती हो गई"
मिस्टर करियप्पा उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहते हैं.. "कोई बात नही...बैठो बैठ के बात करते हैं"
ज्योति उनके सामने बैठ जाती है... मिस्टर करियप्पा को ज्योति बहुत प्यारी लग रही ती... मिस्टर करियप्पा फिर कहते हैं "अब बताओ.... तुम्हे क्यों लगता है की ये सब विराज ने किया है".
ज्योति मासूम सी शकल बनाते हुए केहती है " ये नही तो और कौन कर सकता है... मिस्टर हैंडसम को अगर उसको सबक सिखाना होता तो उसी वक़्त सिखा देता.... और बाद मे भी सिखाता तो उसे मारता टोर्चर करता... लेकिन ऐसा कुछ नही करता "
फिर विराज को घूरते हुए केहती है "लेकिन ये इसका गुस्सा बहुत तेज़ है.... ये किसी को इतनी आसानी से नही छोड़ता...और मार सकता नही इसलिए ऐसा किया... सबसे ज़रूरी बात... इन दोनो के अलावा इस कॉलेज मे किसी को मुझसे कोई मतलब है नही"
उसकी बात सुन मिस्टर करियप्पा हस देते हैं "मानना पड़ेगा दिमाग बहुत हैं"
विराज उसके सर पर मारते हुए केहता है "दिमाग नही भूसा है"
मिस्टर करियप्पा उठते हुए कहते हैं "विराज कल इसे घर लेकर आओ फिर मिलते हैं... मुझे थोड़ा ज़रूरी काम है... मै चलता हूँ"
इतना केहकर मिस्टर करियप्पा वहाँ से चले जाते हैं.
विराज भी कुछ देर ज्योति से बात करता है, उसके बाद वो दोनो भि वहाँ से निकल जाते हैं
अगले दिन ज्योति कॉलेज आती है तभी चार लड़के ज्योति का रास्ता रोक लेते हैं, ज्योति उन सबको देख डर जाती है, तभी उनमे से एक लड़का कहता है "यही है ना.... जिसके पीछे विराज और अक्षत घूमते रहते हैं"
उसका एक साथी कहता है "हाँ भाई यही है"
वो लड़का फिर कहता है "आज इसका वो हाल करेंगे...की वो दोनो तो क्या इसके खुदके घर वाले भी नही पहचान पाएंगे"
और उसकी तरफ बढ़ने लगता है.. उस लड़के को अपनी तरफ बढ़ता देख ज्योति घबरा जाती है और पीछे हटने लगती है तभी किसी से टकरा.... जब पीछे मुड़ कर देखती है तो वहाँ विराज और अक्षत खड़े थे... उन दोनो को वहाँ देख
ज्योति अक्षत के गले लग जाती है.... ज्योति के गले लगते ही अक्षत की मुट्ठीयाँ बंध जाती हैं..... और उसकी आँखे बंद हो जाती हैं लेकिन अक्षत उसे गले नही लगाता है....
अक्षत ज्योति को समझाते हुए कहता है "मै आ गया हूँ ना डरो मत सब ठीक है.... अक्षत की बात सुन ज्योति उससे अलग होती है
विराज और अक्षत ज्योति को अपने पीछे कर लेते हैं...
"हाँ नही निभा पाई तुझसे दोस्ती
ना ही निभा पाई तुझसे मोहब्बत मै
हाँ नही गम मुझे इस बात का
ना ही गम है तेरे दूर जाने का
तेरी तो फितरत मे ही नही था
तु क्या मुझसे वफा करता तुझे होना ही गैरो का था
सुना था हमने लोगो की फितरत मे ही बदल जाना होता है
अफसोस हमने तुझे उन लोगो मे गिना ही नही था
हाँ नही है अफसोस तेरे दूर जाने का
तु कभी मेरा नही था
तु कभी मेरा नही था"
@Secret_writter_1402
क्या करेंगे विराज और अक्षत?
जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी.. ब्लैक बेंगल्स मिलते हैं अगले चेप्टर मे... तब तक के लिए टेक केर
......... बाय बाय.......
Varsha_Upadhyay
01-Feb-2023 06:59 PM
Nice 👍🏼
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 12:56 PM
शानदार भाग
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Gunjan Kamal
29-Jan-2023 11:27 AM
शानदार भाग
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