ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 49
ब्लैक बेंगल्स चेप्टर 49
ज्योति की डायरी
अब तक आपने पढ़ा विराज को ज्योति की डायरी मिलती है और वो उसे पढ़ने लगता है जिसमे ज्योति ने विराज का परेशान करना लिखा था ज्योति कॉलेज मे कुछ लिख रही ती तभी उसे बॉल आकर लगती है ज्योति वहाँ से जाने लगती है तभी किसी से टकरा जाती है...
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"अब आगे"
ज्योति भाग कर जा रही थी तभी किसी से टकरा जाती है.... ज्योति झटके से पीछे होती है और सिर उठा कर देखती है तो ये और कोई नही बल्कि विराज था..
ज्योति घबराते हुए केहती है "मुझे माफ कर दीजिये सर... मैंने जानबूझ कर आपको धक्का नही दिया"
विराज एक बगल हटते हुए कहता है "कोई बात नही तुम जाओ"
विराज का इतना कहना था की ज्योति वहाँ से भाग जाती है उसे भागते देख विराज मुह बनाते हुए कहता है "इसे क्या पी टी उषा बनना है...जब देखो तब भागते रहती है"
फिर वो भी वहाँ से चला जाता है,...
"अगले दिन"
ज्योति अपनी क्लास मे बैठी नोटस बना रही थी तभी वहाँ वही कल वाला लड़का आकर बैठ जाता है और अपने कंधे से उसके कंधे को हल्के से धक्का देते हुए कहता है "हैलो मिस"
ज्योति उससे दूर होते हुए केहती है "ये क्या तरीका है... ऐसे किसी लड़की के पास आना" और वहाँ से जाने लगती है
वो लड़का उसका हाथ पकड़के बैठाते हुए कहता है "अच्छा तो तुम बता दो कैसे पास आते है"
फिर ज्योति की आँखो मे देखते हुए थोड़ा ज़ोर देते हुए कहता है "मिस शर्मिलि"
मिस शर्मिलि सुन ज्योति मुह बनाते हुए अपनी नज़रें झुका के धीरे से केहती है "मेरा नाम मिस शर्मिलि नही है... मेरा नाम ज्योति है"
वो लड़का मुस्कराते हुए कहता है "ये तो बहुत अच्छी बात है"
फिर वो लड़का अपना हाथ आगे करते हुए कहता है "वैसे मेरा नाम अक्षत मेहरा है ....क्या हम दोस्त बन सकते हैं"
ज्योति वहां से उठते हुए कहती है "नहीं मैं लड़कों से दोस्ती नहीं करती" अक्षत उसे दुबारा बैठाते हुए कहता है "फिकर मत करो मेरी ऑलरेडी गर्लफ्रेंड है"
"वैसे एक बात कहूँ....तुम हो बड़ी क्यूट...अगर मेरी गर्लफ्रेंड नहीं होती ना तो मै तुम पर ट्राई जरूर करता"
ज्योति उसको घूरते हुए केहती है "ये कैसी भाषा है... ट्राई करता"
अक्षत उसके गाल खीचते हुए कहता है "अच्छा ठीक है मिस शर्मीली"
फिर उसकी तरफ एक नोटबुक बढ़ाते हुए कहता है "कल के लिए सोर्री... ये तुम्हारे नोटस हैं पुरा कर दिया है मैंने"
ज्योति अपने नोटस देख खुश हो जाती है और उसे पलट पलट कर देखते हुए केहती है "थैँक्यू सो मच... मुझे लगा था आज मुझे क्लास से निकाल देंगे लेकिन तुमने मुझे बचा लिया"
अक्षत खुश होते हुए केहता है "क्या अब हम दोस्त बन सकते हैं"
ज्योति हाथ आगे करते हुए केहती है "हाँ ज़रूर मेरा नाम ज्योति पांडे है.. और मै टीचर बनना चाहती हूँ"
अक्षत ज्योति का हाथ पकड़ते हुए कहता है "मै अक्षत और मै आर्मी मे जाना चाहता हूँ....मेरा मतलब जल्दी ही जोइन करने वाला हूँ"
ज्योति खुश होते हुए केहती है "क्या सच मे वाओ... मुझे तो नही भुलोगे ना आर्मी मे जाकर"
अक्षत मुस्कुराते हुए कहता है "मै तो नही लेकिन मेरे बाद तुम मुझे मत भूल जाना"
ज्योति अपने मुह पर हाथ रखते हुए केहती है "हो... आज ही दोस्त बने और तुम जाने की बात कर रहे हो"
अक्षत उसकी मासूमियत देख मुस्कुराते हुए कहता है "आर्मी वालों का भरोसा नही करते... मिस शर्मीली"
ज्योति झूठ मुठ का नाराज़ होते हुए केहती है "तुम मुझे बार-बार इस नाम से क्यों बुला रहे हो"
अक्षत उसके गाल खींचते हुए कहता है "क्योंकि तुम शर्माती हुई बहुत प्यारी लगती हो"
ज्योति अक्षत को प्यार से देखते हुए केहती है "तुम भी बहुत हैंडसम हो... तो क्या मै तुम्हे मिस्टर हैंडसम बुलाऊँ"
ज्योति की आँखो मे चमक देख.... अक्षत हाँ मे सर हिला देता है
ज्योति खुश होते हुए अपनी बूकस् और नोटस उठाते हुए केहती है "ठीक है मिस्टर हैंडसम कल मिलते हैं... अभी मेरी क्लास है"
इतना केहकर ज्योति वहाँ से चली जाती है
उसे जाता देख अक्षत खुद से ही कहता है "कितनी क्यूट हो तुम" उसके बाद वो भी वहाँ से चला जाता है....
ऐसे ही दिन बीत रहे थे... एक दिन ज्योति अकेली बैठी अपना काम कर रही थी... आज अक्षत कॉलेज नही आया था.... तभी वहाँ विराज आ जाता है... विराज को वहाँ देख ज्योति अपना सर झुका लेती है और धीरे से केहती है "मैंने कुछ नही किया सर.. मै तो बस नोटस... "
विराज उसकी बात काटते हुए कहता है "रेग्गिंग के लिए सोर्री"
विराज का सोर्री सुन ज्योति अपनी आँखे बड़ी-बड़ी करके देखने लगती है... उसे ऐसे घूरते देख विराज कहता है "घूर्ति रहोगी या कुछ बोलोगी भी"
ज्योति खुद को चिमटी काटती है उसके मुह से निकल जाता है "आउच्" और अपना हाथ सेहलाते हुए केहती है "आप सच मे माफी मांग रहे हो "
विराज अपने बाल सेहलाते हुए कहता है "हाँ... वो..वो मै... क्या हम दोस्त बन सकते हैं"
ज्योति मासूम सी शकल बनाते हुए केहती है "मुझे लडाई झगड़े से डर लगता है"
विराज मुस्कुराते हुए कहता है "छोड़ दूंगा लडाई झगडा करना"
ज्योति इधर उधर देखती है फिर कुछ सोचकर केहती है "ठीक है"
उसकी हाँ सुन विराज खुश हो जाता है
और अपना हाथ आगे करते हुए कहता है "तो फिर दोस्त" ज्योति उसका हाथ पकड़ते हुए मुस्कुराते हुए केहती है "दोस्त"
अगले दिन ज्योति विराज को अक्षत से मिलवाती है.... अक्षत पहले तो मना करता है लेकिन ज्योति की वजह से वो दोनो भी दोस्त बन जाते हैं...
धीरे-धीरे उन तीनों की दोस्ती पुरे कॉलेज मे मशहूर होने लगी थी
आज कॉलेज मे कोई फंक्शन होने वाला था
ज्योति पोस्टर बना रही थी.... तभी कोई लड़की पीछे से उसके पोस्टर पर बहुत सारा पेंट गिरा देती है... अपना पोस्टर खराब होते देख ज्योति की आँखो मे आँसु आ जाते हैं
ज्योति अपनी नम आँखो से अपना पोस्टर देख रही थी तभी वो लड़की ज्योति की बाजू पकड़ते हुए केहती है "जितनी भोलि शकल है... काम उतने ही चालाकी वाले.... ज़रा हमे भी तो बताओ कैसे फसाया है कॉलेज के दो सबसे फेमस लड़को को"
ज्योति उस लड़की से रिक्वेस्ट करते हुए कहती है "तुम गलत समझ रही हो मैंने किसी को नहीं फसाया है....हम बस दोस्त हैं"
लेकिन वह लड़की ज्योति की कोई बात नहीं सुनती है ....और जैसे ही उसे थप्पड़ मारने वाली होती है....कोई उसका हाथ पकड़ लेता है
वो लड़की जब पीछे मुड़कर देखती है तो वो और कोई नहीं अक्षत था
अक्षत उस लड़की का हाथ पकड़े हुए ज्योति का हाथ पकड़ कर उसे अपने पीछे का लेता है और उस लड़की को घूरते हुए कहता है "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस पर हाथ उठाने की" और उसका हाथ झटके से छोड़ देता है......
अच्छी नही बहुत खराब हूँ मै
बेहोशी मे डूबा दे ऐसी शराब हूँ मै
जो पढ़ ना सकोगे ऐसी किताब हूँ मै
शीतलता नही है मुझमे
दोपहर मे देहकता आग हूँ मै
समझ ना सकोगे ऐसा जवाब हूँ मै
सब कुछ सामने होकर भी साफ ना होगा
ऐसा उलझा किरदार हूँ मै
ऐसा उलझा किरदार हूँ मै....
@Secret_writter_1402
अक्षत क्या करेगा उस लड़की के साथ? कैसे भोली-भाली सी ज्योति इतनी खतरनाक आर्मी ऑफिसर बन गई ? जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स
मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए
..........बाय बाय........
Varsha_Upadhyay
01-Feb-2023 07:00 PM
Nice 👍🏼
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Rajeev kumar jha
31-Jan-2023 12:56 PM
शानदार भाग
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Gunjan Kamal
29-Jan-2023 11:27 AM
बेहतरीन भाग
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