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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 26

ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 26

             मुझे तुमपर भरोसा है

अब तक आपने पढ़ा ज्योति को दिल्ली आर्मी हेड क्वार्टर बुलाया जाता है वही रॉकी दो लड़कियों को लेकर आता है जिनकी आंखें नीली होती हैं लेकिन देवांश मना करते हुए कहता है कि वह दोनों ब्लैक बैंगल्स नहीं है ज्योति जब दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचती है तो किसी से टकरा जाती हैं जिसकी आवाज़ उसे जानी पहचानी लगती है

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"अब आगे"

ज्योति जल्दबाजी में एयरपोर्ट से निकल रही थी तभी किसी से टकरा जाती है ...ज्योति सॉरी बोलकर आगे बढ़ने लगती है तभी वह आदमी कहता है "ज्योति तुम यहां कब आई"...ज्योति को उस शख्स  की आवाज बहुत जानी पहचानी लगती है वो जब पीछे मुड़कर देखती है तो यह कबीर था ज्योति उसे देखते हुए कहती है "तुम यहां क्या कर रहे हो कबीर"

कबीर मुस्कुराते हुए कहता है "कुछ नहीं बस एक मीटिंग खत्म करके कैनेडा से आज ही वापस आया हूं"
कबीर ज्योति को ऐसे परेशान देख पूछता है... "तुम परेशान लग रही हो कोई बात है क्या"..ज्योति मुस्कुराते हुए कहती है."नहीं कोई सीरियस बात नहीं है बस यूं ही थोड़ा काम था इसलिए दिल्ली आई हूं"

कबीर कहता है "अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम ना हो तो मै तुम्हें छोड़ देता हूं , जहां भी जाना है"..ज्योति मना करते हुए कहती है "नहीं कोई बात नहीं मैंने कैब बुक कर ली है"....कबीर मुस्कुराते हुए कहता है "तो कैंसिल कर दो इसमे कौन सी बड़ी बात है"

ज्योति कहती है.."नहीं कबीर थैंक यू मैं मैनेज कर लूंगी" इतना कहकर ज्योति कबीर की बात सुने बिना वहां से निकल जाती है कबीर कंफ्यूज होते हुए कहता है "यह लड़की हमेशा इतनी जल्दी में क्यों रहती है"...इतना कहकर वह भी अपने ऑफिस के लिए निकल जाता है

ज्योति कैब में बैठकर किसी को कॉल करती है और नाराज होते हुए कहती है "मैंने तुमसे कहा था कबीर ओब्रोइ पर नजर रखने के लिए लेकिन तुमसे एक काम भी ढंग से नहीं होता...मुझे रात तक सारी इंफॉर्मेशन चाहिए कबीर  केनेडा कब गया, क्यों गया और अगर तुमने पता करके नहीं बताया तो मैं तुम्हारे साथ क्या करूंगी यह तुम अच्छे से जानते हो" इतना कहकर ज्योति सामने वाले की बात सुने बिना फोन काट देती है

आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचकर ज्योति सीधी मीटिंग रूम में जाती है जहां पर विक्रम सिंह और केएम करिअप्पा पहले से मौजूद थे...ज्योति सबको सलूट करते हुए कहती है ..."जय हिंद सर"..विक्रम सिंह ज्योति को देखते हुए कहते हैं 
"सो मिस कैप्टन ज्योति पांडे , इस बार की  नाकामयाबी को किस तरीके से आप एक्सप्लेन करेंगी .. मानते हैं ये आपकी पहली नकामयाबि है लेकिन आप जानती हैं आपकी इस लापरवाही का नतीजा क्या हो सकता था...हम अपने तीन बहादुर जवान और पुलिस डिपार्टमेंट अपने तीन काबिल ऑफिसर खो देता एंड वन ऑफ द मोस्ट इंपोर्टेंट थिंग इज़
कि यह सब आपकी एक लापरवाही की वजह से हुआ है...आपने सोच भी कैसे लिया की पासवर्ड आपको इतनी आसानी से मिल सकता है बिना किसी मेहनत के"

ज्योति एक गहरी सांस लेती और कहती है ..."हां मेरी गलती है मैं मानती हूं और मैं कोई सफाई नहीं दूंगी क्योंकि लापरवाही हुई है मुझसे ...लेकिन एक सच यह भी है कि...आप गैरों से सतर्क रह  सकते हैं ..दुश्मनों को हरा सकते हैं लेकिन अपनों में छुपे दुश्मनों से आप खुद को नहीं बचा सकते...हमारे ही फोर्स के एक बहुत ही काबिल ऑफिसर की गद्दारी का नतीजा हमें भुगतना पड़ा...लेकिन यहां गलती मेरी है कि मैंने भरोसा किया इसके लिए आप मुझे जो सजा देंगे मुझे मंजूर है मैं अपनी सफाई में बस इतना ही कहना चाहूंगी"

विक्रम सिंह कहते हैं "ठीक है तो उस ऑफिसर को हमारे सामने ले आओ , इस बात का फैसला हम खुद कर लेंगे की गद्दारी किसने की सबूत तो होगा ना आपके पास"
 ज्योति कहती है "मुझे मंजूर है मैं सबूत और उस शख्स को कल तक आपके सामने पेश कर दूंगी"
"केएम करिअप्पा कहते हैं लेकिन तुम इतनी बड़ी लापरवाही कर कैसे सकती हो तुमसे इस लापरवाही की उम्मीद नहीं थी"
ज्योति खामोश रहती है.. के एम करिअप्पा नाराज़ होते हुए कहते हैं.. "मैंने जवाब मांगा है.. जवाब दो"

ज्योति अपने आँसु रोकते हुए केहती है.. "सॉर्री सर लेकिन  कुछ मेरे अपने पर्सनल इशु थे जिसकी वजह से मुझसे गलती हो गई'
विक्रम सिंह नराज़ होते हुए कहते हैं... "जो होना था  हो चुका है उसे मै नही बदल सकता लेकिन तुम्हे देवांश के मिशन से पीछे हटना होगा"

विक्रम सिंह की बात सुन ज्योति उन्हे देखते हुए केहती है "आप ये गलत कर रहे हैं... आप मेरे साथ ऐसा नही कर सकते" विक्रम सिंह ज्योति को घूरते हुए कहते हैं.. "आपको क्या लगता है मिस की आप अपनी इस लापरवाही के साथ देवांश से डील कर पाएंगी... वो देवांश है कोई आम गैंगस्टर नही"

"आप भूल रहे हैं सर है तो वो भी इंसान ही" विक्रम सिंह कुछ पल ज्योति को देखते हैं फिर कहते हैं.. "आप इस मिशन पर जायेंगी या नही ये फैसला मै आपके सिनियर पर छोड़ता हूँ मुझे आप अपनी रिपोर्ट दे सकते हैं" 
इतना केहकर विक्रम सिंह वहाँ से जाने लगते हैं.. तभी ज्योति केहती है "मेरे लिए आपकी मार्ज़ी बहुत मायने रखती है" विक्रम सिंह कुछ देर खामोश रहते हैं फिर कहते हैं "मुझे भरोसा है ऑफिसर" इतना केहकर विक्रम सिंह वहाँ से निकल जाते हैं

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"अमृत्सर"

हॉस्पिटल से जाने के बाद विराज और अरमान वापस होटल मे आते है...जहाँ अब तक पुलिस और मीडिया पहुँच चुकी थी निर्जला की मदद से विराज और अरमान अविनाश को होटल से बाहर निकालते हैं... 

अविनाश को गाड़ी मे डालने के बाद अरमान कहता है "यहाँ तुम्हारा काम खतम होता है विराज.. तुम्हे अब वापस लौट जाना चाहिए"

विराज अरमान को देखते हुए कहता है.. "उसे मेरी ज़रूरत होगी अरमान"
अरमान विराज को बहुत ध्यान से देख रहा था फिर कहता है."हम फौजियों को आदत होती है विराज इन सब की.. उसपर जो इलज़ाम लगे हैं वो उसे हटा लेगी.. तुम फिकर मत करो.. हाँ तुम बस अपनी दोस्त के बारे मे पता लगाओ ओक्के" 
विराज हाँ मे गर्दन हिला देता है... अरमान अविनाश को लेकर दिल्ली के लिए निकल जाता है...और विराज वापस होटल आ जाता है.. और किसी को कॉल करता है.. "मुझे ज्योति की पिछले 3 साल की सारी इंफोर्मेशन चाहिए शाम तक"

इतना केहकर विराज कॉल काट देता है... 

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"पटना"

होटल मे देवांश किसी को कॉल करता है.. "कुछ पता चला ज्योति का" सामने वाले  की बात सुन देवांश गुस्से मे अपना फोन पटक देता है फिर
देवांश शीशे मे खुद के अक्स को देखते हुए कहता हैं..."बहुत खेल लिया प्यार से अब खेल देवांश के तरीके से खेला जायेगा... देवांश के चेहरे पर इस वक़्त बहुत खतरनाक एक्सप्रेशन थे.... 

क्या विराज जान पायेगा ज्योति के फौजि बनने के पीछे की वजह? क्या के एम करियप्पा ज्योति को देवांश के मिशन पर जाने की इजाज़त देंगे? किस खेल की बात कर रहा है देवांश? 

जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लेक बेंगल्स मिलते हैं अगले चेप्टर मे

.................बाय बाय...........

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:07 AM

Nice part

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Abhilasha Deshpande

20-Feb-2023 02:57 PM

Nice

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अदिति झा

07-Feb-2023 11:55 PM

Nice part 👌

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