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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 18

ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 18

           ज्योति और विराज की कुछ पुरानी यादें

अमृत्सर 

"रेस्टोरेंट"
 
अरमान की शांत और समझदारी वाली बात पर ज्योति को हसी आ जाती है...ज्योति हस्ते हुए कहती है.. "ये गुंडा मवाली तुम्हे कहाँ से समझदार लगता है".... ज्योति की बात सुन विराज का मुह बन जाता हैं.... अरमान , आर्या, निर्जला और जसप्रीत तो ज्योति को ऐसे देख रहे थे जैसे कोई अजूबा देख लिया हो
आर्या अपनी आँखे बड़ी बड़ी करके ज्योति को देखते हुए कहता है...
"तुम मजाक मस्ती भी कर सकती हो क्या"......आर्या की इस बात पर ज्योति खामोश हो जाती है तभी विराज कहता है

"अरे इससे क्या पूछ रहे हो मुझसे पूछो तुम सब को तो पता भी नहीं होगा यह कॉलेज में थी कैसी.. जितनी मस्ती ये करती थी उतनी तो हम भी नही करते थे"
"मै तुम सबको हमारी दोस्ती की कहानी सुनाता हूँ"..  आर्या एक्साइटेड होते हुए कहता है "हाँ हाँ ज़रूर"..... विराज उसे एक नज़र देखता है फिर कहना शुरू करता है... 

"हम फर्स्ट ईयर में पहली बार मिले थे,मैं इसका सीनियर था और रैगिंग लेने का शौकीन भी, इसका कॉलेज में फर्स्ट डे था और हम फ्रेशर्स की टांग खिंचाई कर रहे थे , यह भी फ्रेशर थी"
 
"पहली बार जब देखा था, तब इसने कॉटन की प्रिंटेड सूट पहना था  हाथों में किताबें और बालों की चोटी वह भी बहुत सारा तेल लगा कर  और आंखों में टीचर बनने का सपना लिए कॉलेज आई थी".. 

"मैंने जब इसका नाम पूछा तो एकदम सीधा सा जवाब विराज आँखे घुमाते हुए कहता है..नाम बताया ज्योति पांडे....जब मैंने कहा गाना गाकर सुनाओ....तो केहती मुझे गाना नही आता बहुत डराने और धमकाने के बाद इसने गाना गाया  पहली बार जब मैने इसका गाना  सुना था कसम से वही घायल हो गया था, मैंने इसे जानबूझकर एक रोमांटिक गाना दिया था लेकिन लगा नहीं था यह इतना फील के साथ गा पाएगी"

उसके बाद हम धीरे-धीरे दोस्त बन गए, क्योंकि यह पढ़ने में अच्छी थी और मुझे हमेशा कभी नोट्स तो कभी टॉपिक समझाने के लिए कोई ना कोई चाहिए होता था, यह ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी कोई कुछ बोले तो बस चुपचाप रोने लग जाती थी हमारा एक और दोस्त था ज्योति की उसके साथ ज्यादा बनती थी मैं तो इसके लिए बस एक स्टूडेंट जैसा था ,जब मैं इसके साथ होता था तो यह घबरा जाया करती थी डरती थी मुझसे क्योंकि कॉलेज में मैं अपनी गुंडागर्दी के लिए फेमस था यह मुझसे डरती थी और मैं इसके डर को इसका शर्माना समझ बैठा इसलिए मैं इसको मिस शर्मीली कहता था"


देवांश की बात काटते हुए ज्योति कहती है...."उसके बाद एक दिन मैं प्ले ग्राउंड में बैठी नोट्स बना रही थी तब कॉलेज के कुछ लड़के मुझसे बदतमीजी कर रहे थे उस दिन पहली बार मुझे विराज से डर नहीं लगा उसका साथ होना एक सुरक्षा जैसा लगा"

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"फ्लैशबैक"

कॉलेज प्ले ग्राउंड में एक लड़की कॉटन का सूट पहने चुपचाप बैठी अपनी कॉपी में कुछ लिख रही थी ...तभी वहां कुछ लड़के आ जाते हैं और उस लड़की की किताब छिनते हुए कहते हैं...."बहुत दुख की बात है ,तुम्हारी तरफ कोई देखता भी नहीं है ,कोई बात नहीं हम हैं ना हम तुम्हें अच्छे से देखेंगे"
इतना कहकर लड़का जैसे ही ज्योति के दुपट्टे की तरफ हाथ बढ़ाता है ज्योति पीछे हट जाती है
"देखिए प्लीज मुझे पढ़ लेने दीजिए मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी"........इतना कहकर वह जैसे ही वहां से जाने लगती है

 वह लड़का उसका हाथ पकड़ लेता है .ज्योति उससे अपना हाथ छुड़ा ते हुए कहती है देखिए प्लीज मुझसे दूर रहिये मुझे किसी का छूना पसंद नहीं है"
और फिर जाने लगती है... तभी वो लड़का ज्योति का दुपट्टा खिच लेता है... और कहता है
"कोई बात नहीं धीरे-धीरे सब पसं... वह लड़का आगे कुछ कहता तभी उसके मुंह पर एक जोरदार घुसा पड़ता है और वह लड़का एक तरफ जाकर गिरता है ....और विराज जिसने जींस और टीशर्ट पहनी थी ज्योति के आगे आकर खड़े हो जाता है 
उस लड़के को एक नजर देख कर ज्योति की तरफ मुड़ जाता है और ज्योति को एक मुस्कान के साथ ताना मारते हुए कहता है "अरे वाह शर्मीली इतना अच्छा रिक्वेस्ट करना कहां से सीखा"

 ज्योति जो अपने दोनों हाथों से खुद को छुपा रही थी विराज को एक नजर देखती है....जिसकी नजरें उसके चेहरे पर टिकी थी वह अपनी नजरें झुका लेती है और उसकी आँखो से आँसु बेह जाते हैं.. 

  विराज जो अभी तक मजाक के मूड में था ज्योति को ऐसे देख पहली बार उसके दिल में दर्द सा होता है ...ज्योति का  वह डरा हुआ चेहरा विराज के अंदर के गुस्से को भड़का देता है
विराज गुस्से में उस लड़के की तरफ मुड़ता है और उसके हाथ से ज्योति का दुपट्टा ले लेता है और और उसे उड़ाते हुए कहता है

"ज्योति मुझे वीर कहती है , इसका यह मतलब नहीं है कि तुम लोग भूल जाओ की विराज सुधर गया है, और आज मैं तुम लोगों को अच्छे से याद दिला दूंगा की तुम्हारे लिए मैं आज भी विराज ही हूं"

 तभी उनमें से एक लड़का कहता है "देखिए विराज भाई हमने ना आपको कुछ कहा है और ना ही आपके दोस्तों को और वैसे भी यह लड़की आपकी कुछ नहीं लगती"....विराज गुस्से में उस लड़के का गला पकड़ लेता है उस लड़के का दूसरा दोस्त जैसे ही विराज को मारने आता है विराज एक घुसा उसके मुंह पर मारता है और कहता

 है "तुम्हारी पहली गलती , तुम यह भूल गए कि वह मेरी दोस्त है, तुम्हारी दूसरी गलती कि तुमने उसे बिना उसकी मर्जी के छुआ, और तुम्हारी तीसरी और सबसे बड़ी गलती तुमने उसे डराया, जिसकी आंखों में मैं घबराहट तक नहीं बर्दाश्त कर सकता, तुमने उसे डरा दिया, तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुई उसे हाथ भी लगाने की"

 इतना कहकर विराज उन लोगों को बहुत बुरी तरीके से मारने लगता है वह लड़का जिसने ज्योति का दुपट्टा छिना था उसके हाथ को मोड़ते हुए कहता है ...."जिससे मैं बुरी नज़र से देखता नही हूँ  तेरी हिम्मत कैसे हुई उसे हाथ लगाने की"

 विराज उस लड़के को बहुत बुरी तरीके से मार रहा था वह लड़का लगभग बेसुध हो चुका था...ज्योति को विराज के गुस्से से डर तो बहुत लग रहा था लेकिन फिर भी, उसे डर था कि अगर उस लड़के को कुछ हो गया तो विराज का करियर खतरे में आ जाएगा, ज्योति विराज को रोकने की कोशिश करते हुए कहती हैं 

"वीर प्लीज उसे छोड़ दो नहीं तो मर जाएगा"...विराज उसे मारते हुए कहता है "तो जीकर करेगा भी क्या" अब तक वहां पूरा कॉलेज इकट्ठा हो गया था लेकिन कोई भी कुछ कर नहीं रहा था क्योंकि विराज के गुस्से से सब डरते थे ज्योति बहुत कोशिश करती है विराज को रोकने की लेकिन विराज रुक नहीं रहा था तभी ज्योति गुस्से में चिल्लाती है
"तुम्हें मेरी कसम है, वीर अगर तुमने उसे एक  और बार मारा तो" 
ज्योति का इतना कहना था कि विराज के हाथ रुक जाते हैं विराज अपनी आंखें कसकर बंद कर लेता है और उस लड़के को छोड़ देता है फिर गुस्से में ज्योति को देखता है...और वहां से जाने लगता है...तभी ज्योति रोते हुए कहती है

" वीर प्लीज"...विराज अपनी जगह पर ही रुक जाता है और धीरे से ज्योति की तरफ पलट ता है विराज का गुस्सा अब धीरे-धीरे शांत हो गया था ज्योति कुछ पल उसे देखती है फिर भाग कर आकर उसके गले लग जाती है
ज्योति के अचानक  गले लगने से विराज की मुठिया कस जाती है विराज चुपचाप बस खड़ा था ज्योति थोड़ी देर बाद उससे अलग होती है और कहती है "थैंक्यू विर" विराज मुस्कुरा देता और कहता है "चलो तुम्हें घर छोड़ देता हूं"

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"फ्लैश बैक एंड"

उसके बाद हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे...."मैं विराज को बहुत परेशान करती थी, और यह मेरे सारे नखरे झेल लेता था, पूरे कॉलेज में हम तीनों की दोस्ती सबसे ज्यादा फेमस थी जिसमें दो लड़के और मैं एक अकेली लड़की थी"

 तभी विराज कहता है "हम इस एक अकेली लड़की को नहीं झेल पाते थे और दोस्त क्या बनाते"...ज्योति मुंह बनाते हुए कहती है "इसका मतलब तुम मुझे झेलते थे"
विराज ज्योति का मजाक उड़ाते हुए कहता है.."बिल्कुल तुम्हें कोई शक है क्या, तुम्हें पता है तुम्हें मिस्टर हैंडसम क्या कहता था, वह तुम्हें, मिस बेवकूफ कहता था" विराज थोड़ा उदास होते हुए कहता है कितने साल हो गए मिस्टर हैंडसम से बात नहीं हुई

मिस्टर हैंडसम नाम सुनते ही ज्योति उदास हो जाती है विराज उससे पूछता है "तुम्हें तो पता होगा ना , वह कहां है क्योंकि दुनिया में वह कहीं भी चला जाए तुम्हें बिना बताए नहीं जाता"
विराज की बातें ज्योति को घुटन दे रही थी विराज फिर कहता है "बताओ ना कहां है मिस्टर हैंडसम" 
सब ज्योति को ही देख रहे थे.. 

कौन है मिस्टर हैंडसम? क्या ज्योति विराज को मिस्टर हैंडसम का पता बताएगी? क्या रिएक्शन होगा अरमान और आर्या का ज्योति के बारे में जानकर ? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में

..................बाय बाय...........

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:01 AM

Nice part

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:10 PM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:35 AM

शानदार भाग

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