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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 12

ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 12

    पैरों में पायल हाथों में मेहंदी मैं तेरा दूल्हा तू बन मेरा कैदी


हैलो फ्रेंड्स कैसे हैं आप लोग उम्मीद करती हूँ अच्छे होंगे अब तक आपने पढ़ा... ज्योति अपने भाई को बताती है की उसका अगला टार्गेट कबीर ओब्रोइ है वही देवांश रॉकी को ज्योति के बारे मे इंफोर्मेशन लाने के लिए कहता है.. ज्योति के पास अर्जेंट नाम से एक कॉल आता है जिसमे अमृतसर के होटल मे अपनी टीम के साथ जाने के लिए कहा गया है.... 

अब आगे

देवांश कुछ देर काम करता है... फिर अपना सिर पीछे सोफे से लगा लेता है... और आँखे बंद कर लेता है उसके आँखे बंद करते ही उसे ज्योति का हस्ता हुआ चेहरा याद आ जाता है.... 

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"केरला"

मिस्टर करियप्पा के घर पर... विराज भागता हुआ आता है.. और मिस्टर करियप्पा से कहता है.. "डेड अमृतसर मे क्या होने वाला है".. मिस्टर करियप्पा उसे अजीब नज़रों से देखते हुए कहते हैं... "अमृतसर से तुम्हारा क्या लेना देना है".. 

विराज उन्हे अपना फोन दिखाते हुए कहता है... ये मेसेज देखिये "मुझे अमृतसर आने को कहा गया है"... मिस्टर करियप्पा कुछ पल विराज के फोन को देखते हैं फिर कहते हैं...."इस बार लगता है डील बड़ी है"... "अगर तुम नही जाना चाहते"... तो "मै उसे मना कर दूंगा"

विराज कंफ्यूज़ होते है कहता है.. आप इसके बारे मे जानते हैं.. मिस्टर करियप्पा कहते हैं.. "मै बस इतना जनता हु".... ऐसा कोई भी मिशन "जो सिक्रेट हो"... उसको लीड ज्योति करती है या फिर कोई और.... और अगर "इंडिया के अंदर है तो वही करेगी".... 

ये सुन कर विराज की आँखे बड़ी हो जाती है वो शॉक होते हुए कहता है... "क्या वो इतनी काबिल है"... मिस्टर करियप्पा मुस्कुराते हुए कहते हैं "खुद देख लेना"..... विराज कुछ सोच कर कहता है फिर तो इस मिशन पर जाना बनता है.... मिस्टर करियप्पा ऑल द बेस्ट बोल कर वहाँ से निकल जाते हैं.. 

और विराज मुस्कुराते हुए खुद से ही कहता है "आ रहा हु मिस शर्मिलि".... और अपनी पैकिंग करने चला जाता है... 

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पटना

"ज्योति का घर"

ज्योति को काम करते करते शाम होगई थी.... काम से फ्री होकर ज्योति अपना फोन चेक करती है.... जिसमे सारे ऑफिसर्स की लिस्ट थी और उसमे उनके नाम एड्रेस और मोबाइल नंबर भी था..... ज्योति सबको मेसेज करती है... "हैलो ऑफिसर्स मै कैप्टन ज्योति पांडेय आप सबको इंफोर्म करती हु ....की कल रात 8 बजे तक सभी मुझे अमृतसर के होटल श्रीमाया मे मिले इस मिशन का नाम "ओपरेशन टी एन है" और टेग लाइन है.. "पैरो मे पायल हाथों मे मेहंदी,, मै तेरा दुल्हा तु बन मेरा कैदी" जो टाइम पर नही आया उसे आने की ज़रूरत नही है.... जै हिंद 
इतना लिख कर ज्योति सबको मेसेज सेंड कर देती है... 

ज्योति अपनी पैकिंग करती है.... और नीचे डिनर करने चली जाती है ज्योति जब नीचे आती है तो देखती है  सभी लोग डिनर टेबल पर बैठे उसी का इंतजार कर रहे थे 
ज्योति भी डिनर करने बैठ जाती है और सब को देखते हुए कहती है "मुझे कल किसी काम से बाहर जाना है"...."2 दिन बाद वापस आ जाऊंगी"......उसका इतना कहना था कि राजेश जी पूछते हैं "कहां जाना है और क्यों जाना है"......ज्योति अपनी मां को देखते हुए कहती है "मां मैं अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ आउटिंग पर जा रही हूं 2 दिन में वापस आ जाऊंगी".....उमा जी कहती हैं लेकिन "तू अभी तो आई है"......"कभी और चली जाना"
 दीपक भी कहता है "अभी आउटिंग पर जाने की क्या जरूरत है" "अगले महीने चली जाना".....ज्योति उसे समझाते हुए कहती है "भैया प्लीज जाने दो ना मेरी सारी दोस्त जा रही है"......."फिर पता नहीं मौका मिले ना मिले"....तभी राजेश जी उमा जी से कहते हैं "तू जरा भी इस पर नजर नहीं रखती है"........"महीनों महीनों बाद घर आती है"......."कहां रहती है किसके साथ रहती है कभी खबर लि तूने इसकी"......और गालियां देने लगते हैं उनका व्यवहार देख दीपक समझाते हुए कहता है "पापा घूमने ही तो जा रही है"........"हमेशा बिजी रहती है थोड़ा घूम आएगी तो इसका भी मन बहल जाएगा".....राजेश जी गुस्सा करते हुए कहते हैं "तू तो चुप ही रह सर पर चढ़ा रखा है इसको"......"लड़की है जरा भी ख्याल नहीं है रात भर मोबाइल में जाने क्या करती रहती है"

यही "पायल को देख वह भी नौकरी करती है छुट्टी आती है तो पूरे दिन घर में रहती है"......और एक यह है घर में पैर टिकते ही नहीं है इसके
ज्योति गुस्से में टेबल से उठते हुए कहती है "आपको पूरी दुनिया में सिर्फ दो ही लोग तो अच्छे लगते हैं एक आपकी भाभी और एक आपकी भतीजी पायल"........और रही बात मेरी  "मुझ में तो दुनिया की सारी बुराई लगती है आपको"......"बचपन से उसके जैसा काम करो उसके जैसा घर संभालो फिर नौकरी लगी तो उसकी जैसी नौकरी करो"

 अरे "सी आई एस एफ में है वह .....वो भी कांस्टेबल और मैं इंडियन आर्मी मे ऑफिसर फिर भी जब देखो तब पायल पायल"
और "क्या आप उसके गुणगान करते रहते हैं"......"जानते क्या हैं आप उसके बारे में"......लेकिन खैर "मुझे आपको बताना भी नहीं है"

 लेकिन एक बात हमेशा याद रखिएगा "मैं तब भी उससे ज्यादा काबिल थी मैं आज भी उससे ज्यादा काबिल हूं".....और अगर आपको इतनी ही पसंद है तो आप उसे गोद क्यों नहीं ले लेते" इतना कहकर ज्योति अपने कमरे में भाग जाती है 

राजेश जी गुस्से में उमा जी को गालियां देने लगते हैं दीपक गुस्से में चिल्लाता है "बस करिए पापा आपकी इन हरकतों की वजह से वह घर नहीं आती कभी आप लोगों ने उसे कभी चैन से जीने ही नहीं दिया".....दीपक उमा जी की तरफ देखते हुए कहता है बस इसी वजह से "मै शादी नही करना चाहता था"... रोज़ रोज़ बस लडाई झगड़े... 
और एक बात पापा "आपको हो ना हो मुझे मेरी बहन पर आपसे ज़ादा भरोसा है"... 
इतना केहकर दीपक भी अपने कमरे मे चला जाता है.... राजेश जी गुस्से मे उमा जी को घूरते हुए वहाँ से चले जाते हैं.... 

"आपकी इन्ही हरकतो के कारण मुझसे मेरे दोनो बच्चे दूर होते जा रहे हैं"... उमा जी भी अपना खाना छोड़ चली जाती हैं... 

ज्योति रूम मे आती है और खामोश खड़ी उस वाइट बोर्ड को देखती रहती है.... फिर अपनी डायरी लेकर बैठ जाती है और उसमे लिखने लगती है (ओहो माफ करियेगा मै तो आप सबको बताना ही भूल गई की हमारी ज्योति को डायरी लिखने का शौक है वो रोज़ रात को डायरी लिखती है).. 

कुछ देर लिखने के बाद सोने चली जाती है..... 

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"देवांश का कमरा"

देवांश सोफे पर आराम से बैठा था और उसके सामने रॉकी खड़ा था जिसके हाथ में एक फाइल थी देवांश अपने कॉफी का मग उठाते हुए कहता है.... "बोलना शुरू करो".... 

ज्योति के पापा होनरी कैप्टन से रीटायर हैं... "माँ हाउस वाइफ हैं".. छोटा भाई आर्मी मे है बड़ा भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर... और वो खुद टीचर है...पहले दिल्ली मे पढ़ाती थी... और अब पुणे शिफ्ट हो गई है... लेकिन एक बात जो बहुत अजीब है उसे कई बार आर्मी के कुछ ऑफिसर्स के साथ देखा गया है.... जिनमे से एक आर्या मिश्रा है.. और एक अरमान सिंह शेखावत.....ज्यादातर ज्योति को इन दो ऑफिसर के साथ ही देखा गया है और एक बहुत अजीब बात है कई बार ज्योति दो 2 दिन तक रूम से बाहर ही नहीं आती है

और एक सबसे अजीब बात है..."वह अपने स्कूल से कभी भी छुट्टी ले लेती है"...   और कभी-कभी तो "अपनी आधी क्लास छोड़ कर चली जाती है".और फिर भी उसे कोई कुछ नहीं कहता और दोस्त के मामले में अभी तक कोई खास दोस्त पता नहीं चला है "फिलहाल के दिनों में उसे कबीर के साथ देखा गया है"....कबीर और ज्योति की दोस्ती अभी कुछ महीने पहले ही हुई है ज्योति ने कबीर की मदद की थी वह भी तब जब वो हॉस्पिटल में था कबीर ज्योति की बहुत इज्जत करता है लेकिन एक बात कि कबीर उसे पसंद करता है

 लेकिन जब दोनों की दोस्ती हुई थी तब ज्योति ने उससे वादा लिया था कि वह दोनों से दोस्त रहेंगे
इतना कह कर रॉकी शांत हो जाता है देवांश उसे तिरछी नजर से देखते हुए कहता है "आगे बोलो" 
ज्योति के बारे में इतनी ही इंफॉर्मेशन मिली है "इससे ज्यादा इंफॉर्मेशन हम नहीं निकलवा पा रहे हैं क्योंकि हमें कबीर ओबरॉय और उसके अलावा कोई और भी है जो रोक रहा है" लेकिन एक बात तो तय है ...."जो वह दिखती है वह है नहीं"
 
"ब्लैक बैंगल्स का कुछ पता चला".....नहीं लेकिन बस इतनी खबर मिली है जम्मू कश्मीर के डोडा इलाके में उसने कुछ आतंकवादियों को जो हथियारों के साथ इंडिया में घुस रहे थे उन्हें मारा है.....और "उनमें से एक को तो बहुत बुरी तरीके से मारा है".....इससे ज्यादा उसके बारे में कुछ नहीं पता देवांश एक व्यंग भरी मुस्कान के साथ कहता है इतना पावरफुल होने के बाद भी "यह दो लड़कियां मेरे लिए मिस्ट्री बनी हुई है"... 

कौन है मिस शर्मिलि ? क्या होने वाला है इस मिशन पर ? आर्मी की तीन तिगड़ी कौन है? क्यों ज्योति इतनी नफरत करती है देवांश से? कबीर क्यों रोक रहा है ज्योति के बारे मे जानकारी इकट्ठा करने से? और कौन है जो देवांश को रोक रहा है? 

जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी ब्लैक बैंगल्स मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक खुश रहिए आबाद रहिए पटना रहिए या इस्लामाबाद रहिए

    .............बाय बाय......

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4 Comments

madhura

11-Aug-2023 06:57 AM

Very nice

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शानदार भाग

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:13 PM

Nice 👍🏼

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