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नादान

।।प्रलय मिजाइलें-नवण प्रणाम में।।
आज पौष सुदी छट्ट विक्रमी सम्वत् 2079 बुधवार तदनुसार 28 दिसम्बर, 2022 को लेखनी दैनिक प्रतियोगिता हेतु विषय *नादान* है। नादानी पाकिस्तान अर चीन कर रहा है। हमारी शांति भंग कर रहा है। मजबूरी में भारत माँ को कदम उठाना पड़ रहा है। इसी विषय पर एक विशेष काव्य रचनाः

                    *नादान*

ऐ चीन अर नापाक सुनलो तुम,
जरूरत में प्रलय मचा देंगे हम।
ऐ नादान चीन–पाक सुनो अब,
प्रलय मिजाइलें  लगा देंगे हम।।
 
ऐ नापाक ! मत बन तू सैतान,
हम आवैं तू भागै छोड़़ मैदान।
कर तू अपनी धरा पर आराम,
मत कर तू म्हारी शांति हराम।।

म्हारै सूत मार आनंद ना होगा,
खूद तुम्हें संतान सुख न होगा। 
हमारे पे वार कर  वार पाओगें, 
नादान पाक तू दुखमय रहेगा।।

नादान ऐ चीन नासमझ न हो,
नहीं 62का भारत कांटे न बो। 
फिर भी ना  माना चीन तू तो,
दुष्ट तेरी दुरगत बहुत बुरी हो।।

नादान ! नादान ! पाक नादान !
जिद छोड़ सही मान ! तू मान।
चीन अर पाक निज हकीकत,
देखकर ल्यो जाण ! थे जाण।।

ये मानव जीवन हैं अनमोल,
नापाक 'र' चीन विष न घौल।
नादानों ! प्रलय  नाम नहीं है, 
तुम्हारी करतूतां मारे झौल।।

मानो तो  सभी  दुख जाएँगे, 
मानों तो अच्छे वक्त आयेगें। 
तुम छोड़ दोगे पशुता अपनी,
ऐ नादानों ! भाईचारा पायेंगे।।

पाक नाम है नापाक मत बन, 
निज हाल देख चीन तू न बन।
पावन निज भूमि-विचार कर,
चीन देश में कर अब तूं हवन।।

वरना दोनों  का अंत निकट है,
पृथ्वीसिंह' स्थिति भी विकट है।ईश्वर दे वरदान  पाक-चीन को,
तभी हल होना उनका संकट है।।
©®
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*कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई* 
राष्ट्रीय सचिव, जेएसए, बीकानेर,
लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, हॉउस नं. 313, 
सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास) हिसार
(हरियाणा)-125001 भारत
फोन नंबर-9518139200,
व्हाट्सएप-9467694029

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2 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Haaya meer

30-Dec-2022 07:16 PM

👌👌

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