कबीर दास जी के दोहे
माटी कहे कुम्हार से, तु क्या रौंदे मोय
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोय।।
अर्थ :
मिट्टी कुम्हार से कहती है कि आज तो तू मुझे पैरों के नीचे रौंद रहा है लेकिन एक दिन ऐसा आएगा कि तू मेरे तले होगा अर्थात जीवन में मनुष्य चाहे जितना भी शक्तिशाली हो मृत्यु के बाद उसका शरीर मिट्टी हो जाता है।