कबीर दास जी के दोहे
जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय
यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोए।।
अर्थ :
कबीर दास जी कहते हैं कि आपके मन में यदि शीतलता है अर्थात दया और सहानुभूति है तो संसार में आपकी किसी से शत्रुता नहीं हो सकती। इसलिए अपने अहंकार को निकाल बाहर करें, और आप अपने प्रति दूसरों में भी समवेदना पाएंगे।