अधूरे जज़्बात भाग :- १८" झूठा नाटक "
भाग :- १८ " झूठा नाटक "
यह प्यार ही तो होता है जों इसे करने वाले को इतना बल प्रदान करता है कि वह अपने दुखों को भूलकर दूसरों की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हों जाता है । सुजाॅय भी तो वही कर रहा था और साथ ही शिविका भी ।
शिविका जानती थी कि उसकी बेस्ड फ्रेंड अरण्या एक स्वाभिमानी लड़की है । उसने कभी भी हालातों के सामने घुटने नहीं टेके और ना ही कभी किसी के सामने हाथ फैलाएं । शिविका ने कई बार उसकी मदद करने की कोशिश की जिसे अरण्या ने इन्कार कर दिया । उसे अपने दोस्त की मददगार बनना था लेकिन वह चाहकर भी अपने दोस्त की मदद नहीं कर पा रही थी ।
' मैं तुम्हारी मदद करना चाहती थी अरू लेकिन तुमने मुझसे हमारी दोस्ती में ऊॅंच - नीच , अमीरी-गरीबी को कभी भी नही लाने का वादा करवा कर मेरी इच्छा को कभी भी पूरा नहीं होने दिया । मेरे पास तुम्हें उकसाने और तुम्हें डील करने के लिए मनाने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा था क्योंकि मेरी ऑंखों ने भी तों तुम्हें डाॅक्टर बना देखने का स्वप्न देखा था । तुम्हारे सपने मेरे भी तों सपने थे अरू और इस सपने को पूरा करने के लिए तुमने बहुत मेहनत की थी । उस मेहनत को चंद पैसों के लिए मैं कैसे पूरा नही होने देती ? मैंने तुम्हारे सामने झूठा नाटक किया कि मैं पापा की पसंद से शादी नहीं करना चाहती । अगर मैं ऐसा नहीं करती तों तुम मेरी जगह डेट पर नहीं जाती और हमारे बीच पैसों की डील कभी भी नहीं हों पाती । मुझे खुशी है कि मैं अपने उद्देश्य में सफल रही और तुम्हें विदेश जाने का मार्ग मिल गया और तुम्हें पता भी नहीं चला कि मैंने यह सब सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए किया । तुम्हें कभी मालूम नहीं होगा कि मैंने जो कुछ भी किया सिर्फ तुम्हारी खुशी के लिए किया । मुझे दुख तों सिर्फ इस बात का हों रहा है कि मेरी वजह से सुजाॅय जैसे नेक और शरीफ लड़के का दिल दुखा है । यह तुम्हें प्यार करने लगा है और तुम्हारी खुशी के लिए इसने अपनी खुशियों का भी बलिदान देने का निश्चय कर लिया है । मुझे खुशी है इस बात की कि मेरी तरह सुजाॅय भी तुम्हारी खुशी चाहता है लेकिन साथ ही यह दुःख भी है कि इसकी इस हालत की जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ मैं हूॅं । ना तों मैं तुम्हें डेट पर भेजती और ना ही तुम्हें अरण्या से प्यार होता और ना ही हमें यह दिन देखना पड़ता ।' मन ही मन शिविका यह सोचते ही सिसक पड़ी ।
' क्या हुआ आप पट्टी बाॅंधते हुए किस सोच में डूब गई और आप तों सिसक रही है ? चोट मुझे लगी है और कही दर्द आपको तों नही हो रहा ?' सुजाॅय ने शिविका को यूं सिसकते देख कर कहा ।
' नहीं - नहीं , ऐसी कोई बात नहीं है । वो तों मेरी ऑंख में कुछ चला गया था इसकारण मैं सिसक पड़ी थी और कुछ बात नहीं ।' शिविका ने नजरें नीची कर अपनी ऑंखों के पोरों में आए ऑंसूओं को पोंछने की कोशिश करतें हुए कहा ।
' यें ऑंखें भी बहुत कुछ बता देती है शिविका जी । हम लाख कोशिश कर लें छुपाने की लेकिन यह ऑंखें सच्चाई बयां कर ही देती है । इतना तों मैं भी जानता हूॅं कि आपकी ऑंखो में कुछ गया नहीं है बल्कि आप कुछ सोच कर सिसक पड़ी है । आप और अरण्या जी बहुत अच्छी दोस्त हैं इस बात को मैं जानता हूॅं । वह आपकी बहुत तारीफ कर रही थी । कह रही थी कि मुझे आपसे शादी कर लेनी चाहिए क्योंकि आप बहुत अच्छी है। दूसरी अमीर लड़कियों जैसा घमंड आप में नहीं । आप ऊॅंच - नीच , अमीर - गरीब इन बातों को बिल्कुल भी नहीं मानती । उन्होंने तों मुझे इतना तक कहा कि आपकी जैसी लड़की मुझे दीया लेकर ढूॅंढ़ने से भी नहीं मिलेगी । बहुत तारीफ की आपकी उन्होंने ।' सुजाॅय ने कहा ।
' अच्छा ! अब मैं समझी । अरण्या की बात मान कर आपने शादी के हाॅं कर दी और आज मेरे घर भी चलें आएं । कही ऐसा तों नहीं कि अपने प्यार की खुशी के लिए आप यह कुर्बानी दें रहे है क्योंकि कल तक तो आप कह रहे थे कि हमने आपको धोखा दिया है और आज आपके डैडी जी ने मेरे पापा जी को फोन कर शादी जल्द से जल्द करने की बात भी कर ली और आप यहाॅं आ भी गए ।' शिविका ने कहा ।
' मैंने जों आपसे कल कहा वह ही सच था । आज तों मैं ऐसे झूठ को सच कहने पर विवश हूॅं जों मैं चाहता तक नहीं ।' सुजाॅय ने कहा ।
' आपकी गोल - मोल बातें मेरी समझ से परे है । आपको जों कुछ भी कहना है प्लीज़ खुलकर और साफ - साफ कहिए ।' शिविका ने कहा ।
' बहुत ऐसी बातें है जो मैं आपको बताना तों चाहता हूॅं और शायद मुझे बता भी देनी चाहिए । ' सुजाॅय ने शिविका की तरफ देखते हुए कहा ।
क्रमशः :
" गुॅंजन कमल " 💗💞💓
Seema Priyadarshini sahay
06-Dec-2021 06:15 PM
बहुत ही शानदार
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Chirag chirag
02-Dec-2021 09:18 PM
Bahut badhia mam
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🤫
06-Sep-2021 03:37 PM
बहुत बढ़िया...!! देखते है सुजॉय और शिविका जज्बातों के इस सफर में कितना आगे बढ़ पाते हैं...!!
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