सहजता
सहजता (चौपाई)
स्वाभाविक व्यवहार सरस है ।
सदा बनावट अति नीरस है।।
सहज भाव का करो समर्थन।
इसी भाव का हो अभिनंदन।।
जहाँ सहजता वहीं दिव्यता।
सहज विचारों में मानवता।।
नहीं बनावट में सुख असली।
निर्मित करती दुनिया नकली।।
जो जीता है मौलिकता में।
श्रद्धा रखता नैतिकता में।।
असहज मानव सदा उपेक्षित।
सहज मनुज ही भव्य अपेक्षित।।
सहज मनुज का सादा जीवन।
रचता प्रति क्षण प्रिय जग-उपवन।।
उच्च विचारों का संयोजक।
सुंदर मन का नित उद्घोषक।।
सदा सहजता में शुचिता है।
नित निसर्ग की सुंदरता है।।
तपोभूमि को निर्मित करती।
देव भूमि में रचती-बसती।।
सहज सरल सुंदर शिवमय सम।
सहज भावना अति प्रिय मधु नम।।
जहाँ सहजता शिवता सभ्या।
वहीं दीखती दिव्या भव्या।।
Sachin dev
14-Dec-2022 03:21 PM
Nice 👌
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