जनसहयोग
जनसहयोग (सजल)
जनसहयोग जरूरी होता।
बिन सहयोग न कुछ भी होता।।
जनता में ही शक्ति निहित है।
बिन जनता के कुछ नहिं होता।।
सुनते हैं जनता ही जन्नत।
जन्नत में ही सबकुछ मिलता।।
जन्नत ही असली जनमत है।
जनमत ही सर्वोपरि होता।।
जिसके पास सदा जनमत है।
जग प्रसिद्ध नेता वह होता।।
जनता का सहयोग मिले यदि।
सबकुछ पाना संभव होता।।
जनसहयोगी ईश सरीखा ।
ईश्वर से ही जीवन मिलता।।
राजा यदि हो जाय निरंकुश।
जनसहयोग नियंत्रित करता।।
जनसहयोग रहे यदि कायम।
सकल असंभव संभव होता।।
प्रेम करो जनता से केवल ।
जनसहयोग सिद्धिप्रद होता।।
Pratikhya Priyadarshini
04-Dec-2022 09:15 PM
शानदार प्रस्तुति 🌺🌸
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Muskan khan
04-Dec-2022 05:30 PM
Lajavab
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Gunjan Kamal
04-Dec-2022 05:11 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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