डॉ. रामबली मिश्र
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धर्म
धर्म….(तिकोनिया छंद)
बनो कृपालू,
रहो दयालू।
दिखो विशालू।।
मानव बन चल,
मोहक हलचल।
सुंदर मनबल।।
मोहक बनना,
पोषण करना।
सबमें बसना।।
पार उतारो।
सबको तारो।
मन को मारो।।
दिल में उतरो।
नित प्यार करो।
खुद में सँवरो।।
दान-पुण्य कर,
पाप नहीं कर।
शुभ इच्छा कर।।
Pratikhya Priyadarshini
04-Dec-2022 09:15 PM
Very nice 👌🌺
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Muskan khan
04-Dec-2022 05:30 PM
Very nice 👌
Gunjan Kamal
04-Dec-2022 05:11 PM
बहुत खूब
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Pratikhya Priyadarshini
04-Dec-2022 09:15 PM
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Muskan khan
04-Dec-2022 05:30 PM
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Gunjan Kamal
04-Dec-2022 05:11 PM
बहुत खूब
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