लाइब्रेरी में जोड़ें

धर्म




धर्म….(तिकोनिया छंद)


बनो कृपालू,

रहो दयालू।

दिखो विशालू।।


मानव बन चल,

मोहक हलचल।

सुंदर मनबल।।


मोहक बनना,

पोषण करना।

सबमें बसना।।


पार उतारो।

सबको तारो।

मन को मारो।।


दिल में उतरो।

नित प्यार करो।

खुद में सँवरो।।


दान-पुण्य कर,

पाप नहीं कर।

शुभ इच्छा कर।।





   10
3 Comments

Pratikhya Priyadarshini

04-Dec-2022 09:15 PM

Very nice 👌🌺

Reply

Muskan khan

04-Dec-2022 05:30 PM

Very nice 👌

Reply

Gunjan Kamal

04-Dec-2022 05:11 PM

बहुत खूब

Reply