सम्मान
सम्मान….(सजल)
सम्मानित करना अति गुरुतर।
जग में पाना मान उच्चतर।।
जो करता सम्मन सभी का।
वह उत्तम मानव सुंदर वर।।
यश का भागी वह बनता है।
जो उत्तम भावों का शुभ घर।।
जिसके दिल में प्रेम मेघ है।
वह बनता है प्रिय गंगाधर।।
पापरहित निर्मल मनयोगी।
पा लेता विशुद्ध पावन घर।।
जो रक्षक बन विचरण करता।
वह सम्मानित दिव्य अधिकतर।।
कर सम्मान बनो रघुनायक।
रामचन्द्र सा बन नित प्रियवर।।
जिसके उर में करुणा सागर।
वही प्रबुद्ध -मान हस्ताक्षर।।
दिलवर भाग्यमान शिव शुभप्रद।
पाता वह सम्मान निरन्तर।।
Pratikhya Priyadarshini
04-Dec-2022 09:17 PM
Bahut khoob 🌸👌
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Muskan khan
04-Dec-2022 05:29 PM
बेहतरीन प्रस्तुति
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Gunjan Kamal
04-Dec-2022 05:09 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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