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तू आगे बढ़ता जा बढ़ता जा ओ पथिक

तू अपने कर्तव्य पथ पर रहना अड़िग,
तू वीर तू महावीर तूही अपना यौथिक।
विशाल समुंदर भी कुछ नहीं तेरे आगे,
तू आगे बढ़ता जा बढ़ता जा ओ पथिक।।

ये मार्ग की बाधाएं तुझे आँख दिखाएंगी,
दुनिया की परेशानियां तुझे नोच खाएंगी।
तू अपने इस पथ से भटकना नहीं तनिक,
तू आगे बढ़ता जा बढ़ता जा ओ पथिक।।

यहाँ  गिरना  भी  तुझे  है  संभलना भी तुझे,
यहाँ  हँसना  भी  तुझे है और रोना भी तुझे।
तुझे अपनी कहानी ख़ुदको सुनना है कथिक,
तू  आगे  बढ़ता  जा  बढ़ता जा ओ पथिक।।

तेरा रास्ता रोकेंगी संसार की वस्तएं भौतिक,
कहीं मिल ना जाना तू इनमें जियूँ मिले यौगिक।
इस रणभूमि में तुझे ही बनना है अपना सार्थिक,
तू  आगे  बढ़ता  जा  बढ़ता  जा  ओ पथिक।।

किसी भी परिस्थिति में साहस नहीं खोना है,
किसी के आगे अपना सर नहीं झुकोना है।
तू स्वयं ही स्वयं का है बनना नहीं योथिक,
तू आगे बढ़ता जा बढ़ता जा ओ पथिक।।

यहाँ कोई नहीं तेरा सब दिखावे के यार है,
रिश्ते रिश्ते नहीं लगते अब ये व्यापार है।
तू है हिम्मतवाला "निक्क" तू है साहसिक,
तू आगे बढ़ता जा बढ़ता जा ओ पथिक।।

शब्दार्थ
यौथिक - मित्र
कथिक - कहानी कहने वाला
सार्थिक - सहयात्री
योथिक - झुंड बना कर रहने वाला

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12 Comments

बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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Gunjan Kamal

22-Nov-2022 10:39 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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nikksinghnikhil

23-Nov-2022 12:18 PM

जी धन्यवाद

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Teena yadav

22-Nov-2022 07:42 PM

Superb 👌

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nikksinghnikhil

23-Nov-2022 12:18 PM

Thank you

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