मिश्र कविराय की कुंडलिया
वादा का निर्वाह हो, तो वादा का अर्थ।
कोरा वादा मूर्खता, इसे समझना व्यर्थ।।
इसे समझना व्यर्थ, झूठ वादा धुर्ताई।
है यह मिथ्याचार, मूर्ख की यह चतुराई।।
कहें मिश्र कविराय, सरल हो जीवन सादा।
अपने को खुद तौल, और तब करना वादा।।
वादा करना धर्म है, इसका हो निर्वाह।
यदि वादा पूरा नहीं, तो यह पाप अथाह।।
तो यह पाप अथाह, नरक की राह दिखाता।
बनकर धोखेबाज, स्वयं उपहास कराता।।
कहें मिश्र कविराय, बहक कर बोल न ज्यादा।
नहीं अगर सामर्थ्य, भूलवश मत कर वादा।।
Dilawar Singh
11-Dec-2023 06:15 AM
अति सुन्दर अभिव्यक्ति 🙏बहुत शानदार
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Gunjan Kamal
16-Nov-2022 07:17 PM
शानदार
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आँचल सोनी 'हिया'
15-Nov-2022 11:55 PM
Very nice 👌🌺🌸
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