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कविता----जन्माष्टमी


कविता--जन्माष्टमी

सज गया नगर सब ओर
छाया कान्हा जन्म उत्सव का जोर

गली गली में माखन बट रहे
हुआ जन्माष्टमी का भोर

अज्ञात का वाहक घनश्याम
बाँकेबिहारी कहो या राधा का श्याम

मुरलीमनोहर तुम अपनी मुस्कान यूं बनाए रखना
जीवन नैया का पतवार बस संभाले रखना।

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सीमा...
#दैनिक प्रतियोगिता

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9 Comments

Suryansh

16-Sep-2022 07:13 AM

बहुत ही प्रेममय प्रस्तुति

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Swati chourasia

11-Sep-2022 07:16 PM

बहुत खूब 👌👌

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वाह बहुत ही शानदार शब्द संयोजन जन्माष्टमी के महत्व को व्यक्त करने के लिए

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