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17 शार्ट स्टोरी लघुकथा = इसकी अब शादी करदो ( जेनर = स्त्री विशेष ))


लघुकथा

जेनर = स्त्री विशेष

शीर्षक = इसकी अब शादी करदो



रात के दो बजे थे, हलके से घर का दरवाज़ा खुला चिर,,,,, की आवाज़ के साथ। तभी उस दरवाज़े से एक नौजवान लड़का अंदर घुसा चोरी छिपकर वो थोड़ा अंदर घुसा ही था की अचानक घर की बत्ती जल गयी।


वो लड़का जो चोरी छिपकर अंदर घुस रहा था यूं अचानक बत्ती जलते देख चौक गया। सामने उसकी माँ खड़ी थी।

"अम,,, अम,,, अम्मी आप, इस वक़्त " उस लड़के ने हकलाते हुए कहा


"नालायक तुझे मिल गयी घर में घुसने की फुर्सत बिता आया तू आधी रात अपने अवारा दोस्तों के साथ। तेरी आँखे और तेरी ये चाल बता रही है की तू सिगरेट और शराब पी कर आ रहा है। पता नही वो कोनसी मनहूस घड़ी थी जो तू मेरे घर पैदा हुआ नालायक, बेशर्म तुझे शरम नही आती उस हराम चीज को अपने मुँह लगाते हुए और मेरे इस पाक साफ घर में अपने कदम रखते हुए।


कहा मुझसे भूल हो गयी थी जो तू इन आदतों में पड़ गया। बस यही भूल हो गयी हम दोनों से कि तुझे इकलौता समझ कर तेरे गाल पर सही समय पर चाटे नही मारे।


उसी की सजा तू हम लोगो को दे रहा है। तुझ जैसी बेशर्म औलाद से तो हम लोग बेऔलाद होते तो सब्र आ जाता " उस औरत जिसका नाम शमीम था रोते हुए कहा


"हो गया तुम्हारा आज का, अगर इज़ाज़त हो तो अंदर चला जाऊ " उस लड़के ने जिसका नाम रोहान था नशे में कहा

"जा बगैरत जाकर अपने कमरे में मर जा तेरा बाप अगर जग गया तो बेवजह पूरा मोहल्ला तेरा तमाशा देखेगा और मेरा दिल दुखेगा या अल्लाह ऐसी औलाद किसी दुश्मन को भी मत देना जो बढ़े होकर नशे को अपना रोटी रिज़क बना ले। और माँ बाप की इज़्ज़त भी नही करे " शमीम ने उसे धक्का देकर कहा


"हाँ, देख लूँगा तुम्हारे शोहर को भी ना जाने अपने आप को किया समझते है " रोहान ने लड़खड़ाती जुबान में ज़ीने की सीड़िया चढ़ते हुए कहा


शमीम उसकी ये हालत देख वही बैठ गयी और रोते हुए बोली " ना जाने कोनसे गुनाह की सजा मिली है मुझे अगर पता होता कि ये बढ़े होकर मेरे लाड़ प्यार का नतीजा इस तरह देगा तो मैं इसका गला बचपन में ही दबा देती भले ही बेऔलाद रह जाती कम से कम इस तरसून से तो जान छूट जाती मेरी जो आये दिन ये शराब पी कर जो घर आता है और इसके अब्बू मुझे बाते सुनाते है " कि मेरे लाड़ प्यार की वजह से आज इसकी ये हालत है "

सही तो कहते है मेने और इसकी दादी ने ही तो इसकी बचपन में हर ज़िद्द पूरी की थी और जब बड़ा हो गया था तब भी बहुत सी गलतियों पर इसे मारने के बजाय मेने डांटा तक नही और किसी और को भी डांटने नही दिया क्यूंकि एकलौता जो था डर था कही कुछ हो ना जाए इसे


लेकिन अब मन करता है ये मर ही जाए तो अच्छा है रोज़ रोज़ की लड़ाई झगड़ो से तंग आ गयी हूँ मैं इसके कभी शराब पी कर किसी से लड़ जाता है तो कभी जुए में पैसे हार आता हैं बाप के


किसी दिन मैं इसको यातो खुद अपने हाथो से मार कर मर जाउंगी या फिर खुद ज़हर खा कर इस दुनिया से चली जाउंगी अज़ाब बना दी इस लड़के ने मेरी जिंदगी। इसको इस हालत में इसके बाप ने देख लिया किसी दिन तो उस दिन इसका आख़री दिन होगा इस घर में।


पता नही खुदा ने भी माँ का दिल इतना नर्म और बाप का दिल इतना सख्त क्यू बनाया है अपनी औलाद के लिए। शमीम ये कहते हुए और अपने आंसुओ को अपने दुपट्टे से पोछती और वो वही सो गयी।



अगली सुबह जब  दूध  वाले ने उसके दरवाज़े  पर  दस्तक  दी तो उसकी आँख  खुली  और बोली " क्या मैं यही  सो गयी  थी ? " दूध  वाला भी  आ  गया ।

"रुक जाओ भैया  आ  रही  हूँ अभी  " कहती  हुयी वो बावर्ची खाने की तरफ  दौड़ी वहा  से बर्तन  लाने के लिए सुबह के 5 बज  रहे  थे ।


दूध  वाले ने उसकी सुर्ख आँखे  देख  पूछा  " दीदी आपकी  आँखो  को किया  हुआ कितनी लाल हो रही  है"

"कुछ  नही भैया बस  ऐसे ही कचरा  चला  गया  था  आँख  में " शमीम  ने उससे झूठ  बोलते हुए  कहा और दूध  लेकर  अंदर  आ  गयी ।


तभी  उसके कमरे  से उसके शोहर  बाहर  आये  उसने उन्हें सलाम  किया और बोली " आज  आप  बड़ी  देर से उठे  आपकी  तबीयत  तो ठीक  है , नमाज़  भी  नही पड़ी  आज  "


"कुछ  नही बस  बुढ़ापे  का तकाजा  है , हड्डिया आराम  चाह  रही  है  सोचा  था  बेटा जवान  हो जाएगा तो घर  की ज़िम्मेदारी उसे सोप दूंगा और खुद  आराम  करूंगा । लेकिन शायद  मेरी किस्मत में आराम  नही लिखा  यूं ही बूड़ी  हड्डियों के साथ  काम करते  करते  क़ब्र में उतर  जाऊंगा " शमीम  के शोहर  एजाज ने कहा


"केसी बाते कर  रहे  है सुबह सुबह, खुदा  आपको  लम्बी उम्र दे और आपका  साया हम  पर  हमेशा  रहे  " शमीम  ने कहा

"ना करो  लम्बी उम्र की दुआ जैसे हमारे बेटे की करतूत  है  मुझे  तो डर  है  की कही हमारा  बुढ़ापा  सडक  पर  दर दर की ठोकरे  खाते  हुए  ना गुज़रे वो एक दिन शराब  और जुए की लत में ये घर  और दुकान सब  बेच  देगा।

कल  रात कितने बजे घर  में घुसा  वो नालायक , मुझे  तो वो अपना बाप नही दुश्मन  समझता  है  " एजाज ने कहा

शमीम  जो समझती  थी  की उसके शोहर  को कुछ  नही पता  उसके घर  आने का उसके मुँह से इस तरह  सुन घबराते  हुए  बोली " आ,,,, आ,,,, आप  को कैसे पता  की वो रात को घर  देर से आता  है  आप  तो ईशा  की नमाज़  के बाद सो जाते है  "


"शमीम  बेगम  बाप हु उसका भले  ही मैं दिन भर  घर  में नही रहता  और रात को भी  जल्दी सोने चला  जाता हूँ तो इसका मतलब  ये नही की मुझे  इस घर  में किया चल रहा  है  कुछ  खबर  नही वो तो बस  रात मे उसका सामना नही करना  चाहता  बेवजह  मोहल्ले में शोर  होगा की देखो  बाप बेटे आपस  में लड़  रहे  है , और तुम बेवजह  अपनी तबीयत  ख़राब  कर  लोगी बस  यही  वजह  है  वरना  मुझे  तो ये भी  पता  है  की कल  रात तुम्हारी और उसकी बहस  हुयी थी  और तुम रात भर  सीड़ियों पर  सोइ थी  " एजाज साहब  ने कहा


ये सब  सुन शमीम  की आँखों  से आंसू  आ  गए  और वो उनके सीने से लगते  हुए  बोली " मुझे  माफ करदीजिये  उसके बिगड़ने में मेरा सबसे  बड़ा  हाथ  है , आप  तो मुझे  समझाते  थे  लेकिन मैं ही ममता  में अंधी  हो चुकी  थी  जो उसकी छोटी  छोटी  गलतियों पर  पर्दा डालती रही  और आज  देखो क्या नतीजा  निकला "


"इसमें तुम्हारी कोइ गलती नहीं ये हर घर  के माँ बेटे की कहानी  है  " एजाज ने कहा


"एक उपाय है  उसे सही  रास्ते पर  लाने का, क्यू ना हम  उसकी अब शादी  करदे  शादी  के बाद बीवी आएगी , तो समय  से घर  आएगा , अवारा दोस्तों के साथ  भी  नही घूमेगा  और इस तरह  शराब , सिगरेट और जुए  से भी  बचा  रहेगा " शमीम  ने कहा


एजाज साहब  ने शमीम  को अपने दोनों हाथो  से पकड़ा  और कहा " पागल  हो गयी  हो किया हमारे  बेटे की जिंदगी तो झहन्नम (नर्क ) के सिवा और कुछ  नही और तुम चाहती  हो की किसी और की नाज़ो में पली  बेटी को अपने शराबी  बेटे के पल्ले बांध  दू  ताकि वो उसकी जिंदगी भी  नर्क बना दे हरगिज़  नही, और उसे इस मोहल्ले इस शहर  में कौन लड़की  देगा किया उसकी करतूतों से सारा मोहल्ला वाकिफ ( परिचित  ) नही है ,


कौन अपनी बेटी को उस के पल्ले बांधेगा, माना बहुत  से माँ बाप के उपर  उनकी बेटियां बोझ  सामान होती है  और वो उनकी शादी  किसी के भी  साथ  करने  को तैयार हो जाते है । लेकिन मैं जानते बूझते  किसी की बेटी की जिंदगी तुम्हे बर्बाद नही करने  दूंगा , तुम्हारे और अम्मी के लाड़ प्यार ने रोहान की जिंदगी तो पहले  ही तबह  करदी  अब मैं तुम्हे किसी और की बेटी की जिंदगी के साथ  खिलवाड़  नही करने  दूंगा । शराबी , जुआरी इंसान ना कभी  बदला  है  और ना कभी  बदलेगा  जब  तक  खुदा  उसको हिदायत  ना दे।

और ये सोच  कर  अपने शराबी  बेटे की शादी  करना  की वो शादी  के बाद सुधर जाएगा इस दुनिया की सबसे  बड़ी  बेवकूफी  है । जो अपने माँ बाप के लिए  ये सब  नही छोड़  सकता  तो वो अपनी बीवी के लिए  कैसे छोड़  सकता  है  "


"मैं अपने मायके से किसी को उसकी दुल्हन बना  लाऊंगी मेरा मायका तो दुसरे शहर  में है , और वहा  एक रिश्ते कराने  वाली खाला  भी  है  वो ज़रूर  मेरे बेटे के लिए  कोइ ऐसी लड़की  ढूंढ  लेंगी जो उसे सीधी  राह पर ले आएगी  " शमीम  ने कहा


"वा, साहब  वा लाड़ प्यार में बिगाड़ो तुम अपने बेटों को, और उसे सीधी  राह पर  लाने के लिए  किसी ऐसी लड़की  को उसकी दुल्हन बना  दो जिसे अपने होने वाले शोहर  के बारे में कुछ  पता ही नही, वो बेचारी  अपनी आँखों  में ना जाने कैसे कैसे सपने , और ख्वाब बुनती हुयी उसके साथ  निकाह में उसके घर  आये ।


और वो शादी  वाली रात को अपने अवारा दोस्तों के साथ  शराब  के साथ  रात बिता कर  अपने कमरे  में घुसे  और उसकी ये हालत वो लड़की  देखे  जो घंटो  से घूँघट ओढे उसका इंतज़ार  कर  रही  थी  आँखों  में अपनी नयी  जिंदगी के हज़ारो  सपने  लिए । सोचा  है  उस वक़्त उसके दिल पर  क्या गुज़रेगी जब  उसके माँ बाप को चंद  पैसो  का लालच  देकर  तुम अपने एकलौते बेटे के लिए उसका हाथ  मांगने गयी  थी  बिना ये बताये  की वो रात को घर  उसकी सौतन  ( शराब  ) के साथ  रात गुज़ार कर  घर  में घुसता  है , मैं तुम्हे ये करने  की इज़ाज़त  नही दूंगा  तुम्हे अगर  अपने शराबी  बेटे की बहु लाना है  तो अपनी ज़िम्मेदारी पर  लाना कल  को अगर  उसके साथ  कुछ  बुरा होगा तो उसकी ज़िम्मेदार तुम खुद  होगी मैं नही," एजाज साहब  ने कहा और चले  गए 


"सब  सही  हो जाते है  शादी  के बाद, मैं आज  ही अम्मी ( शमीम  की अम्मी ) से बात करके  उन खाला  का नंबर लूंगी  और देखना  कोइ अच्छी लड़की  जरूर  मिल जाएगी जो मेरे बेटे को सीधी  राह पर  ले आएगी , अच्छे अच्छे सुधर जाते है  और अपनी ज़िम्मेदारियां संभाल  लेते है  शादी  के बाद, निकाह में बहुत  ताकत  है  " शमीम  ने अपने आप  से कहा एजाज साहब  के जाने के बाद



कुछ  दिन गुज़र गए शमीम  ने रिश्तेवाली खाला  से बात की रोहान के रिश्ते के लिए  जिसे उसने बताया  " कि वो एकलौता बेटा है  घर  भी  उसी का है, एक दुकान है  जो अभी  उसके अब्बू चला  रहे  है  बाद में उसी की होगी गांव में ज़मीन  है  बस  पढ़ाई  नही की नालायक  ने दसवीं में फ़ैल  हुआ तो दोबारा कोशिश  ही नही की। और थोड़ा  बहुत  दोस्तों के साथ  अवारा गर्दी करता  है  बीवी आ  जाएगी तो वो भी  सही हो जाएगा "


इस तरह  की खूबीया  अगर कोइ भी  लड़की  वाले सुने तो तुरंत  रिश्ते के लिए  हाँ करदे , और लड़की  वालो को किया चाहिए  होता है , और अगर  एकलौते बेटे का रिश्ता किसी लड़की  के लिए  आ  जाए तो माँ बाप तो उससे ये तक  नही पूछते  की तू खुद  किया करता  है  कैसे हमारी  बेटी का पेट पालेगा उल्टा ये कहते  है  " उसे क्या ज़रुरत  कुछ  करने की घर  का एकलौता है  माँ बाप के मरने के बाद सब  उसी का तो है  बस  पैसा देख  कर  छान  बीन  भी  नही करते  की लड़का  केसा है , कहा उठना बैठना  है, किसी नशे  की बुरी लत में तो नही है ।



यही  रूही  के माँ बाप ने किया जब  रिश्तेवाली खाला  ने रोहान के बारे में बताया  वो झट  से मान गए । और थोड़ी  बहुत  छान  बीन  करके  अपनी बेटी का हाथ  उस शराबी  के हाथ  में दे दिया।


एजाज साहब  दुखी  थे । वो रूही  के माँ बाप को बताना  चाहते  थे  लेकिन शमीम  ने मना कर  दिया उनसे और कहा कि शादी  हर  लड़के  को बदल  देती है  और रोहान को भी  बदल  देगी क्यूंकि वो भी  अपनी शादी  की बात सुन कर  थोड़ा  अच्छा बर्ताव करने  लगा  था ।


एजाज साहब  भी  खुद  को समझाने  लगे  कि शायद  उनकी बीवी सही  है , शायद  शादी  के बाद रोहान सही  हो जाए लेकिन उन सब  का मानना गलत  था , शराब , सिगरेट की लत वाला आदमी  कभी  भी  नही सुधर  सकता  जब  तक  वो खुद  ना सुधरना चाहे ।


रूही  और रोहान की शादी  हो गयी  बेचारी  अपनी आँखों  में ना जाने क्या क्या ख्वाब सजाये  बैठी उसका इंतज़ार  कर  रही  थी  और वो बाहर  शराब  की बोतल  को मुँह लगाए  खड़ा  था ।


कमरे  में वो जब  घुसा  तो उसकी ऐसी हालत  देख  उसके सारे सपने  टूट  गए  जो उसने अपनी आँखों  में सजोये  थे ।


उस दिन के बाद से वो सिल सिला चलता  रहा  कुछ  दिन रुक जाता फिर  रोहान शराब  पीकर  आ  जाता और नशे  में उसके साथ  ना जाने क्या क्या करता ।


वो बेचारी  अपने माँ बाप को भी  नही बताने  की क्यूंकि इतनी धूम  धाम  से तो शादी  करी थी  उसके बाप ने उसकी, और अभी  उसकी दो बहने और थी  जिनकी शादी  करना  बाकी थी ।


रूही  इसी उम्मीद में की शायद  रोहान सही  हो जाए उस के साथ  रहती  रही  उसके बच्चे  को भी  इस दुनिया में ले आयी  की शायद  औलाद  की मोहब्बत  उसे उस दलदल  से बाहर  ले आये  लेकिन ऐसा नही हुआ एक दिन थक  कर  सारी कोशिश  नाकाम होती देख  उसने बहुत  बड़ा  फैसला लिया जो उसके लिए  आसान  नही था ।


रोज़ रोज़ अपने शराबी  पति  से मार खाने  से अच्छा था  की उसने मौत  को गले  लगा  लिया और एक नन्हे  मासूम  को छोड़  कर  इस दुनिया से चली  गयी । सारा पैसा, सारी जायदाद जिनको देख  कर  उसके माँ बाप ने अपनी फूल  सी बेटी उन्हें सोपी थी  सब  वही  रह  गया  और रूही  मर गयी ।



उस दिन शमीम  को दोबारा अपनी गलती  पर  पछतावा  हुआ पहले  तो उसने सिर्फ अपने बेटे को ही तबह  किया था  लाड़ प्यार में लेकिन अब वो एक बेगुनाह की भी  गुनेहगार हो गयी  थी  और वो बच्चा  जिसे रूही  छोड़  मरी थी  उसका तो कोइ कसूर नही वो तो अब जिंदगी भर  बिन माँ के पलेगा। इस तरह  कई  ज़िन्दगीया ख़राब  हो गयी  रोहान के माता पिता के गलत  लाड़ प्यार की वजह  से।





Note =  मेरा इस कहानी  को लिखने का उद्देश्य सिर्फ यही  है  की कभी  भी  माँ बाप अपने इस तरह  के लड़को  को सुधारने  के लिए  शादी  का सहारा  ना ले क्यूंकि किसी ने अपनी बेटियों को इस लिए  पढ़ा लिखा  कर  जवान  नही किया कि तुम अपने शराबी  जुआरी बेटों को सुधारने  के लिए  उनकी शादी  उनसे करादो। जब  बिगाड़ा तुम ने है  तो उसे सीधी  राह पर  भी  तुम ही लाओ, नही तो हर  जगह  नशा मुक्ति केंद्र होते है  वहा  भर्ती  करा  दो इस तरह  किसी लड़की  के ख्वाब तो नही टूटेगे जिन्हे तुम लोग चंद  पेसो का लालच  देकर  उनके माँ बाप से खरीद  लेते हो।


कभी  भी  दो तरह  के लड़को  कि शादी  कभी  मत  करवाना  वरना  बहुत  सारे मासूमो  को अपनी जान से हाथ  धोना  पड़ सकता  है  एक वो लड़के  जो किसी और से प्यार करते  हो और माँ बाप जबरदस्ती  किसी और लड़की  से उसकी शादी  करा  देते है  ये सोच  कर  जब  बीवी बन  जाएगी तो मोहब्बत  अपने आप  हो जाएगी लेकिन ऐसा नही होता उस का परिणाम  या तो तलाक  होता है  या कुछ  और, और ऐसा हमारे  मोहल्ले में हो चुका  है 

और दुसरे रोहान जैसे लड़के  जो नशे  की लत में मुबतिला हो जाते है  तो माँ बाप उन्हें सुधारने  के लिए  शादी को सही  समझते  है  जबकी  ऐसा करना  मेरी नज़र  में सबसे  बड़ी  बेवकूफी  है  पहले  तो सिर्फ लड़के  की जिंदगी झहन्नम थी  बाद में उस लड़की  की जिंदगी भी  तुम लोगो ने झहन्नम बना  दी और अगर  बच्चे  हो गए  तो उनकी भी  जिंदगी नर्क बन  जाएगी वो जिंदगी भर  अपने शराबी  बाप  से अपनी माँ को जलील  होते देखकर  बढ़े  हो जाएंगे और वो उस बाप के मरने की दुआएं करेंगे हर  दम ।



किसी को मेरी बात बुरी लगी  हो तो माफ़ी चाहता हूँ, क्यूंकि आज  कल  लोग पैसा देख  कर  अपनी बेटी को किसी भी  खूटे से बांध  देते है  और फिर  वो लड़की  जिंदगी भर  या तो उस शादी  के फंदे  को गले  में डाले घूमती  फिरती  है  या फिर  एक दिन थक  हार कर  उसी फंदे  से खुद  को मार लेती है ।


समाप्त

जेनर = स्त्री विशेष  

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4 Comments

Gunjan Kamal

24-May-2022 09:52 AM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Neelam josi

23-May-2022 10:19 PM

🙏🏻👏👌👌

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

23-May-2022 10:14 PM

Zabardast

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