Priyanka06

लाइब्रेरी में जोड़ें

लेखनी कविता -14-May-2022 ये मिट्टी ही सोना है

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक- ये मिट्टी ही सोना है

इस मिट्टी से बेर मत करो,
यह मिट्टी ही सोना है।
इसी में हंसना इसी में गाना,
इसी में हमको रोना है।
इस मिट्टी में जन्म लिया है,
इस मिट्टी में रहना है।
इसी में खा के, इसी में जा के
इसी में वापस आना है।
इस से प्रेम करोगे तुम,
नाम अमर हो जाना है।
इसी में सपना, इसी में अपना,
इसी में जग सारा है।
इसी में कंकर, इसी में पत्थर,
इसी में अन्न होना है।
इस मिट्टी से बेर मत करो,
ये मिट्टी ही सोना है।
इसी से पाप पुण्य भी,
यहीं से दोनों को जाना है।
अच्छे कर्मों का फल अच्छा है,
बुरा करके पछताना है।
इस मिट्टी से प्यार करो तुम,
हंसते हंसते चले जाना है।
इस मिट्टी से बेर मत करो,
ये मिट्टी ही सोना है।


   23
12 Comments

Reyaan

16-May-2022 12:20 AM

Very nice 👍🏼

Reply

Neha syed

14-May-2022 09:34 PM

👏👏

Reply

Anam ansari

14-May-2022 09:23 PM

Nice

Reply