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8 शार्ट स्टोरी लघुकथा = रूह -ए -इश्क़ (जेनर = प्रेम )

लघुकथा 

जेनर  = प्रेम 

शीर्षक =रूह -ए -इश्क़


ओसामा उठो  देखो  सुबह हो गयी । आज  कॉलेज नहीं जाना क्या? आज  तुम्हारा कोई लेक्चर  नहीं है  जो अभी  तक  सो रहे  हो उठो  देखो  सहार ( भोर ) हो गयी नमाज़  का समय  भी  निकला  जा रहा  है  । ओसामा कॉलेज  में एक प्रोफेसर  है उर्दू पोएट्री का और उसके बाद वो अरबिक कैलीग्राफी करता  है ।ओसामा की अम्मी ने उसे उठाते  हुए  कहा।


ओसामा घबरा  कर  उठा  और बोला " आज  मेरी आँख  अलार्म से भी  नहीं खुली , शायद  कल   देर रात  तक  मैं पोएट्री लिखते  लिखते  ही सो गया  था। इसलिए  मेरी आँख  नहीं खुली । जाना है  अम्मी,कॉलेज  क्यू नहीं जाना है । उसी के लेक्चर की तैयारी तो मैं कल  रात कर  रहा  था । अब्बू कहा  है , वो चले  गए  किया मस्जिद को "

"हाँ, बेटा उन्हें तो जाकर  नमाज़  पढ़ाना  होती है  इसलिए  वो तो चले  गए । अभी  तुम्हारे भाई  अशर  को भी  उठा  कर  आयी  थी  लगता  है  फिर  सो गया  " ओसामा की अम्मी ने कहा

" आप  जाए अम्मी, मैं जाकर  उसे उठाता  हूँ वो ऐसे नहीं उठेगा  " ओसामा ने कहा और अशर  के कमरे  में चला  गया ।

ओसामा ने पंखा  बंद  कर  दिया और उसकी चादर  खींच  ली और कहा " अशर  के बच्चे  जल्दी उठ  वरना  बिस्तर से नीचे  फेक  दूंगा । अम्मी तुझे  उठा  कर  गयी  और तू  फिर  सो गया  "

"क्या भाई  सोने दो ना, सुबह सुबह तो इतनी अच्छी नींद  आती  है  और आप  हो की पंखा  बंद  कर  दिया और चादर  भी  खीच ली " अशर  ने आँख  मलते  हुए कहा

"उठ  जा कॉलेज  नहीं जाना किया। पता  है  ना डॉक्टरी की पढ़ाई  कितनी मुश्किल है" ओसामा ने कहा

"आपका  सही  है  भाई , B. A किया फिर  M. A और फिर  उर्दू में ph.d करली  बन  गए  डॉक्टर कम शायर । अब बस  बच्चों को पोएट्री सुनाते रहो  पैसा कमाते  रहो । एक मैं हूँ जिसका पीछा  किताबें नहीं छोड़  रही  है।" अशर  ने कहा

"इश्क़ करलो  किताबों से अपने आप  अच्छी लगने लगेंगी  " ओसामा ने कहा

"लड़किया  किया मर गयी  है  जो किताबों से इश्क़ करे " अशर  ने हलके  से कहा  ताकि भाई  ना सुन ले।

"क्या कहा  तुमने ज़रा  ज़ोर से कहो कौन मर गया  है " ओसामा ने अशर  की तरफ  देख  कर  कहा 

"मैं,,,, मैं,,,, मेने कुछ  कब कहा भाई  मैं तो बस  ऐसे ही। आपको  देर नहीं हो रही  नमाज़  को " अशर  ने घबराते  हुए  बात को घुमाते  हुए  कहा

"तुम्हारी बातो के चक्कर  में, मैं भूल  ही गया " ओसामा ने कहा और चला  गया।

"थैंक गॉड, बच  गया  अच्छा हुआ सुना नहीं वरना  सुबह सुबह ही क्लास लग  जाती तेरी अशर । देखु  जरा  किसी गर्लफ्रेंड का मैसेज तो नहीं आया  है  "अशर  ने कहा और मोबाइल में लग  गया ।

थोड़ी  देर बाद सुबह हो गयी । अशर  और ओसामा के अब्बू मस्जिद से आ  चुके  थे  और बाहर  अख़बार  पढ़  रहे  थे । उनसे सब  लोग डरते  थे  जब  तक  वो घर  में रहते  सब  लोग अपने कामों में व्यस्त रहते । ओसामा और अशर  की छोटी  बहन  थी  जो अपने अब्बू की लाडली थी  लेकिन वो भी उनसे बेहद डरती थी।


"सब  लोग आ  जाओ नाश्ता करलो  बार बार नही लगाउंगी  सब  के लिए " ओसामा की माँ, ज़ोहरा ने कहा

सब  लोग डरे  डरे  नाश्ता कर  रहे  थे ।

"ओसामा तुम्हारा कॉलेज  केसा जा रहा  है , कुछ  शादी  का भी  सोचना  है या फिर  किताबों से ही शादी  करनी  है , और ख़याली शायरी  लिखते  रहना  है  जिंदगी भर  " अख़बार  पढ़  रहे  अकबर  साहब  ने कहा 

ओसामा को फन्दा लग  गया  ये सुनते ही। उसकी माँ ने उसे पानी दिया और कहा " आराम  से खाओ  बेटा अभी  तो समय  है कॉलेज  जाने में "

ओसामा ने अब्बू से हकलाते  हुए कहा " जी,,,, जी,,, अब्बू, अब्बू अभी  तो कोई इरादा नही है मेरा शादी  का "

अशर  अपने भाई  की तरफ  देख  कर  चुपके  से  मुस्कुराते हुए  कहता  " अब आया  ऊँट  पहाड़  के नीचे  "

"बेटा अब बस  तैयारी कर  लो दूल्हा बनने  की बहुत  इंतजार करा  लिया तुमने, अब और नही अब मैं भी  आराम  चाहती  हूँ " ज़ोहरा ने कहा

ओसामा बात काटते हुए  और शर्माते हुए  कहता  है  "अच्छा मैं निकलता  हूँ देर हो रही  है  कॉलेज  में लेक्चर  आज  जल्दी शुरू  हो जाएगा " ये कह  कर वो मेज पर  से अपना बस्ता उठा  कर  वहा से रफा  दफा  हो जाता।


ज़ेहरा उसे आवाज़  देती लेकिन वो शाम  का बहाना  बना  कर  चला  जाता। जबकी  ज़ेहरा उसे पर्स  दें रही  थी  उसका ज़ो वो घर  ही भूल  गया  था ।

"अशर  कॉलेज  जाते समय  भाई  का पर्स उसके कॉलेज  देते जाना, शरमा  कर  जल्दी में अपना पर्स भी  भूल  गया  "ज़ेहरा ने कहा

"भाई  शाम  को कॉलेज  से आते  समय  मेरे लिए  मोमो लेते आना  " उनकी छोटी  बहन  आयशा  ने कहा

"बस  तू तो बर्गर, मोमो को ही अपना रिज़क बना ले, हर  समय  मोमो, मोमो ऐसा किया है  इन कच्चे  मैदा के उबले आटे मे " ज़ेहरा ने आयशा  को डांटते हुए  पूछा 

"अरे तुम नही समझोगी  ये आज  कल  के बच्चों का खाना है , याद से लेते आना  जो भी  बहन  ने मंगाया  है , पैसे नही है  तो लेकर  जाना मुझसे । भूल  मत  आना  " अकबर साहब  ने कहा

"जी अब्बू लेता आऊंगा," अशर  ने डरते  हुए  कहा

"मेरे प्यारे भाई  " आयशा  ने प्यार से कहा

ओसामा जो की घबराया  हुआ था  अपनी शादी  की बात सुन कर  बस  स्टॉप पर  खड़ा  था । तभी  वहा  बस  आती  है  और वो उस बस  में चढ़  जाता है।


तभी  उसकी नज़र  एक हरी  हरी  आँखों  वाली एक नकाब  पोश  लड़की  पर पडती  है। जो की अपनी एक सहेली  के साथ  बस  में थी ।

कुछ  मंचले  लड़के  उन्हें तंग करने  के लिए  जान बूझकर  उनके उपर  गिरने का नाटक  कर  रहे  थे । और वो दोनों डरी  सहमी  वो सब  बर्दाश  कर  रही  थी । ओसामा की नज़र  जब उन लड़को  की उन वाहियात हरकतो पर  पड़ी तब  वो अपनी जगह  से उन लड़को  के आगे  आकर  खड़ा  हो गया ।


जब  ये उस नकाब  पोश  लड़की  ने देखा  तो वो मुस्कुराई। पास खड़ी  उसकी सहेली  ने कहा " आज  भी  इस दुनिया में अच्छे लड़के  भी  है , देखो  ये लड़का  कैसे हमारी  मदद  को आ  गया  और इन मंचलो  के आगे  खड़ा  हो गया  "

ओसामा की नज़र  उसकी आँखों  से हट  ही नही रही  थी , और वो लड़की  भी  उसे बहाने  बहाने  से देख  रही  थी ।

तभी  वहा  कंडक्टर  आता  और ओसामा से टिकट  लेने का कहता । ओसामा जैसे ही अपनी जेब में हाथ  डालता उसे याद आता  की वो घर  से निकलने  की जल्दबाज़ी में अपना पर्स घर  पर ही भूल  आया ।

उसने कंडक्टर से कहा  की वो अपना पर्स भूल  आया  है  घर पर । तब  कंडक्टर  ने कहा  " तुम जैसे लोग रोज़ इस बस  में चढ़ते  है  बिना टिकट  लिए  और पकडे  जाने पर  यही  बहाना  बनाते  है , आगे  उतर जाना इंसानियत  से वरना  मुझे  और भी  पेत्रे आते  है  "


ओसामा कुछ  कहता  तभी  उस नकाब  पोश  लड़की  ने कंडक्टर  को पैसे देते हुए  कहा " भाई  आप  इसमें से इनके पैसे काट लीजिये हो सकता  है, वाक़यी  इनका पर्स घर  पर  छूट गया  हो "

कंडक्टर  ने पैसे लिए ।

"नही आप  ये सब  मत  करे , मैं आगे  उतर  जाऊंगा अपने भाई  से पर्स मंगा कर  मैं दूसरी  बस  से या उसके साथ  कॉलेज  चला  जाऊंगा " ओसामा ने कहा

"कोई बात नही, जब  कभी  दोबारा आप  मुझसे  मिले तब  लोटा देना नही तो किसी गरीब  को दें देना " उस लड़की  ने अपनी मधुर  आवाज़  में कहा ।

ओसामा उसकी आवाज़  में खो चुका  था । उसे उसकी उन आँखो  और आवाज़  पर  कुछ  शायरी  कहने  का मन  हो रहा  था । इससे पहले  वो कुछ  कहता  तभी  उसका स्टॉप आ  गया  और वो उसका शुक्रिया करके  बस  से उतर  गया।

ओसामा बार बार पीछे  मुड़कर  उसे देखता  रहा । "ओसामा होश  में आओ  ये किया हो गया  है  तुमको कभी  कोई खूबसूरत  लड़की  नही देखी  तुमने " ओसामा ने अपने आप  से कहा और वहा  से आगे  बढ़ा।


वो लड़की  भी  बस  स्टॉप पर  खड़े  ओसामा को जब  तक  देखती  रही  जब  तक  वो आँखों  से ओझल  ना हो गया ।

"बस  कर, देख चुक  उसे। चला  गया वो" उसकी दोस्त ने कहा

"मैं कहा उसे देख  रही  हूँ, मैं तो बाहर  का नज़ारा  देख  रही  हूँ कितना हसीन  है " उस लड़की  ने बात को बदलते  हुए  कहा


" देख  जैसा तू सोच  रही  है  उस लड़के  के बारे में वो सब  सोचना  छोड़  दें, और तूने  अपनी मेहनत  की कमाई  से उसके लिए  टिकट  क्यू खरीदा  तुझे  पता  है ना ये पैसे हमें नगीना  को देना होते है । अब किया जवाब  देगी नगीना  को जब  वो कहेगी  इतने कम  क्यू है  " उस लड़की  ने कहा

" मैं ऐसा वैसा कुछ  नही सोच  रही  हूँ, और वैसे भी उसने भी  तो हमारी  मदद  की उन लड़को  से जो बेवजह  हमें परेशान  कर  रहे  थे । इसलिए  मेने भी  उसकी मदद  कर  दी " उस नकाब  पोश  लड़की  ने कहा।


"देख  ओनेफा ( उस नकाब  पोश  लड़की  का नाम )तू भी  जानती है  और मैं भी  की हम  लोग किया काम करते  है । और इस समय  हम  लोग कहा  से आ  रहे  है । हम  लोग इस समय अपने लिए  दो वक़्त की रोटी कमाने के खातिर  रात भर  अय्याश मर्दो के सामने नाच  कर  आ  रहे  है । हम  लोग सिर्फ नाचने  गाने के लिए  बने  है  और कुछ  साल बाद बेच  दिए  जाएंगे किसी अमीर  आदमी  को। इसलिए  मेरी बहन  किसी को दिल मत  दें देना। तू अभी  नयी  है  इसलिए  तुझे  इन मर्दो की फितरत  का नही पता । ये कब  प्यार का झांसा  देकर  अपनी ज़रुरत  पूरी  करके  तुझे  मरने  के लिए  छोड़  देंगे।

क्यूंकि हम  नाचने  वलियो  को कोई अपने घर  की ज़ीनत  और इज़्ज़त तो बनाने  से रहा । इसलिए  मेरी बहन  किसी से इश्क़ ना कर  बैठना । क्यूंकि रूह  - ए -इश्क़ कोई करता  नही अब, सब  चेहरे  की खूबसूरती  पर  मर  मिटते है । चल  अब उतर  स्टॉप आ  गया  " ओनेफा की दोस्त सुम्बुल ने कहा।


ओनेफा उसकी बात सुन थोड़ा  उदास हुयी और खामोश  रही ।और दोनों अपनी कमाई  नगीना  के हाथ  में रख  कर  कमरे  की तरफ  जाती है ।

नगीना  पैसे गिनती है । और ओनेफा को रोककर  कहती  " ए ओनेफा ये पैसे कम है  बाकी पैसे कहा गए , बनवारी  तो बता  रहा  था  रात ज़्यादा न्योछावार हुयी थी  तुम दोनों पर  "

ओनेफा उसके सामने गुस्से से आती  और कहती  " मेने खा लिए, क्यू किया हमारी  कमाई  पर  हमारा  कोई हक़  नही रात भर  घूँघरू  बांध  कर  नाचे  हम  और पैसा तुम ले जाओ सारा, सिर्फ दो वक़्त की रोटी खिलाने  के चक्कर  में "


सुम्बुल ओनेफा से कुछ  कहती  तभी  नगीना  ने उसकी चोटी पकड़ी  और कहा " बेहद  जुबान चलने  लगी  है  तेरी बित्ते भर  की छोखरि मेरे आगे  जुबान लड़ाती है, ये कह  ना अपने यार को दें आयी  सारी कमाई  "

"नगीना  बाई  छोड़  दो इसे मैं समझा  दूँगी  अभी  अभी  नयी है  ना सीख  जाएगी " सुम्बुल ने कहा

नगीना  ओनेफा को धक्का  देते हुए  बोली " हाँ, लेजा इसे सिखा  दें इसे की यहाँ कैसे रहना  है। और सारी कमाई  मेरे हाथ  में रखना  है  लाकर  मैं खुद  तय  करूंगी  किस को कितना पैसा देना है । बड़ी  आयी  मुझसे  जुबान दराज़ी करने । ले जा इसे बंद  करदे  कमरे  में और रात को तैयार कर  दियो दूसरी जगह प्रोग्राम है । एडवांस  ले चुकी  हूँ "

सुम्भुल ओनेफा को उठा  कर  कमरे  में ले जाती है  और कहती  "किया ज़रूरत  थी  नगीना  से जुबान लड़ाने  की, मैं संभाल  लेती सब  कुछ  "

"एक दिन मैं यहाँ से भाग  जाउंगी, इस गंदी  दलदल  से देखना  तुम " ओनेफा ने कहा

"कहा भाग  कर  जाएगी पगली बाहर  तो और बहुत  सारे भेड़िये  घात लगाए  बैठे  होते है  की कब  कोई मासूम  शिकार  उनके हाथ  लगे  और वो उसे नोच  कर  खा ले " सुम्भुल ने कहा और उसे कमरे  में ले आयी ।

सुम्भुल ने उसे लेटा कर  अपने सैंडिल उतारे और टांगो को दबाते  हुए  बोली "कम्बख्त बेहद  दर्द कर  रही  है आज  तो, आज  तो सूज  भी  गयी  है ।"

"सलमा  नमक  डाल कर  पानी तो ला इनकी सिकाई  करनी  है  " वहा  काम करने  वाली एक खादीमा ( नौकरानी ) से कहा सुम्भुल ने।


ओसामा जो की दिन भर  कॉलेज  में ओनेफा की उन हरी  हरी  आँखो  और मधुर  आवाज़  के बारे में ही सोचता  रहा ।

तभी  उसके एक कुलीग  ने आकर कहा " कहाँ खोये  बैठे  हो जनाब , शाम  को शर्मा जी की पार्टी में आ  रहे  हो या नही "

"नही सर  मुझे  पार्टी वगेरा  में आने का कोई शौक  नही है शोर  शराबा  मुझे  पसंद  नही । मैं माफ़ी चाहता  हूँ, शर्मा  जी से भी बोल दिया है  मेने " ओसामा ने कहाँ

"ठीक  है  सर , आप  अपनी शादी  पर  भी  मत  जाना क्यूंकि वहा  तो और शोर  शराबा  होगा " उनके सहकर्मी  ने हस्ते हुए  कहाँ


कॉलेज  के बाद ओसामा caligrapgy इंस्टिट्यूट आ  पंहुचा  जहाँ वो caligraphy और स्केच  बनाता है । उसने पैंसिल उठायी  और उस नकाब  पोश  लड़की  का स्केच  बना  दिया। वो कुछ  गुन गुना रहा  था ।

तभी  उसके टीचर  ने पूछा  " किया बात है  ओसामा आज  बड़े  खुश  दिख  रहे हो चेहरे पर  एक अजीब  सी चमक  है  और ये किस लड़की  की तस्वीर  बना  रहे  हो। मेहबूबा  तो नही है  तुम्हारी "


"नही उस्ताद बस  ऐसे ही आज  किसी को देखा  तो बस  उसकी ही तस्वीर  कैनवास पर  उतार दी। आज दिल बढ़ा  खुश  सा है  नही पता  क्यू " ओसामा ने कहाँ


"मोहब्बत  कहते  है इसे, जब  दिल खुश  भी  होता है और पता  भी  ना हो क्यू तो ऐसे हाल को इश्क़ कहते  है । जो शायद  तुम्हे इस नक़ाब  पोश  लड़की  से हो गयी । हमें भी  बताओ  कौन है ये " उस्ताद ने कहाँ

"नही पता  उस्ताद जी, कौन थी  और कहाँ से आयी  थी  और कहाँ जा रही  थी । पता  नही दोबारा दिखाई  भी  देगी या नही। या फिर  पहली  और आख़री  झलक  बन कर ही रह जाएगी इन आँखों में " ओसामा ने कहाँ


" देखना  दोबारा जरूर  मिलेगी वो तुमसे, तुम्हारी आँखों  में मुझे  उसके लिए  सच्ची  मोहब्बत दिखाई  दें रही  है  जो की रूहानी है  और जो की रूह -ए -इश्क़ बन  कर  उभरे  गी एक दिन जिसमे तुम दोनों को एक दूसरे  की रूह  से मोहब्बत  होगी ना की जिस्म से " उस्ताद ने कहाँ और चले  गए ।

ओसामा गुनगुनाता हुआ तस्वीर  बनाने  लगा ।

उस रात वो उसके सपनों में आती  रही । ओनेफा भी  रात भर उसी के खयालो  में खोयी  रही  उसने टांग दर्द का बहाना  करके  कमरे  में लेटी रही ।


अगली सुबह ओसामा उसी के दीदार  के लिए  बस  में चढ़ा  लेकिन नही दिखी । वो बेहद  बेचैन  था  उसे देखने  के लिए । वो रोज़ उस बस  से सफर  करता  इस उम्मीद में की शायद  उसे उसकी झलक  दोबारा देखने  को मिल जाए। लेकिन ऐसा नही हुआ शायद  किस्मत को कुछ  और मंजूर  था ।


ओसामा के एक दोस्त ने एक रेस्टॉरेंट में पार्टी दी। लेकिन उसे नही बताया  की वहा  लड़किया भी  आ  रही  है  नाचने  के लिए  नही तो वो नही आता ।

उसके दोस्त काफी समय  बाद एक साथ  मिल रहे  थे । ओसामा भी  आया उस शाम  लेकिन वो नही जानता था  की आज उसके सामने कौन आने  वाला था ।

वो सब  लोग कोल्ड्रिंक्स पी  रहे  थे  तभी  सामने से ओसामा को वही  लड़की  दिखी । ओसामा ने हैरानी से देखा  और अपने आप  से कहाँ " नही ये वो लड़की  नही हो सकती  वो तो किसी शरीफ  घर  की लड़की  थी । और ये ना ना मेरी आँखों  का धोखा  है । ये वो लड़की  नही है । "


ओसामा ने अपनी जेब से फ़ोन  निकाला जिसमे उसकी तस्वीर  थी  जो उसने बनायीं थी ।

जब  उसने उस तस्वीर  से उस लड़की  को मिलाया तो आँखों  में आंसू  लिए  बाहर  आया  और बोला " नही ये नही हो सकता , जिंदगी में पहली  बार इस दिल में एहसास -ए - मोहब्बत  जागी थी  वो भी  एक ऐसी लड़की  के लिए । नही ये नही हो सकता  उसका और मेरा मिलन  आग  और पानी के मिलन  जैसा होगा जो कभी  हो ही नही सकता  वो एक नाचने  वाली है । मेरा दिल मानने को तैयार ही नही है । ओसामा उसे बाहर  से देख  कर  आँखों  में आंसू  लिए  जाने लगा।

तभी  उसका दोस्त वहा  आया  और बोला " हाँ, भाई  यहाँ किया कर  रहा  है अंदर  रौनक  छायी  हुयी है और तू  यहाँ अँधेरे  में चला  आया  "

ओसामा ने अपने आंसू  साफ करते  हुए  दिल पर  पथ्थर रखते  हुए  अपने दोस्त से पूछा  " ये अंदर  जो लड़की  नाच  रही  है , ये कौन है  "


"किया हुआ भाई  पसंद  आ  गयी  किया, ये नगीना  बाई  के कोठे  की कमसिन  कली ओनेफा है  जो अभी  अभी  ही उस कोठे  पर  आयी  है और चंद  दिनों में ही इसने सब  को अपना दीवाना  बना  लिया है  " उस दोस्त ने कहाँ


उसका दोस्त उसका हाथ  पकड़  कर  अंदर  ले आया  और अपने पास बैठा  लिया। ओनेफा की नज़र  भी  उस पर पड़ी और वो नाचते  नाचते  रुक सी गयी  थोड़ी  देर को क्यूंकि उसकी असलियत  उसके सामने आ  गयी  थी ।

ओसामा से उसे यूं नाचते  हुए  देखा नही गया  वो दोबारा उठ  कर  बाहर  आ  गया  ये कह  कर  मुझे  जाना है  कल  कॉलेज  है ।


वो बाहर  अँधेरे  में बैठ  कर  सिगरेट पीने  लगा  और आँखों  से आंसू  बहाने  लगा । बहुत  देर बाद जब  सब  चले  गए  और लड़किया  भी  जाने लगी ।

तब  ओनेफा की नज़र  ओसामा पर  पड़ी  जो बाहर  बैठा  था । वो समझ  गयी  थी । ओसामा की नज़र  भी  ओनेफा पर  पड़ी  जो की गाड़ी में बैठ  रही  थी ।

ओनेफा उससे बात करना  चाह  रही  थी । लेकिन सुम्बुल ने उसे रोक लिया। ओनेफा की आँखों  में आंसू  थे ।


उस रात वो दोनों घर  आकर  बेहद  रोये।

ओसामा का ध्यान बार बार उस रात की और जा रहा  था  जब  उसकी मोहब्बत पेरो में घुंघरू डाले नाच  रही  थी । कॉलेज  में भी  उसका मन  नही लगा  कोई लेक्चर  अटेंड  नही किया।


और जब  वो caligraphy इंस्टिट्यूट गया  और वहा  पर  caligraphy कर  रहा  था तब  पहली  बार उसके हाथ  कांप रहे  थे ।

तभी  उसके उस्ताद ने पीछे  से कहाँ " जब  दिल में किसी और की मोहब्बत  हो तब  कैनवास पर  तुम खुदा  का नाम नही लिख  सकते । क्यूंकि खुदा  शिर्क को पसंद  नही करता  "

ओसामा ने कलम  फेक  कर  उस्ताद को गले  लगाया  और कहा " मेरा इश्क़ अधूरा  रह  गया , शायद  मेरी किस्मत में ही नही लिखा  मोहब्बत  को हासिल करना  "

"बेटा मोहब्बत हासिल नही की जाती है  किसी की मोहब्बत पाना पढ़ती  है । हासिल कर  लेने में और पा  लेने में ज़मीन  आसमान  का फ़र्क़ है । मुझे  बताओ  किया हुआ क्यू उदास हो, किया मना कर  दिया उसने तुम्हे " उस्ताद ने पूछा 

ओसामा ने सब  कुछ  बता  दिया उस्ताद को क्यूंकि वो उस्ताद को अपना दोस्त समझता  है ।


"ये  तो बुरा हुआ तुम्हारे साथ  अब किया सोचा है मोहब्बत को सीने  में दफन  कर  दोगे या फिर  रूह - ए -इश्क़ के खातिर  दुनिया से लड़ जाओगे उसके लिए । सोच  लो मोहब्बत तुम्हारी तो फैसला भी  तुम्हे ही करना  है ।" उस्ताद ने कहाँ

ओसामा खामोश  था , उसे समझ  नही आ  रहा  था  कि किया करे । वो वहा  से चला  आया  और उन गलियों में आ  पंहुचा जहाँ उसने कभी  कदम  भी  नही रखा था  सिर्फ और सिर्फ मोहब्बत के खातिर । ये रूह  -ए - इश्क़ ही तो था  जो अपने मेहबूब  के बारे में सब  कुछ  जानते हुए  भी  उसके दीदार  के लिए  उसे उन बदनाम  गलियों तक  ले आया  "


ओनेफा और सुम्बुल छत  पर  खड़ी  थी । शाम  होने लगी  थी । सुम्बुल की नज़र  लड़खड़ाते  और मदहोश  ओसामा पर  गयी  तब  वो ओनेफा से बोली " ये तो वही  है  ना जो उस रात बाहर  बैठा  रो रहा  था  तुम्हारी असलियत  जानने के बाद जरूर  ये तुमसे मिलने आया  होगा "

"मुझे  जाना होगा उससे मिलने ताकि वो अपनी जिंदगी मेरे पीछे  बर्बाद ना करे  " ओनेफा ने कहाँ और दौड़ने लगी 


ओसामा अपने सामने ओनेफा को देख  खुश  हो गया , वो उसे ही ढूंढ  रहा  था । 

"ये है मेरी असलियत  मैं तुम्हे उसी दिन ही बता  देती। अगर  तुम्हारा स्टॉप ना आता । मैं जानती हूँ तुम मुझसे  मोहब्बत करते  हो और उस दिन जब  तुम्हे मेरी सच्चाई  का पता  चला  तो तुम बेहद  उदास हुए  और रोने लगे । मै उस दिन ही तुम्हे बता  देती की मेरे प्यार में अपनी जिंदगी बर्बाद मत  करो  चले  जाओ यहाँ से। हमारे  प्यार को दुनिया वाले नही समझेंगे  " ओनेफा ने कहाँ


"नही मुझे तुमसे मोहब्बत है, और मैं जानता हूँ की तुम भी  मुझसे  मोहब्बत  करती  हो। मुझे दुनिया से कुछ  नही लेना देना मेने तुम्हारी रूह  से प्यार किया है ना की जिस्म से। मुझे  तुमसे रूह  -ए - इश्क़ है  इसीलिए  सब  कुछ  जान कर  भी  तुम्हारे पास चला  आया मेरे साथ  चलो  हम  दोनों यहाँ से दूर  अपनी दुनिया बसाएंगे । जहाँ हमें कोई ना जानता  हो " ओसामा ने कहाँ

तभी  नगीना  वहा  आ  गयी और अपने आदमियों से ओसामा को मारने का कहाँ

वो लोग उसे मारने लगते  है । तभी  ओनेफा नगीना  के पेरो में गिरकर  कहती  है  " उसे जाने दो उसकी कोई गलती  नही है , वो तो मुझे  शरीफ  घर  की लड़की  समझ  कर  मुझसे  मोहब्बत  कर  बैठा । उसे मत  मारो उसे जाने दो "

नगीना  ओनेफा की चोटी  पकड़  कर  अंदर  ले गयी  और ओसामा को भी  जख़्मी  हालत  में बाहर  डल वा दिया।

ओनेफा अपने कमरे  में बंद  थी  और रो रही  थी । ओसामा जख़्मी  हालत  में घर  आ  पंहुचा । उसके घर  वालो को पता  चल  गया  था  उसकी मोहब्बत के बारे में और वो अभी  वही  से आ  रहा  है ।


उसकी माँ ने उसे समझाया  की वो लड़की  कौन है  और इस घर  में नही आ  सकती ।

उसके अब्बू मस्जिद के इमाम है  और नमाज़  पढ़ाते  है । जब  लोगो को पता  चलेगा  की इमाम साहब  का बेटा एक नाचने  वाली के प्यार में मुंबतिला है  और उससे शादी  कर  बैठा  है । तो लोग इनके पीछे  नमाज़  पढ़ना  छोड़ देंगे। समझा  कर  मेरे बेटे।


लेकिन ओसामा ने मना  कर  दिया उससे नाता  तोड़ने को और कहाँ मैं उससे इश्क़ करता  हूँ इतनी आसानी  से उसका हाथ  नही छोडूंगा। वो उसकी मोहब्बत  में दीवाना  बन  बैठा  था।


दो दिन बाद उसे एक ख़त  मिला जो सुम्बुल ने भेज  था  " जिस पर  लिखा  था  आज  शाम  ओनेफा का निकाह है  एक 50 साल के अमीर  आदमी के साथ  अगर  उससे सच्ची मोहब्बत करते  हो तो उसे भगा ले जाओ वरना  वो अपनी जिंदगी उस बूढ़े  से शादी  करके  तबह  कर  लेगी  वो भी  तुमसे मोहब्बत करती  है । लेकिन तुम्हे बचा  रही  है  दुनिया के तानो से "


ओसामा को जब  पता  चला  की वो ये सब  कुछ  उसके लिए  कर  रही  है तब  वो उसके पास  गया  चोरी  छिपकर ।

ओनेफा उससे जाने का कहती तभी  सुम्बुल वहा  आती  और ओनेफा से कहती  " ओनेफा मेरी बहन  ऐसे प्यार करने  वाले बहुत  कम मिलते है  जो रूह  से मोहब्बत करते  है  और ओसामा उनमे से एक है । तू  भाग  जा इसके साथ  और मैं दुआ करूंगी  की तू  कभी  दोबारा इन बदनाम  गलियों में ना आये । ये तुझसे  सच्ची  मोहब्बत करता  है  तभी  तो दुनिया से बगावत  करने  पर  भी  उतर  आया  है , जा चली  जा इसके साथ  और दोनों एक हो जाओ हमेशा  हमेशा  के लिए  "

तभी दरवाज़े  पर  दस्तक  होती और कोई कहता " दुल्हन को ले आओ  दूल्हा आ चुका  है  "

जा मेरी बहन  भाग  जा थोड़ी  देर और लगी  तो नागिना  बाई  खुद  आ  जाएगी और जबरदस्ती  तेरा निकाह उस बूढ़े  आदमी  के साथ  पढ़ा देगी जिससे उसने मोटी रकम  ली है ।

ओनेफा ने ओसामा की तरफ  देखा  और उसका हाथ  कसके  से पकड़ा  और सुम्बुल के गले  लग  कर  वो दोनों खिड़की  से भाग  गए  अपनी दुनिया बसाने ।

जब  तक  नगीना  को पता  चला  वो दोनों दूर  जा चुके  थे । और अपनी छोटी सी दुनिया दूर  कही  पहाड़ो  पर  बसा  चुके  थे जहाँ सिर्फ वो दोनों और उनके बीच  रूह -ए -इश्क़ था । 



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12 Comments

Seema Priyadarshini sahay

14-May-2022 05:42 PM

बहुत खूबसूरत

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Anam ansari

14-May-2022 09:36 AM

Nice

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Shnaya

13-May-2022 10:00 PM

Very nice 👍🏼

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