बिन ब्याही मां
तन्वी तू पागल हो गई है क्या? और यह सब खुराफाती चीजें तेरे दिमाग में कब, कैसे और कहां से आ जाती हैं? - तन्वी की बड़ी बहन तानिया उसे समझाते हुए बोली
"हां तानिया! बेटा तू ही समझा अपनी इस पागल बहन को मेरी तो सुनती नहीं है यह..." - तन्वी की मां अपने माथे पर हाथ रख कर सोफे पर बैठते हुए बोली
"प्लीज दी कम से कम आप तो मां से इनफ्लुएंस हो कर ऐसी बातें मत करो, आप से तो मुझे पूरे सपोर्ट की उम्मीद थी इस बात पर..." - तन्वी अपनी बहन से बोली
"मैं सपोर्ट करती तुझे तन्वी लेकिन जो सपोर्ट करने वाली बात होती है यह क्या पागलों की तरह जिद लगा रखी है तूने..." - तानिया बोली
"अब इसमें पागलों वाली बात क्या हो गई दी्?" - तन्वी ने अपनी बहन की तरफ देखकर हैरानी से पूछा
"पागल ही हो गई है यह लड़की, किसी की नहीं सुनती हमेशा से ही अपने मन की करती आ रही है पहले यह जॉब और फिर अलग किराए पर घर लेकर रहना, चलो इन सब चीजों में हमने तुम्हें सपोर्ट किया तभी लेकिन यह बात नहीं मानने वाले हम" - तन्वी की मां ने उससे कहा
"अरे मां लेकिन यह जॉब और घर, इन सब में आखिर गलत क्या था जो आप लोग मेरे खिलाफ जाते... " - तन्वी ने अपने मां से पूछा
"अच्छा ठीक है, यह सब गलत नहीं था लेकिन अब जो तू करने को कह रही है वह सरासर गलत है" - तन्वी की मां बोली
"हां, तन्वी तू भी जरा ठंडे दिमाग से सोच क्या जिद लगा के रखी है तूने बेमतलब की..." - तानिया उसे समझाने की कोशिश करते हुए बोली
"मेरी ही गलती है कि मैंने यह बात आप लोगों को बताई ही क्यों? वैसे भी आईवीएफ तकनीक से मां बनना मेरा अपना फैसला है, तो आप लोगों से पूछने की भला क्या जरूरत है मुझे, मुझे पहले ही समझ जाना चाहिए कि आप दोनों कभी मुझे सपोर्ट नहीं करोगे लेकिन मुझे यह समझ नहीं आता कि इस में आखिर बुराई क्या है?" - तन्वी ने पूरी बात बोलते हुए अपनी बड़ी बहन और मां से पूछा
"देख तानिया क्या बोल रही है यह, कि गलती की इसने हमें बता कर, हम इस की अपने हैं हमसे पूछ कर नहीं लेगी ऐसे फैसले तो क्या; सब कुछ तो अपनी मर्जी का ही करती है यह लड़की" - तानिया की मां उससे शिकायती लहजे में बोली
"आप चुप रहिए मां, मैं समझा रही हूं ना" - तानिया अपनी मां से बोली
"कुछ नहीं समझना है मुझे दी; मैंने बहुत ही सोच समझकर यह फैसला लिया है और अब अकेले नहीं रहना मुझे, आई नीड आ बेबी!" - तन्वी बोली
"हां, तो तन्वी, तुझे कौन बोल रहा है जिंदगी भर अकेले रहने को; शादी कर ले और फिर आराम से जितने बेबी चाहिए कर लेना" - तानिया उसे समझाने की नाकाम कोशिश करती हुई बोली
"पता नहीं क्या फितूर चढ़ गया है इस लड़की के दिमाग पर, ऐसे बिन ब्याही मां बनकर तो हमारी बदनामी करवा कर ही दम लेगी ये..." - तन्वी की मां रोने का नाटक करते हुए बोली
"बस करो मां, आप की तो हर चीज में बदनामी होती है फिर चाहे वह हमारी और दीदी की पढ़ाई हो, मेरी नौकरी हो, दीदी की लव मैरिज या फिर अब मेरा यह बिना शादी किए मां बनने का डिसीजन...." - तन्वी अपनी मां की बातों से परेशान होते हुए बोली
"लेकिन तन्वी शादी करने में क्या बुराई है, और पार्टनर के बाद बेबीज हो तो फिर कोई कुछ नहीं कह पाता लेकिन ऐसे अकेले..." - तानिया बोली
"लेकिन दी अपनी लाइफ के इस स्टेज पर, तुम मुझे एक बच्चे की जरूरत महसूस हुई है तो मैं बच्चे के बारे में ही तो सोचूंगी ना की शादी और लाइफ पार्टनर के बारे में; नहीं चाहिए किसी आदमी का साथ मुझे सिर्फ एक अपना खुद का बच्चा चाहिए और मैंने इस बारे में सब पता कर लिया है और कल डॉक्टर से मेरी मीटिंग भी है।" - इस बार तन्वी ने अपनी मां और बहन से पूछा नहीं बल्कि उन्हें अपना फैसला सुनाया
"लेकिन तन्वी बिटिया; यह समाज वाले लोग क्या कहेंगे, हमारी बात तो सुनो तुम्हारी बुआ ने एक बहुत अच्छा लड़का बताया है, एक बार उस से तो मिल लो, ऐसे बिन ब्याही मां का तमगा लेकर क्या मिलेगा आखिर तुझे तन्वी?" - तन्वी की मां एक आखिरी प्रयास करते हुए बोली
"जब मुझे शादी करनी ही नहीं है तो लड़के से मिल कर क्या करूं, मुझे बस एक बेबी चाहिए कोई लाइफ पार्टनर नहीं इसलिए अब इस बात पर कोई बहस नहीं होगी आप दोनों को रुकना है तो रोकिए, नहीं तो आप जा सकती हैं।" - तन्वी दृढ़ निश्चय के साथ बोली
"तानिया बेटा देख तो जरा, कैसे हम दोनों को अपने घर से भगा रही है, और हमारी बात भी नहीं सुन रही है।" - तन्वी की मां बोली
"आई एम सॉरी दी! आई एम सॉरी मॉम, मैं भगा नहीं रही किसी को भी, मैं बस इतना बोल रही हूं कि मैंने यह सोच कर आप दोनों को बताया था कि कम से कम आप दोनों में से कोई मेरा इस डिसीजन में साथ दोगे, लेकिन अगर आप लोग साथ नहीं दे रहे हो, तो फिर भी यह मेरा डिसीजन है और मैं अकेले ही इसे पूरा करूंगी, और इस बारे में अब कोई बात नहीं होगी" - तन्वी थोड़ा शांत होते हुए बोली
"लेकिन तन्वी, एक बार बच्चे के बारे में तो सोचो एक बच्चे को मां और पिता दोनों की जरूरत होती है अच्छी तरह से पलने और बढ़ने के लिए और यह भी तो सोच तू अकेले अपना नौकरी घर और बच्चे सब कैसे मैनेज कर पाएगी?" - तान्या ने भी शांति से तन्वी को समझाते हुए कहा
"हो जाएगा दी मैंने सब प्लान कर रखा है और मैटरनिटी लीव भी मिलती है और मैंने सोचा था उस के बाद आप और माॅम तो हो ही सपोर्ट के लिए लेकिन अब अगर आप दोनों मेरे इस फैसले में मेरे साथ नहीं हो तो भी कोई बात नहीं मैं अकेले ही सब मैनेज कर लूंगी।" - तन्वी अपनी बहन तान्या से बोली
"ठीक है फिर जब तूने फैसला ले ही लिया है तो हम इस में क्या कर सकते हैं, बस समझा ही सकते हैं क्योंकि बच्चा चाहे कैसे भी हो लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ता उन्हें बस अकेली और बगैर शादीशुदा औरत को बच्चे के साथ देखने की आदत नहीं होती और बिन ब्याही मां का टैग लग जाता है लड़की पर" - तानिया एक ठंडी सांस भरते हुए बोली
"कोई बात नहीं दी, लोगों का तो काम ही है कहना लेकिन बाकी लोग और दुनिया वाले क्या सोचेंगे यह सोच कर मैं अपनी लाइफ के डिसीजन क्यों चेंज करूं, मैं तो हमेशा से ही अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीती आई हूं और आज भी मैं वही करूंगी।" - तन्वी बोली
"ठीक है फिर, मैं तो जाती हूं जब तुझे मेरी सुननी ही नहीं, तू यहीं बैठ तान्या और समझाने की कोशिश करती रह अपनी बहन को, मुझे तो लगता है इसने तुझे यह समझा लिया है अपनी बातों से..." - बोल कर तन्वी की मां नाराज हो कर उस के घर से चली जाती है
अपनी मां की ऐसी बातें सुन कर तन्वी थोड़ी उदास हो जाती है, तो तानिया उसे समझाते हुए बोलती हैं - "तू तो जानती है ना मां थोड़े पुराने ख्यालों वाली है, वो यह सब नहीं समझेगी लेकिन देखना जब अपने छोटे से नाती या नातिन को गोद में लेगी, तो झट से उस की सारी नाराजगी दूर हो जाएगी" - तानिया तनवी से कहती है
"इसका मतलब दी आप मेरे साथ हो?" - तन्वी तानिया की बात सुनकर बोलती है
"हां बिल्कुल, तू भले ही बिन ब्याही मां बने लेकिन मैं तो मासी ही बनूंगी ना, बच्चा शादी से पहले हो या बाद मेरे रिश्ते पर क्या फर्क पड़ता है?" - तानिया हंसते हुए कहती है
"थैंक यू सो मच दी, आई लव यू!" - बोलते हुए तन्वी अपनी बहन के गले लग जाती हैं और फिर तान्या के वहां से चले जाने के बाद फोन करके डॉक्टर को बोलती है - "हेलो डॉक्टर! मैं तन्वी कल आईवीएफ प्रोसीजर के रूटीन चेकअप के लिए आ रही हूं।" और डॉक्टर से फोन पर बात करने के बाद तन्वी मुस्कुराते हुए अपने कमरे की खिड़की पर खड़ी रहती है।
समाप्त।।।
Simrana
#लेखनी
#लेखनीकहानी
#Lekhnikaha
#Lekhny
#Lekhnykahani
#Lekhnykahanisafar
Swati chourasia
11-Jul-2021 06:17 PM
👌👌
Reply
Sahil writer
11-Jul-2021 09:48 AM
Achi h kahani apki
Reply
मनोज कुमार "MJ"
09-Jul-2021 06:08 AM
बढ़िया कहानी🙏🙏
Reply