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लघुकथाएं--सपना



**जॉनरः हॉरर**

कहानी ःसपना

,,बार बार वही सपने क्यों आते हैं मुझे..!,,खुद सब बड़बडाते हुए रोहित खुद से बोला और फ्रैश होने के लिए गुसलखाने की तरफ बढ़ गया।
शावर की तेज फुहारें और सुगंधित साबुन की महक भी उसे तरोताजा नहीं कर पाई।वह वैसे ही झल्लाए हुए निकल कर डायनिंग टेबल पर आकर बैठ गया, जहां उसके माता पिता और दोनों भाई बहन इंतजार कर रहे थे।

,,क्या हुआ बेटा, तुम्हारा मूड इतना ऑफ क्यों है?पिताजी ने रोहित के मूड को पकड़ते हुए पूछा।
,,नहीं.. नहीं.. ऐसा तो कुछ नहीं है.. लेकिन फिर उसने अपने सपने के बारे में बतला दिया।

,,पापा,.. मैं एक अनजाने झील की ओर बढ़ रहा हूँ किसी इन्वेस्टिगेशन के लिए एक बर्फ का विशालकाय चट्टान अचानक टूटकर बह निकलता है और उसमें से इंसानों की लाशें निकलने लगती हैं.. इसका क्या मतलब है?क्या यह सच है या..कुछ और..!,,रोहित अपने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ लेता है।

,,क्..क्या...!!!!,,

डायनिंग टेबल पर बैठे सभी मुँह खोले  रोहित की ओर ऐसे देखते हैं कि ऐसा क्या हो गया??

,,बेटे, यह तो सपना था ना,बस भूल जाओ...!,,पिताजी उसे दिलासा देते हुए कहते हैं।

,,लेकिन पापा, बारबार एक ही सपने का क्या मतलब होता है.!.रोहित अनमना सा होकर कहता है।

,,ह्म्म्म..!,,कोई बात नहीं बेटा।आजकल तुम बहुत ही परेशान रह रहे हो.. डिसूजा केस के कारण...।चलो ब्रेकफास्ट कर लो..।माँ ने रोहित से कहा तो रोहित सबकुछ भूलकर  नाशता किया और काम पर निकल गया।

रोहित वर्मा  सिटी पुलिस का एक जोशीला ऑफिसर था। वह  अनसुलझे क्राइम और डिटेक्टिव विभाग में कार्य रत था।

**
कुछ दिनों से मशहूर पेंटर अलास डिसूजा और उनके समस्त परिवार की रहस्यमयी हत्या की गुथी सुलझाने में लगा हुआ था लेकिन वह और उसकी पूरी विभागीय टीम किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई थी।किसी को। यह नहीं समझ आ रहा था कि पूरा परिवार जो अलास डिसूजा कि पत्नी सपना डिसूज़ा का जन्मदिन सैलिब्रेट करने अपने फार्म हाउस में गया था वह वहां से कहाँ चला गया।

यह तो पुष्टि फार्म हाउस में स्थित बूढ़े नौकर शामू ने पुलिस को इत्तला कर दिया था वह भी  आधी रात में पैदल भागते हुए.. लेकिन जब तक वह लौटा पांचों फैमिली मेंबर्स की लाशें गायब हो चुकी थी।

खून तो हुआ था लेकिन आगे का हिस्सा तब दृष्टिगोचर होता जब लाशें मिल जाती।

पुलिस की जाँच यहीं पर आकर ठहर जा रही थी।

**
रोहित अपने केबल पर अकेला बैठा कुछ सोच रहा था।
,,मैं किसी भी केस से दिल से कैसै जुड़ जाता हूँ.. मुझे क्या पड़ी है अलास डिसूजा की मौत से..!
लेकिन फिर पानी का घूंट लेकर वह बोला.. नहीं यह मेरी ड्यूटी है...अब मैं अपने सपने को लेकर मंथन करूंगा कि इसका रिश्ता जरूर अलास केस से है।,,

,,सर चाय..!,,माथुर ने जब चाय दिया तो वह मुड़कर उसे देखा फिर चाय पीने लगा।

,,माथुर..!,चाय की चुस्कियों में ही रोहित ने कहा
एक बात बताना, हमलोग कहाँ पर गलत हैं ..जरा सोचकर बोलो।,,

माथुर रोहित का सहकर्मी था।वह बोला
,,सर,एक बार फिर से रि शूट कर देखते हैं।शुरू से..
24अप्रैल को न्यूज चैनलों ने अलास डिसूजा ने अपनी पत्नी सपना और अपने पूरे परिवार के साथ अपने फार्म हाउस में  पत्नी का जन्मदिन मनाने के लिए जाते हैं। इसकी सुर्खियां बटोरीं थीँ।
यहां तक तो ठीक था पर उसके बाद अचानक रात के दो बजे के आसपास नौकर शामू जो लगभग 80 वर्ष का है हाँफते हुए पुलिस स्टेशन में सारे परिवार की मृत्यु की सूचना देता है.. फिर जब तक पुलिस वहां पहुंचती है तब तक वहां कोई लाश ही नहीं मिलती..।
जमीन पर रक्त और टूटे फूटे बर्तनों और फर्नीचर के अलावा और कुछ भी नहीं मिलता।,,
इसके बाद पुलिस के लिए यह मौत एक गुत्थी बन गई..!,और अब..माथुर ने कहा
,,कोई और विकल्प.. एक कप चाय और ले आऊं क्या..!,,
इसपर दोनों हँस पड़े।

,,माथुर, अब प्रशासन का हमपर दबाव बढ़ेगा.. उससे पहले हमें छोर तो ढूढ ही लेना है।आज रात हम तीन लोग तुम मैं और जैन अलास फार्म हाउस चलेंगे।मीडिया को जानकारी देने की कोई आवश्यकता नहीं है।,,

,,ओके..!,,

***

रोहित, माथुर और जैन तीनों अलास फार्म हाउस में बैठे थे।
अलास ने अपनी पेंटिंग से काफी पैसा कमाया था। क्या इस मौत के पीछे का कारण पैसा था या फिर पॉप सिंगर सपना उसकी पत्नी।

आज..मैं हर हाल में.. क्लू तो निकाल ही लूंगा।,,रोहित सोच रहा था
तभी जैन का मोबाइल बजने लगा।वह उठकर बाहर चला गया।

माथुर का भी फोन आने लगा।
,,सर सीनीयर साहब का फोन है, यह कहकर वह भी चला गया।

अब फार्म हाउस के विशालकाय कमरे में सिर्फ अकेले रोहित ही रह गया।
वह कभी अपनी घड़ी की ओर देखता तो कभी मोबाइल की तरफ।
अचानक सीढियों से उतरती एक कमसिन सी युवती को देखकर रोहित चौंक गया।
शामू ने तो कहा था कि यहां उसके अलावा कोई और नहीं रहता.. तो.फिर.. यह..!!

,,शायद शामू की रिश्तेदार होगी।,,उसने खुद ही आंसर दे दिया और अपनी बड़ी सी सिगरेट जला लिया।

,,साहब..!,,

,,उंह..!!!,रोहित जैसे चौंका।

,,हाँ जी कहिये..,, वह उसकी ओर देखकर पहचानने की कोशिश कर रहा था।
,मैं सपना हूँ..!,,

,,सपना..!,अलास की वाइफ.. आइ मीन कि सपना डिसूजा..!,,

,,युवती ने हाँ में सिर हिलाया।

,,ओह ऐसा कैसै हो सकता है मैडम, सपना तो एक मेच्योर लेडी थी जिसके तीन बच्चे थे।,,

,,हाँ जी,मौनिका,जेब्रा और नंदिनी।,,

,,ओह, तो इसका मतलब कि आप बच गईं.. तो अब तक आप कहाँ थीं मैडम. आपपर तो पुलिस केस हो सकता है।,,

,,ओह, वह सिर नीचे किए ही बोली.. सुनिए जरा आप मेरे साथ चलिए ऊपर.. कुछ दिखाना है आपको।,,

,,ओके चलता हूं।,बोलकर रोहित ने माथुर और जैन के नंबर पर कौल मारा लेकिन वह अनरिचेबल बतला रहा था।
,,उफ्फ दोनों ही डैंब फूट..!,,गाली देते हुए ऊपर सीढियों कि तरफ जाने लगा।

लगभग बीस सीढियों के बाद एक दीवार ही था जिसपर हाथ लगाकर कोई सीक्रेट कोड डाला तो वह कमरा अचानक ही खुल गया।

वहां एक स्वीमिंग पूल बना हुआ था वह भी एकदम ताजे पानी से लबालब।

रोहित यह देखकर हैरान हो गया।वह यहां कईएक बार आ चुका था पर यह सब तो उसने देखा ही नहीं कभी।
वह युवती सपना आगे बढ़ती जा रही थी।उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि वह हवा में तैरती जा रही है।

आगे एक बंद कमरे की ओर इशारा कर उसे खोलने के लिए कहा।

रोहित डर तो गया लेकिन धक्का लगा कर उसने दरवाजा खोल दिया।

आगे का दृश्य चौंकाने वाला था।

वहां बर्फ बनाने के मशीनें लगीं थीं जिसमें बर्फ  की बड़ी बड़ी सिल्लियां भी रखीं थीं।

रोहित हैरान रह गया.. यही तो उसे सपने में आता था..!

,,रोहित... रोहित..!!,साहब.. साहब...!!,,माथुर और जैन उसे ढूढते हुए ऊपर की ओर आ रहे थे।

,,हाँ जी,मैं इधर हूँ..!,,

,,हम तो डर गए थे आप किधर चले गए थे.. रोहित!,,माथुर ने कहा तो रोहित ने कहा

,,नेटवर्क गायब हो गया था फोन ही नहीं लग पा रहा था..!,,

,,अच्छा सुन माथुर देखो अलास के साइड वर्क्स.. बर्फ बनाने का भी बिजनेस चलता था यहां पर।,,

,हाँ पर आपको कैसै पता चला सर!,,

,,उसकी पत्नी सपना ने..!वह जीवित है ..कहीं ये सब खेल उसी का तो नहीं है?,,

,,लेकिन सर..वो तो..मर..!!

,,नो जेंटलमैन.., थोड़ा चिढ़कर रोहित बोला
..वह यहां थी मेरे साथ.. उसी ने यह सब दिखाया है मुझे.. अब जल्दी से इन बर्फ की सिल्लियों को तोड़वाने का उपाय करो!,,

थोड़ी देर बाद जब बर्फ की सिल्लियां तोड़ी जा रहीं थीं तो उनमें से सबसे पहली लाश सपना की हैं थी।

बर्फ में दबकर पूरा शरीर सफेद हो गया था
रोहित उसे देख कर आश्चर्य से चिल्ला उठा
...ओ नो...!!,ये यहां है तो मुझसे जो आकर मिली वह कौन थी??
 ..क्या वह सपना ही थी...जिसने मुझे सच्चाई बताया...!!,,

आश्चर्य से भरा रोहित अचानक सिहर उठा।
पूरे हॉल में सपना के सिसकने की आवाज गूंज रही थी...
,,रोहित बाबू, आप मेरी और मेरे परिवार के मौत का राज खोलेंगे न...!,,

हाँ उन लाशों में मशहूर पेंटर अलास डिसूजा की लाश नहीं थी..!

कुछ राज राज रह गया था और कुछ का पर्दाफाश हो चुका था..!
पुलिस का इंवेस्टिगेशन दूसरी ओर मुड़ चुका था।


***
सीमा..✍️🌹
©®
लघुकथा प्रतियोगिता हेतु
हॉरर-

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12 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

12-May-2022 08:27 PM

Nice

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Reyaan

09-May-2022 05:35 PM

Very nice

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Fareha Sameen

09-May-2022 02:40 PM

Nice

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