माय आर्मी लव ♥️ ए स्पाई लव स्टोरी.....(भाग - 19)
भाग - 19
सभी दादा जी के पास आकर बैठते है। स्नेहल दौडते हुए कमरे मे आती और लड़खड़ा जाती है और सिधे बैठे सुमेध के गोद मे गिरती है। सभी उनको देख हंसने लगते है।
स्नेहल "सॉरी जी,,,सॉरी जी,,सॉरी जी,,सॉरी जी "
जग्गू दादा " ए सबको मील गया सॉरी "
श्यामू दादा " मुझे मील गया,मुझे मील गया "
स्नेहल "मतलब ?"
जग्गू दादा " बेटा तुम्ही सबको सॉरी बाट रही , तो मै सोचा पुछ लू कि सबको बराबर मील गया न?"
स्नेहल " सॉरी जी अब नही बोलूंगी सॉरी "
मुद्रा "तेरा कुछ नही होगा, आ मेरे पास बैठ "
स्नेहल सुमेध की ओर देखती है जो दादा की ओर देख रहा था।
सभी शान्ती से बैठ जाते है।
ब्रिगेडियेर सर " सर जी अब सुनाईये जल्दी से "
जग्गू दादा " हा तो मै बताया था कि परि अचानक से आकर हम लोगो के पास राज के बगल मे बैठ जाती है। और सब लोग हैरान हो जाते है।
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राजवीर , जग जीवन, मनवींदर, श्याम मोहन हैरानी से परी को देखते हुए " मैम आप यहा ?"
परी " हू, मुझे आप लोगो से जरूरी बात करनी है। "
राज " ऐसी क्या बात है? कुछ समस्या है क्या आपको मैम?"
परी इधर उधर देखते हुए " आप लोग लाज नाम के बंदे को जानते है क्या ?"
सभी राजवीर को देखते है। और राज वीर ना मे सर हिला रहा था ।
मन वींदर " क्या हुआ यारा? तू ना मे सर क्यू हिला रहा ?"
परी बगल मे बैठे राज को देखती है। राज अपनी गर्दन पकड हिलाते हुए " मेरी मुंडी जरा अकड़ गई थी "
परी " और एक गुल्लू है क्या कोई , तेज गुल्लू देव कह्ता है "
मन वींदर के मुह से खाना बाहर आ जाता है
श्याम मोहन " कोई नही है। हम लोग न तो लाज के साथ रहते है और गुल्लू देव के साथ तो बिल्कुल भी नही रहते "
जग जीवन " पर मैम वो लोग किये क्या?"
परी " कल तेज मुझसे मिला था। वो मुझे प्रपोज किया...."
राज हैरानी से " क्या ? आप हा तो नही न बोली ?"
परी "अब बच्चा है वो, उसे क्यू मना करु। हा बोल दी "
राज पानी का गिलास टेबल पर तेज से रख कर " ये क्या हो गया "
श्याम मोहन धीरे से जग जीवन से" बेचारे लाज का दिल ही टुट गया, अब गिलास न तोड़ दे "
परी " वो मुझसे बोला पली प्याल मे छोटा बड़ा नही होता, प्याल तो प्याल होता है। और लाज और गुलू की बाते कर रहा था"
राज और मन वींदर एक दुसरे को घबराते हुए देखते है। फिर गुस्से मे तेज की ओर देखते है। जो एक कोने मे चुप चाप बैठा था।
जग जीवन "तो मैडम आप क्या करेन्गी उन्के साथ?"
परी गुस्से मे " पहले उस गुल्लू को मारुन्गी और लाज की हड्डिया तोडून्गी बच्चे को क्या क्या सिखा दीये ? उस लाज को तो नही छोडन्गि "
राज अपने गालो पर हाथ रख प्यार से परी को देखते हुए " मैम कभी मत छोडिएगा "
तीनो गुस्से मे " राज के बच्चे तू मील। प्यार मे पागल हो गया है खुद को और साथ मे हमको मरवाने को भड़का रहा "
मन वींदर " मैडम जी गुलू देव मासूम है। चालाक तो ये तेज निकल गया "
राज " हमे नही पता था ये तेज इत्ना तेज निकलेन्गे "
परी " देखो तो कितने मासूमियत से बैठ खेल रहा । अच्छा मै चलती हू उस लाज को खोजना है "
और चली जाती है। उसके जाते है चारो तेज को घेर लेते है। तेज जमीन पर चीटीयो को धमका रहा था।
तेज " ए चीटी बात मानो मेलि, मै ब्रिगेडियल हू यहा का , जमीन खुदवा दूंगा मेली बात मानो "
राज " तेज बेटा "
तेज " बोलो लाज "
राज " बेटा, आपने अपनी पली दी से प्यार का इजहार किया ?"
तेज " लाज तुम्ही तो बोले थे कि प्याल ने कुछ छोटा बला नही "
राज " मनु देख, हमसे ही प्यार का वाणी सुन परी को छाप दिया , ये तो पली मतलब परि से छोटा है "
तीनो लोग देखते हुए " तुम दोनो के दोनो परी से छोटे हो "
तेज " पली तो बोली 17 साल बाद मै उसकी उम्ल का हो जाउन्गा , फिल वो मुझसे शादी कल लेगी। औल तुम चालो हम दोनो के घल के बाहल पहला देना, क्युकी मेले हाथ तो छोटे है मै कैसे लडूंगा सबसे ?"
राज रोते हुए " देखीये तो आप लोग, मुझसे ही सिख मेरे ही घर मे डाका डाल दिया। और परि अभी तक हमसे ठीक से बात भी नही की और इनसे शादी भी कर लेगी "
श्याम मोहन " मुझे हमदर्दी है तुझसे "
जगजीवन " ए पागलो , सच मे परी मैम तेज से शादी कर लेंगी क्या ये तो बच्चा है , और सत्तरह साल बाद भी परी इससे बड़ी ही रहेगी "
तेज अपने कमर पर हाथ रख "पली मलि है "
राज " परी हमारी है । आपको कब प्यार हुआ उनसे ?"
तेज " जब वो मुझे टॉफ़ी खिलाई। और बोली तुम बहुत प्याले हो "
श्याम मोहन " अब तो तेरी कूंड़ली बाबा जी को भेजने दे, बोल खत लिखू, व्यापार बाधा, काला जादू , सौतन से छुटाकारा, यहा तक पेट खराब हो तो यज्ञ करके सब सही कर देते है मेरे इलाहाबादी बाबा"
जगजीवन " तू फौज मे काहे आया, बाबा बन जाता और रोज खत भेजता गुरु उनको "
तेज " चलो गुलू देव मै चलता हू । तुम लोग लाज का ख्याल रखना कि पली के आस पास भी न फटके "
राजवीर " अब बताता हू आपको "
और राज तेज के पीछे भागता है और तेज आगे।
तेज " लाज तुम मेले जैसे छोटे बच्चे को मालोगे ?"
राज पीछे भागते हते " मार खाने के टाईम याद आ रहा कि आप छोटे है ?"
तीनो राज के पीछे भागते हुए " रूक जा लाज मतलब राज "
तेज भागते हुए परी के पास चला जाता है।
तेज " पली, पली बचाओ। लाज मालेगा "
परी " कहा है वो लाज?"
चारो पेड के पीछे छुप जाते है।
तेज " अले चला गया । खैल मै आ गया तो तुमसे बाते कल लेता हू "
परी उसे गोद मे बिठाकर " हा हा हमसे यहा कोई बाते करने वाला नही। आपसे बाते कर अच्छा लगता है मेरे तेज "
मन वींदर राज के कान पर हाथ रख " तू नही सुन पायेगा यारा "
राज " हे भगवान आप हमे तेज क्यू नही बनाए ? पुरे 50 पैसे चढ़ाता आपको "
श्याम मोहन " तू 10 पैसा दे, मै बाबा को अभी खत लिखता हू "
राज गुस्से मे " अपने सौत को छोड़ू पहले आपको बताते है श्याम । बाबा बाबा दिमाग खराब कर दीये है "
और श्याम को सभी दौड़ा लेते है।
कुछ दिनो मे ट्रेनींग भी पूरी हो जाती है। और परी तेज के जरिये राज और उसके साथियो से घुल मिल जाती है।
एक दिन सभी साथ मे मेस मे बैठे होते है तेज के साथ। और बाते कर रहे होते है।
राज " मैम आप यहा अकेली लड़की , आपको अजीब नही लगता ?"
परी " वही बदलने तो आई हू, कि अब कोई आये तो उसे अजीब न लगे। कोई तो हो उसके साथ "
मनवींदर " आपके घर वाले बड़े खुले विचारो के है। अपनी बेटी को फौज मे भेज दीये। आपको बहुत प्यार करते होन्गे न?"
परी के चेहरे पर उदासी आ जाती है।
परी " हू "
जग जीवन " मैम आप उदास क्यू है ?"
श्याम मोहन " आप 10 पैसे दिजीये मै खत लिख्ता हू बाबा जी को। आपकी सब समस्या दूर हो जायेगी "
राज "चुप करिये आप। "
परी हसते हुए " आप सब बड़े मजेदार है "
तेज " औल मै पली?"
परी "आप तो प्याले हो "
श्याम मोहन " आप भी तेज की तरह र को ल बोलने लगी। तेज तू खुद र को ल बोल्ता है और सबको सिखा दिया। जानता है न गुलू का गुरु देव जब तक नही करेगा तेरे गुरु देव नही सिखायेंगे बन्दूक चलाना "
सभी घबराते हुए " क्या बोल दिया ?"
परी हैरानी से " र का ल मतलब गुलू है गुरु। तो लाज है राज ?"
राज वीर परेशान सा " परी बात सुनिये "
परी उठ कर जाते हुए " परि नही ,,मैम बोलिए "
राज " मैम, हमारा कोई गलत इरादा नही था आपको लेकर । बस हम आपको बहुत पसंद करते है, नही प्यार करते है "
परी " सीनियर हू मै जुबान सम्भाल कर बोलो "
राजवीर " सीनियर है लेकिन इंसान तो है, हम सब पहले इन्सान है क्या प्यार करने का हक नही हमे ?"
परी " नही मुझे हक नही। और ये सुरत देख प्यार कर रहे? बाद मे मेरी सीरत न पसंद आई तो?भुल जाओ सब कुछ "
राज " सुरत देख प्यार किया होता तो भुल जाता। पर प्यार हम सिर्फ परी से किये है। वो परी जो सुबह सबके सामने स्ट्रिक्ट अफसर होती है तो रातो को एक मासूम लड्की जो अपने जज्बात कह नही पाती तो डायरी मे लिख देती है। जो आतंकियो को डरा देती है तो उस मासूम तेज को खुद से प्यार करवा देती है। "
परी की आंखे नम होने लगती है पर वो खुद को संभालती है।
परी " ये बेवकूफी छोड़ो। ठीक से आर्मी तो बन नही पाए, आशिक़ बनने चले हो? अरे पहले अपने देश से तो सच्चा प्यार कर दिखाओ तब आना मुझसे प्यार करने "
और वहा से चली जाती है।
तेज " लाज पली गुस्सा क्यू हुई? मेरे वजह से तुम दोनो मे झगड़ा हुआ? छॉली "
राज तेज को गोद मे उठाकर " ब्रिगेडियर सर आपकी वजह से तो आज वो हो गया जो हम कभी नही कर पाते
आज आपके वजह से परी को बता दीये कि हम क्या मह्सूस करते है उन्के लिए "
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प्राजिका " तो दादू आगे क्या हुआ ? क्या मिस परी मानी? "
सुकुन " दादू फिर आप लोग क्या किये ? कही मिस परि आप लोगो के खिलाफ कम्प्लेन तो नही की?"
श्याम मोहन दादा जी " फिर आगे जो हुआ..... उससे राज की जिन्दगी अलग ही मोड़ पर चल पड़ी।
तो सुनो .......
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तो आखिर क्या हुआ ऐसा राज दादू और उनकी स्पाई लव स्टोरी मे .......... जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ
आगे की कहानी जल्द लेकर आऊँगि🙃💜
Sandhya Prakash
29-Apr-2022 06:27 PM
इंट्रेस्टिंग
Reply
Seema Priyadarshini sahay
28-Apr-2022 09:02 PM
👌👌👌👌💐💐💐💐
Reply
Gunjan Kamal
28-Apr-2022 12:52 AM
👏👌🙏🏻
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