पक्के रिश्तों के कच्चे धागे लेखनी कविता -11-Apr-2022
पक्के रिश्तों के धागे कच्चे हो जाते है
जब संबंधो मे विश्वास कम अपेक्षाँए ज्यादा हो जाता है
जब एकदूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम नदारद होजाता है
जब दो लोगो के मध्य "अंहकार "और "मै " का जन्म हो जाता है
जब वाणी से चोट पहुँचाई जाती है
जब बाहर वालो की बातो को ज्यादा तवज्जो दी जाती है
जब एकदूसरे के दुख तकलीफ से मुहँ मोड़ लिया जाता है
हर बात पर खुद को सही सामने वाले को गलत ठहराया जाता है
जब अपने ही साथी से झूठ बोलने लग जाते है
जब बेबुनियाद इल्जाम लगाया जाता है
गुस्से से बेकाबू होकर हाथ उठाने लग जाता है
माँ बहन के नाम की दुर्वचन कहे जाते है
तब दो चाहने वालो के रिश्तों मे दरार आ जाता है
जन्मो जन्मांतर का रिश्ता पल भर मे टूट जाता है
शिल्पा मोदी✍️✍️
# नाँन स्टाप 2022 अंतर्गत लिखी गई
Seema Priyadarshini sahay
13-Apr-2022 10:16 PM
बहुत सुंदर लिखा आपने
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Anam ansari
11-Apr-2022 07:28 PM
Good one
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Gunjan Kamal
11-Apr-2022 02:58 PM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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