Gunjan Kamal

लाइब्रेरी में जोड़ें

देशप्रेम

उत्तर में गगनचुंबी हिमालय
दक्षिण में हिंद महासागर है
पश्चिम   में   है अरब सागर
पूरब में बंगाल की खाड़ी है।

जहां जन्म लिया देव और  देवियों  ने  आकर
ऋषि-मुनियों से भरा यह पावन देश हमारा है
पाप    धुलते    हैं   पापियों   के   जहां     पर
बहती    यहीं    पर    गंगा    की     धारा    है।

गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और
बाइबल   जिसकी    पहचान    है
सब    धर्मों     का     ही     होता
हमारे    देश     में    सम्मान     है।

ईद, दिवाली, बैसाखी या हो क्रिसमस
खुश होकर  हर  त्योहार  मनाना   हैं
एकता   का   पाठ   यही   पर  सीखा
इंसानियत से  नाता  हमारा  पुराना  है।

जब   भी  समय   आया   मातृभूमि  की  रक्षा  की
वीरों ने एकसाथ  मिलकर मृत्यु को गले लगाया है
विश्व   लेता    है    हमसे     शांति    का     संदेश
हर भारतवासी ने अपने दिल में देशप्रेम जगाया है।

मजहब के नाम  पर  बहका  दे  कोई    भी
ऐसे   देशों  में   हमारा  देश  नही आता  है
अभिमान   है   हमें  अपनी  इस  धरती  पर
दिल से दिल का रिश्ता हमें निभाना आता है।

देशप्रेम     कैसे     करते    हैं
यह  समझ  मुझे  नहीं आती है
भारत   माॅं   की    बेटी   हूॅं  मैं
अपनी माॅं से गद्दारी नहीं आती है।

                                          धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻

गुॅंजन कमल 💓💞💗


# वार्षिक लेखन कविता प्रतियोगिता

   9
4 Comments

Sobhna tiwari

29-Apr-2022 12:13 AM

👌👏🙏🏻

Reply

Seema Priyadarshini sahay

01-Apr-2022 09:30 PM

बहुत खूबसूरत

Reply

Anam ansari

31-Mar-2022 08:03 PM

👍👍

Reply