Simran Ansari

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Exposed part : 7




"ठीक है, भैया! लेकिन थोड़ी देर सो लेते हैं और आप जा कर पहले कुछ खा लो, आपने कुछ नहीं खाया है" - विशाल वही हाॅल में सोफे पर लेटता हुआ रोहित से कहता है।

इस पर रोहित विशाल से कहता है - "तू सो जा, मुझे नींद नहीं आ रही और ना ही भूख लगी है।"

"अच्छा ठीक है, भैया ! जब भूख लगे तब खा लेना और मैं कुछ घंटे सो लेता हूं, लेकिन आप अकेले कहीं मत जाना मुझे भी जगा लेना, मैं आपके साथ ही चलूंगा" - विशाल वहीं सोफे पर लेटा हुआ रोहित से कहता है

"हां, ठीक है" - इस बार रोहित सिर्फ इतना ही कहता है और वहीं दूसरे सोफे पर बैठ जाता है।

उधर दूसरी तरफ‌ कमरे में रागिनी दवाई खा कर सोई हुई है और कबीर भी वहीं उसके सिरहाने बैठा बैठा ही सो गया था।

एक तरफ जहां कबीर और रागिनी सो रहे थे, वहीं दूसरी तरफ मीरा की नींद बिल्कुल उड़ी हुई थी; अपने बिस्तर पर लेटी वह जाग रही थी और जो कुछ भी रोहित और बाकी सब ने उसे बताया था; उन सब के बारे में ही सोच रही थी और साथ ही उसे अपनी बहन अवनी की भी फिक्र हो रही थी।

थका होने की वजह से हॉल में सोफे पर लेटते ही विशाल को भी नींद आ गई थी, लेकिन रोहित की आंखों में बिल्कुल भी नींद नहीं थी; उसे तो बस अपनी पत्नी अवनी की चिंता हो रही थी कि पता नहीं गुंडों ने उसके साथ क्या किया होगा? वह जिंदा भी होगी या नहीं? लेकिन यह ख्याल मन में आते ही वह हर बार अपने मन को समझाता - "नहीं , अवनी को कुछ नहीं हो सकता, वह बिल्कुल सही सलामत होगी; उसे बस वहां से बाहर निकालना होगा।"

इसी उधेड़बुन में रोहित ने खाना भी नहीं खाया और वह बार-बार घड़ी की तरफ ही देख रहा था कि कब सुबह के 5:00 बजे और वह यहां से निकल कर अपनी अवनी को  छुड़ाने जाए।

तभी कमरे में अचानक रागिनी की नींद टूट गई और उस ने पीने के लिए, पानी मांगा ; तो कबीर ने देखा कि कमरे में पानी खत्म हो चुका था; वह पानी लेने किचन में गया तो उस ने रोहित को हॉल में सोफे पर बैठे देखा।

रोहित को इस तरह परेशान बैठे हुए देख कर उस ने रोहित से कहा - "रोहित! थोड़ी देर तो आराम कर ले, मैं समझ सकता हूं कि तुझे अवनी ही फिक्र है, लेकिन अगर तू अपना ध्यान नहीं रखेगा, तो उसे कैसे बचाएगा?"

"मैं ठीक हूं कबीर! तू बता रागिनी की तबीयत अब कैसी है?" - रोहित ने कबीर की बात को नजरअंदाज करते हुए कहा

"हां, रागिनी अब पहले से बेहतर है, उसे प्यास लगी थी तो उस के लिए ही मैं पानी लेने आया था।" - कबीर ने जवाब दिया और इतना कह कर पानी ले कर अपने कमरे की तरफ चला गया।

थोड़ी देर और यूं ही सोफे पर बैठने के बाद रोहित ने देखा कि 5:00 बजने वाले हैं, तो वह यह सोचने लगा कि वह विशाल को भी फिर से उस मुसीबत में नहीं डाल सकता इसलिए वो वहां अकेले ही चला जाएगा।

यह सोचकर रोहित वहां से उठा और बाहर निकलने की तैयारी करने लगा, लेकिन तभी उस के हाथ से कोई सामान छूट कर जमीन पर गिरा, जिस की आवाज से वहीं हॉल में सो रहे, विशाल की नींद टूट गई और वह चौंक पर उठ बैठा और रोहित की तरफ देख कर उस से पूछा क्या हुआ भैया? और फिर विशाल ने घड़ी की तरफ एक नजर डाली; तो उस ने देखा कि 5:00 बजने में 10 मिनट बाकी है तो यह देख कर वो समझ गया की रोहित अकेले ही यहां से निकल रहा था।

सारी बात समझ में आने पर उस ने रोहित से कहा - "भैया! आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? मैंने आपसे कहा था कि मैं भी आपके साथ ही चलूंगा; लेकिन फिर भी आप अभी अकेले ही जाने वाले थे ना...."

इस पर रोहित में विशाल से कहा- "हां, तो अवनी की जान बचाने के लिए, मैं तुम्हारी या किसी और की जान खतरे में नहीं डाल सकता; इसलिए यह काम मुझे अकेले ही करना होगा और तुम भी मेरे साथ चलने की ज़िद मत करो, विशाल।"

उन दोनों के बीच हो रही बातचीत सुन कर मीरा भी अपने कमरे से बाहर आ गई, क्योंकि वह जाग ही रही थी ।

उन दोनों के बीच हो रही बात सुन कर मीरा रोहित से बोली - "विशाल, बिल्कुल सही कह रहा है रोहित जीजू! हम लोग आप को वहां अकेले नहीं जाने देंगे, हम भी आप के साथ ही चलेंगे।

"अरे नहीं, मीरा! तुम तो इन सब से दूर ही रहो" - रोहित और विशाल दोनों एक साथ ही बोल पड़े।

"क्यों, मैं क्यों दूर रहूं? अवनी दी मेरी भी बहन है और मुझे भी उन की उतनी ही चिंता है, जितनी की आप दोनों को; तो मुझे भी साथ चलने का पूरा हक़ है!" - मीरा ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा

"अरे नहीं मीरा! तुम प्लीज समझने की कोशिश करो, वह लोग बहुत खतरनाक है; हम लोग कोई पिकनिक मनाने नहीं जा रहे!" - विशाल ने साइड में ले जाकर मीरा को समझाते हुए कहा

तभी अचानक कबीर और रागिनी भी अपने कमरे से बाहर आ गए और कबीर ने रोहित की तरफ देखते हुए पूछा - "कौन, कहां जा रहा है? हमें बिना बताए....."

इस पर रोहित ने झेंपते हुए कहा - "अरे नहीं, कुछ नहीं कोई कहीं नहीं जा रहा, तुम दोनों अभी जा कर आराम कर लो, कमरे में।"

"नहीं , कोई बात तो है कबीर! जो रोहित, हम दोनों से छुपा रहा है" - रागिनी ने कबीर की तरफ देखते हुए कहा

"हां, रागिनी भाभी! आप बिल्कुल सही समझ रहे हो; भैया, अकेले ही अवनी भाभी को छुड़वाने उस क्लब में फिर से जा रहे थे, बिना हम में से किसी को बताए या किसी को भी साथ लिए:" - विशाल ने कबीर और रागिनी की बात का जवाब देते हुए कहा

इस पर कबीर रोहित के पास आया और उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा - "बस, हम सब को पराया कर दिया ना दोस्त; हम लोग जब एक साथ इस मुसीबत में फंसे हैं तो इसमें से बाहर निकलेंगे भी एक साथ ही।"

"अरे नहीं, कबीर! ऐसी बात नहीं है रागिनी की तबीयत ठीक नहीं है, तो बस इस वजह से मैं तुम दोनों को और परेशान नहीं करना चाहता था" - रोहित ने सफाई देते हुए कहा

"हां, तो ठीक है रागिनी भाभी को यहां मीरा के पास छोड़ कर हम तीनों साथ में चलते हैं।" -विशाल ने सुझाव दिया

"हां, यह ठीक रहेगा;" - कबीर और रोहित ने भी विशाल की बात पर सहमति जताते हुए कहा

जिस पर मीरा बोल पड़ी - "नहीं, मैं भी साथ चलूंगी और अब तो मैं इन सब में पड़ चुकी हूं।"

"अरे! नहीं मीरा , तुम्हारा वहां चलना ठीक नहीं रहेगा और यहां रागिनी भाभी को अकेले भी तो नहीं छोड़ सकते हैं ना" - विशाल ने मीरा को समझाने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा....

इस पर रागिनी बोल पड़ी - "मैं भी साथ ही चलूंगी..." 

उसे तो उन सब ने सख्ती से मना करते हुए कहा - "हालत देखो पहले अपनी, साथ चलूंगी वहां अवनी को ढूंढेंगे या तुम्हें संभालते फिरेंगे" तो उन सब की बात मानकर रागिनी को वहीं मीरा के फ्लैट में ही रुकना पड़ गया।

लेकिन उस के अकेले रहने वाली बात अभी भी समस्या थी, क्योंकि मीरा उन तीनों के साथ जाने पर ही अड़ी हुई थी ; वह अपने घर पर ही रुकने को तैयार नहीं थी..... इस बात का हल निकालते हुए मीरा ने कहा - "कल सुबह मेरी मेड आ जाएगी और अगर इस से ज्यादा कोई जरूरत हो तो मैं अपनी फ्रेंड को भी यहां रहने को बोल सकती हूं।।।

इस पर रागिनी ने कहा - "अरे नहीं, मेड आ जाएगी ना तो मैं ठीक हूं ; बाकी मैं रह लूंगी बस तुम लोग ध्यान से जाना और हो सके तो मुझे इनफॉर्म कर देना, नहीं तो मुझे फिक्र लगी रहेगी।"

"अच्छा ठीक है, लेकिन प्लान क्या है?" - कबीर, रोहित और विशाल की तरफ देख कर पूछते हुए बोला

"कोई खास प्लान तो नहीं है बस हम सब को उन गुंडों से बचते हुए क्लब में घुसना है और फिर अवनी को ढूंढ कर उसे छुड़ाना है; लेकिन यह सब इतना आसान नहीं होगा।" - रोहित ने कहा

"मीरा तुम्हारे पास एक्स्ट्रा मोबाइल फोन है क्या ? क्योंकि उन गुंडों ने हम सब के मोबाइल फोन ने निकाल लिए थे।" विशाल ने मीरा से पूछा

"हां, लेकिन बस एक; क्या उस से काम चल जाएगा?" - मीरा ने कहा

"हां, इस वक्त तो चल ही जाएगा" - रोहित ने मीरा से उस का पुराना मोबाइल फोन लेते हुए कहा 

इन सब बातों में सुबह की 5:15 बज गए, रोहित ने घड़ी की तरफ देखते हुए कहा - "हमे जल्दी करना होगा, अंधेरे में निकलना ही सही रहेगा हमारे लिए आसानी होगी।"

"अच्छा ठीक है निकलते हैं और कुछ तो नहीं चाहिए?" - मीरा ने घर से निकलने से पहले उन सब से पूछते हुए कहा

"अरे नहीं, अब तो सब ऊपर वाले पर छोड़ दिया है मैंने; अगर वह हमारे साथ में होगा, तो हम अवनी को जरूर बचा लेंगे और साथ ही उन लोगों का पर्दा फाश भी कर देंगे" - रोहित ने कहा

"हां, जरूर!" - कबीर ने रोहित की हां में हां मिलाते हुए कहा

"अब हम चारों को निकलना चाहिए।" - विशाल ने कहा

"रागिनी, तुम अपना ख्याल रखना" - कबीर ने जाते वक्त रागिनी से कहा

" हां, ठीक है, तुम अपना भी ध्यान रखना।" - रागिनी ने कबीर से भी कहा

इतना कहकर वह चारों मीरा के फ्लैट से बाहर निकल गए, बाहर निकलते वक्त मीरा ने रागिनी से कहा - "रागिनी दी; डोर अंदर से लॉक कर लो और अगर कोई बात हुई तो हम लैंड लाइन पर कॉल करेंगे।"

"हां, ठीक है, मैं ध्यान रखूंगी" - इतना कह कर रागिनी ने डोर अंदर से लॉक कर लिया और उन सब की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करने लगी।

और वह सब फ्लैट से बाहर आकर क्लब की तरफ जाने के लिए एक टैक्सी रोक कर उस में बैठ गए।




क्रमशः


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8 Comments

Fauzi kashaf

02-Dec-2021 11:45 AM

Nice

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Ammar khan

30-Nov-2021 12:23 PM

Good

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Hayati ansari

29-Nov-2021 08:51 AM

Good

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