लेखनी कविता -14-Feb-2022
🌹🌹चौदह फरवरी🌹🌹
हमला पुलवामा काला दिवस
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आओ हम सब आज नमन उनको करें,
आज के दिन जो वतन पर जान कर गए न्यौछावर,
मोहब्बत वाला दिन था ये उनको भी पता था,
वो ही दिन उनको लील जाय ये नहीं पता था,
कुछ दुश्मनों का तो कुछ देश में छिपे गद्दारों का षडयंत्र ऐसा रचा था,
जो आतंकी के आतंक के शिकार हुए थे,
उनके भी अपने मन में सपनें थे संजोए,
जो बारूद के काले धुंए में खो गए,
ये था उनका कायराना हमला
जो सियारों और गीदड़ों की चाल गए,
जो सिंहो की गुफा तक आकर धोखे से बारूदी जाल बिछा गए,
ऐ मेरे वतन के वीर प्रहरी तुम पे वतन गर्व और नमन करता है,
हमें गर्व है उन लालों की माताओं पर जो वतन पे जान न्यौछावर करते है,
क्योंकि
इन वीर सुरक्षा प्रहरियों से ही है ये वतन सुरक्षित,
सारे तीज-त्यौहार हम सब की खुशियां सारी सलामत,
आज वेलेंटाइन डे नहीं वीर प्रहरियों की शहादत का शहीद दिवस मनाए,
पुलवामा के हमले का काला दिवस मनाए !!
✍️ वैष्णव चेतन"चिंगारी" ✍️
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा
राजस्थान
14/02/021
स्वरचित मेरी रचना
Ekta shrivastava
15-Feb-2022 08:55 AM
लाज़वाब
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वैष्णव चेतन"चिंगारी"
15-Feb-2022 06:59 PM
ह्र्दयतल आभार आपका आदरणीया🙏🙏
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Seema Priyadarshini sahay
14-Feb-2022 11:00 PM
बहुत खूबसूरत रचना
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वैष्णव चेतन"चिंगारी"
15-Feb-2022 06:59 PM
ह्र्दयतल आभार आपका आदरणीया🙏🙏
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