Simran Ansari

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जिंदगी का सफर जारी है।





जिंदगी का सफर जारी है तेरे बिना भी
जिंदा हूं मैं आज भी तेरे बिना भी


मुस्कुराना भूली नहीं हूं तेरे बिना भी
खुश होगा तू भी मेरे बिना ही


कोई नहीं मरता किसी के बिना भी
कह जाते हैं सब बेवजह यूं ही


पहले जैसा तो नहीं रहा कुछ भी
पर क्या पता हो जाए कुछ बेहतर ही


मंजिल नहीं थी कोई इस सफर की
शायद इसीलिए साथ छूट गया राह में ही


चल रहे थे साथ तेरे यू ही बेवजह
क्या पता था तेरे लिए हम भी थे बेवजह ही


अहमियत खुद की ना हो जब तक खुद ही
उम्मीद नहीं रखनी चाहिए किसी और से भी


जिंदगी का सफर जारी है तेरे बिना भी
नींद आ जाती है रातों को तेरे बिना भी


सोचती हूं तेरे बारे में आज भी कुछ ज्यादा ही
तुझसे कुछ कम ना थी गलतियां मेरी भी


लेकिन अब हो चुका है एहसास 
जिंदगी का सफर जारी है तेरे बिना भी......



समाप्त।।।

सिमरन.......
पूर्णता मौलिक एवं स्वरचित कविता।


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1 Comments

Swati chourasia

29-Jan-2022 05:58 PM

Very beautiful 👌

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