Simran Ansari

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Exposed part : 6

रात का वक़्त था, अंधेरा भी हो चुका था; तो रोहित की सलाह मानकर उन सभी ने उस‌ वक्त तो मीरा के घर जाना ही सही समझा।


मीरा अपने फ्लैट में अकेले ही रहती है, उस के पेरेंट्स दूसरी सिटी में रहते हैं और किसी तरह छुपते छुपाते और गुंडों से बचकर रोहित, कबीर , रागिनी और विशाल , मीरा के घर पहुंच जाते हैं।।

उधर दूसरी तरफ वह गुंडे अवनी से पूछते हैं कि "बता तेरे साथी कहां भागे हैं ?" तो कुछ बोलने से पहले ही अवनी बेहोश हो जाती है और उस के बाद उस के मुंह पर पानी की छींटे डाल कर वह लोग उसे होश में लाते हैं होश में आने पर वह पीने को थोड़ा पानी मांगती है तो वह गुंडे थोड़ी देर के लिए उस का हाथ पानी पीने के लिए खोल देते हैं और उस के बाद फिर से उसे वैसे ही बांध देते हैं।

 और जब भी उस से पूछते हैं कि तेरे साथी कहां भागे? तो अवनी बस इतना ही कहती है कि मुझे कुछ नहीं पता; तो वह लोग उसे अकेले कमरे में बंद करके, वहां से बाहर आकर, अपने बॉस को कॉल करके बता देते हैं कि चार लोग यहां से भाग गए हैं लेकिन एक लड़की अभी भी उन लोगों के कब्जे में है।


मीरा के घर पहुंचकर; रोहित मीरा के फ्लैट की डोर बेल बजाता है, तो मीरा गेट खोलती है और उन सभी को ऐसी हालत में देखकर चौंक जाती है और घबराते हुए पूछती है - "यह सब क्या हुआ जीजू?" 

लेकिन जल्दबाजी में सब घर के अंदर आ जाते हैं और रोहित भी मीरा के सवाल का जवाब ना देते हुए अंदर आकर गेट अंदर से बंद कर लेता है और रोहित के साथ बाकी सब भी अंदर आ जाते हैं।

उन सब लोगों के साथ अवनी को ना देख कर मीरा को बहुत अजीब लगता है और वह फिर से रोहित से पूछती है - "क्या हुआ है आप सब के साथ और अवनी दी कहां है?"

"सब बताता हूं, पहले सब को पानी पिला दो, मीरा!" - कबीर उस की बात का जवाब देते हुए कहता है।

1 मिनट में लेकर आती हूं और इतना बोल कर मीरा किचन में चली जाती हैं, और सब वही हॉल में पड़े सोफे पर बैठ जाते हैं; सिर्फ रोहित अभी भी खड़ा ही रहता है, उसे अवनी की फिक्र हो रही है और वह उसे बचाने के बारे में ही सोच रहा है।

इतने में मीरा पानी लेकर किचन से बाहर आ जाती है और उन सभी को पानी देती है, फिर पूछती है - "अब तो बताओ गाइज! मुझे बहुत घबराहट हो रही है अवनी दी कहां है?"

उसके बाद वह चारों मीरा को शुरू से लेकर आखिर तक सारी बातें बता देते हैं, कि कैसे बर्थडे पार्टी वाली सुबह से वो लोग मुसीबत में फंसे हुए थे और अभी निकल कर आ पाए हैं; वह भी अवनी को शायद उन गुंडों ने फिर से पकड़ लिया।

ओह माय गॉड! सारी कहानी सुनने के बाद इतना कह कर मीरा अपना सर पकड़ कर वही सोफे पर बैठ जाती है।

फिर मीरा एक सवाल करती हुई बोलती है कि "अब आप लोग क्या करोगे? कैसे बचाओगे अब अवनी दी को?"

इस पर रोहित बोल पड़ता है कि "मैं कैसे भी करके अपनी अवनी को बचाऊंगा और मैं अभी जा रहा हूं यहां से क्योंकि यहां पर बैठे-बैठे बातें करने और एक दूसरे की शक्ल देखने से कुछ नहीं होने वाला;" इतना कहकर वह गुस्से में वहां से गेट की तरफ बढ़ता है, तभी कबीर और विशाल दौड़ कर उसे पकड़ लेते हैं।

"अरे यार! रुक जा, ऐसे गुस्से में कदम उठाने से समस्या का हल नहीं निकलेगा बल्कि हमारी प्रॉब्लम और बढ़ जाएगी; हमें ठंडे दिमाग से काम लेना होगा और कोई प्लान बना कर उसी के अनुसार आगे बढ़ना होगा!" - कबीर रोहित को समझाते हुए कहता है

"हां जीजू, कबीर भैया सही कह रहे हैं, आई नो आप दीदी से बहुत प्यार करते हो, लेकिन हमें भी उनकी चिंता है" - मीरा भी रोहित को समझाते हुए कहती है।

तो फिर उन सब की बात मानकर रोहित वहां पर रुक जाता है, लेकिन उन सब से कहता है कि "हमें जल्दी ही कुछ करना होगा, मैं आज ही वहां जाऊंगा अवनी को छुड़वाने......"

"हां भैया; हम सब चलेंगे" - विशाल रोहित के कंधे पर हाथ रखकर कहता है।।।

"ठीक है, आप सब फ्रेश हो जाइए; जब तक मैं सबके लिए कुछ ना कुछ खाने को बना देती हूं।" - मीरा उन सब से कहती है

तभी रागिनी बोलती है - "रुको, मैं भी तुम्हारी मदद करती हूं!"

"अरे नहीं, मैं कर लूंगी आपको भी तो आराम की जरूरत है, रागिनी दी! - मीरा ने कहा

रागिनी जैसे ही सोफे से उठ कर मीरा के पीछे किचन में जाने लगती है, वैसे ही चक्कर खाकर वहीं गिर पड़ती है; शायद कमजोरी या भूख प्यास की वजह से.... उसे गिरता देख कबीर जल्दी से दौड़कर उसे संभाल लेता है।

विशाल जल्दी से रागिनी के मुंह पर पानी के छींटे डालता है, जिस से वह होश में आ जाती है और मीरा उन दोनों से कहती है कि "आप लोग मेरे कमरे में जाकर रेस्ट कर लीजिए और डाॅक्टर को बुलाऊं क्या?"

रागिनी कहती है - "अरे नहीं ,मैं ठीक हूं वह बस हल्का सा चक्कर आ गया था और डॉक्टर को बुलाना सेफ नहीं होगा!"

कबीर रागिनी को उठा कर मीरा के कमरे में ले जाकर बेड पर लिटा देता है और उसे पानी पिलाता है।

इन दोनों को ऐसे एक साथ देख कर रोहित को अवनी की याद आ जाती है और वह उस के बारे में ही सोचने लगता है कि उसने भी तो काफी देर से कुछ खाया पिया नहीं तो उस की क्या हालत होगी ? यह सोचकर रोहित की आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन उन सब से अपने आंसू छुपाता हुआ वह बालकनी में चला जाता है।

मीरा और विशाल भी कमरे से बाहर आ जाते हैं और मीरा किचन में चली जाती है और विशाल वही हाॅल में सोफे पर बैठ जाता है, थोड़ी देर बाद विशाल भी किचन में आ जाता है और मीरा से पूछता है - "कोई हेल्प तो नहीं चाहिए।"

"अरे नहीं, बस इंस्टेंट नूडल्स बना रही हूं सबके लिए क्योंकि और कुछ तो इतनी जल्दी बन नहीं पाएगा और आप सब को भूख भी लगी होगी ना?" मीरा विशाल को मना करते हुए कहती है

"अच्छा ठीक है तो मैं सर्व करने में ही तुम्हारी हेल्प कर देता हूं," इतना कह कर विशाल अपना हाथ मीरा की तरफ बढ़ाता है तभी मीरा की नज़र विशाल के हाथ पर लगी चोट पर पड़ती है, जिस से खून भी निकल रहा होता है।

उसे देख कर मीरा घबरा जाती है और विशाल की तरफ देखकर कहती है - "ओ माय गॉड! तुम्हें यह चोट कैसे लगी?"

इस पर विशाल लापरवाही से जवाब देता है - "पता नहीं, वहां से निकलते वक्त ही लगी होगी, मुझे ध्यान नहीं है।"

"पागल हो तुम, बिल्कुल दर्द नहीं हो रहा क्या?" - मीरा उस के हाथ की तरफ ही देखकर कहती है....

और इतना कहकर उसका हाथ नल के नीचे ले जाकर चोट के पास लगे खून को धोकर साफ करती है और फिर उसे हॉल में ले जाकर सोफे पर बैठने को कहती है।

इस पर विशाल कहता है - "अरे मीरा! मैं ठीक हूं, मेरा दर्द या चोट अवनी भाभी और रोहित भैया से ज्यादा तो नहीं हो सकता ना...."

विशाल के इतना कहते ही मीरा उसके चेहरे की तरफ देखने लगती है और बात बदलते हुए कहती है - "अगर खुद ठीक नहीं रहोगे तो अपने भैया की मदद कैसे करोगे? आप अवनी दी को भी कैसे बचाओगे?"

इतना कहकर मीरा उस की चोट को पहले एंटीसेप्टिक से साफ करती हैं और फिर दवाई लगाकर बैंडेज कर देती है।

मीरा जब तक यह सब करती है तब तक विशाल उसे ही निहारता रहता है, लेकिन मीरा इस पर ध्यान नहीं देती है और चोट पर पट्टी करने के बाद विशाल से कहती हैं - "तुम जाकर रोहित जीजू को खाने के लिए बुला लाओ जब तक मैं कबीर और रागिनी दी से कह देती हूं।"

"ठीक है!" - इतना कहकर विशाल वहां से रोहित को बुलाने के लिए चला जाता है और मीरा कबीर और रागिनी को उन का खाना कमरे में ही दे आती है इतने में विशाल आकर मीरा से बताता है कि "रोहित भैया ने खाना खाने से मना कर दिया है।"

इस पर मीरा विशाल से कहती है - आई नो, वह अवनी दी के बारे में ही सोच कर खुद भी खाना खाने से मना कर रहे हैं; चलो अच्छा जब तक तुम कुछ खा लो...."

"कबीर और रागिनी भाभी ने कुछ खाया?" - विशाल मीरा से पूछता है

"उन के कमरे में ही दे आई हूं, रागिनी दी को अभी भी काफी वीकनेस है!" - मीरा ने जवाब दिया

"तो तुम्हारे लिए लाऊं खाने को?" - मीरा ने विशाल से पूछा

"नहीं, मेरा भी कुछ खाने का मन नहीं है" - विशाल ने कहा

"अच्छा ठीक है, मैं अभी रोहित जीजू से बता कर आती हूं कि उनका भाई भी उन की वजह से कुछ नहीं खा रहा है, सोचो उन्हें कितना बुरा लगेगा?" - मीरा विशाल को खाने के लिए मनाते हुए कहती है

"अच्छा ठीक है ! मैं खा लेता हूं," - कहकर विशाल नूडल्स खाने लगता है और खाते-खाते मीरा से पूछता है - "तुम नहीं खाओगी, इस पर मीरा जवाब देती है - "अरे नहीं, जब तुम लोग आए तो मैं डिनर कर चुकी थी तो मुझे भूख नहीं तुम खाओ।"

और वही बैठकर विशाल को खाते हुए देखती रहती है; लेकिन जैसे ही विशाल उसकी तरफ नजर उठाकर देखता है, तो वह अचानक से उठ कर कमरे की तरफ जाने लगती है और विशाल से कहती है - "गुड नाइट! तुम यहीं हॉल में सो जाना और रोहित जीजू को भी कुछ खिला देना।"

इतना कहकर मीरा अपने कमरे में आ कर लेट जाती है, और रोहित बालकनी से हॉल में आकर विशाल के पास ही बैठ जाता है और विशाल से कहता है - "मेरे पास एक प्लान है।"

इस पर विशाल कहता है कि "रुकिए कि मैं कबीर भैया को भी बुला कर लाता हूं।" 

नहीं, इतना कहकर रोहित विशाल को मना कर देता है और कहता है "मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से किसी और की जान खतरे में पड़े और रागिनी की हालत वैसे भी ठीक नहीं है; मैं खुद ही वापस वहां पर जाऊंगा और अपनी अवनी को बचा कर लें आऊंगा।"

"नहीं भैया, मैं आपको अकेले नहीं जाने दूंगा मैं भी आपके साथ चलूंगा!" - विशाल रोहित से कहता है।

"तो फिर ठीक है, हम दोनों सुबह 5:00 बजे यहां से निकलेंगे और सीधा उसी क्लब में जाएंगे!" - रोहित ने विशाल से कहा

"ठीक है भैया!" - कहकर विशाल ने भी उसकी हां में हां मिलाई।



क्रमशः


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1 Comments

Kumawat Meenakshi Meera

08-Jun-2021 06:11 PM

Gajab

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