लेखनी प्रतियोगिता -07-Jan-2022 खत
खत किस लिए रखे हो जला क्यों नहीं देते ।
कोशिश है भुलाने की भुला क्यों नहीं देते।
❤️
तुम ख्वाब में आते हो मुलाकात की खातिर।
पीछा जो छुड़ाना है बता क्यों नहीं देते ।
❤️
तुम मेरे मसीहा हो दुआ दो या दवा दो ।
तुम से ही शिफा है तो दवा क्यों नहीं देते।
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जो बोझ है "सगीर" उसे दिल में ना रखो ।
आंखों में जो आंसू है गिरा क्यों नहीं देते।
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सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच
Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI
08-Jan-2022 10:27 AM
Thanks sir
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Ravi Goyal
08-Jan-2022 09:14 AM
बहुत सुंदर 👌👌
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Raushan
08-Jan-2022 08:32 AM
Kya baat hai....khoob
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