लाइब्रेरी में जोड़ें

माय आर्मी लव ♥️ ए स्पाई लव स्टोरी.....(भाग - 2)

भाग - 2

अगली सुबह.....
तीनो की नींद खुलती है तो सुमेध लैपटॉप लिए बैठा मुस्कुरा रहा था।
प्रविष्ठ - भाई तेरे इस शातिर मुस्कुराहट से डर लगता है।
आलोक - रात भर जगा था ??
सुमेध - काम हो गया,,, हरसतगंज के मधुवन कॉलोनी के सबसे कोने वाले घर मे आतंकी है 
नवनीत - वाह इतनी जल्दी इतना सही कैसे पता कैसे लगाया ??
प्रविष्ठ - चलो जवानों...
तीनो - बस बस,,,,सबको पता लगवा दे....
चारो नॉर्मल कपड़े में उस एरिया के लिए निकलते है।
भिड़ भाड़ के इलाके से होते हुए उस कॉलोनी में पहुंचते है।
आलोक जाकर उस घर का डोर नॉक करता है।
अंदर से एक औरत आती है - जी बोलिए
आलोक - मैम हम लोग घर घर घूम सर्वे कर रहे है कि किसके घर में कितने लोग है। पॉपुलेशन सर्वे।
वो औरत घबराई हुई - अभी मेरे पति घर पर नही।और बच्चे भी बाहर है। आप लोग बाद में आना
आलोक - मैम सरकारी काम है। डीले नही हो सकता
बस पांच मिनट लगेगा
वो औरत - तीन लोग है,,,मै मेरे पति और एक बेटी
आलोक - ओके... मैम मै आपका वाश रूम यूज कर सकता हू क्या?
वो औरत - हमारे घर में लाइट नहीं है,,तो पा...नी नही आया आज
आलोक धीरे से - समझ गया। चिंता मत करिए। 
वो औरत हैरानी से आलोक को देखती है।
आलोक - ज्यादा लोग है? हथियार है? किसी को मारा?
वो औरत - नही ज्यादा नहीं..... ज्यादा पानी नहीं है।  
आलोक - मैम आप मेरा ब्रांड यूज करिए सारे बैक्टीरिया मर जाएंगे
औरत घबराते हुए - सच मे मर जाएंगे न?
आलोक - भरोसा रखिए मैम
और आलोक वो औरत को बाहर धक्का देकर घर में गन लोड करते हुए घुस जाता है।
उस औरत को बाहर नवनीत सेफ जगह रहने को बोलता है,,,और घर में घुसा ।
अंदर आलोक के पास नवनीत आता है और दोनो इशारे में एक दूसरे को सामने वाले रूम में चलते को कहते है।
और दोनो अचानक से सामने वाले रूम में जाते है,,,और आतंकी के सामने गन लोड किए खड़े हो जाते है।
वो आतंकी उन्हे देख घबरा जाता है,,
नवनीत - अब तेरा खेल खत्म
आतंकी - मुझे तो पकड़ लोगे उस लड़की का क्या होगा
वो लोग देखते है एक लड़की जिसके लंबे बाल खुले होते है,,और उससे टाइम बम लगा होता है
आतंकी हंसते हुए - सिर्फ पांच मिनट में ....बूम
आलोक और नवनीत उस आतंकी को पकड़ - बम डिफ्यूज करने के लिए सिर्फ 1 मिनट काफी है।
वो आतंकी हमला करने लगता है,,, और उन्हे धक्का देकर जैसे ही भागने की कोशिश करता है,,सुमेध उसके सामने आ जाता है
सुमेध - ऐसे खेल मै बचपन में खेलता था।
नवनीत उसके पैर पर गोली मार - अब देखता हु कैसे भागता है?
तभी प्रविष्ठ आते हुए - ओए ये क्या ,,,सर ने मारने से मना किया था
नवनीत - मारा नही हु,,बस ठोका हु,,तू अपनी वाली को देख,,,मतलब अपना काम कर इस लड़की के शरीर से बम डिफ्यूज कर
लड़की का बाप - सर मेरी बेटी को बचा लीजिए
प्रविष्ट - भरोसा रखिए
और उस लड़की के पास जाता हैं और फोकस होकर उसमे के वायर्स काट,, बम ऐसे डिफ्यूज किया जैसे दिवाली के पटाखो से खेल रहा हो
प्रविष्ठ लड़की की ओर देखते हुए - अब आप सेफ है मिस...
वो लड़की अपने चेहरे के बाल हताती है और प्रविष्ट की ओर देखती है उसकी बड़ी बड़ी आंखें लाल होती है।
प्रविष्ठ उसे देखने लगता है।
वो औरत आदमी उन चारो को रोते हुए धन्यवाद बोलने लगते है।
सुमेध - जी इंडियन आर्मीदेशवालो की रक्षा के लिए ही है।
नवनीत - अब आप लोगो को कोई दिक्कत नही होगी। हम जाते है इसे लेकर
और सभी जाने लगते है। प्रविष्ठ खडा उस लड़की को देख रहा होता है
सुमेध - भाई चले??
प्रविष्ट - हा...
उस लड़की को उसकी मां गले लगाए बोल रही थी - मुद्रा तू सही है न?
प्रविष्ठ जाते हुए - मुद्रा..........
इधर आर्मी कैंप में उस आतंकी को बंद किया जाता है,,और उससे सारे राज को उगलवाने की कोशिश की जा रही थी।
शाम मे चारो लोगो के लिए तालिया बजाए। और आर्मी चीफ चारो की खूब तारीफ करते है।
आर्मी चीफ - तुम चारो का साथ कमाल का रहा,, आगे भी ऐसे मिशन के लिए तैयार रहना
चारो साथ मे मेस में आते है। और खाना खाने लगते है।
सुमेध - काफी मजा आया तुम लोगो के साथ 
प्रविष्ठ - तो आज से हम चारो यार....
चारो एक साथ पानी का गिलास उठाकर - मेरा जाम यारो के नाम
और खाना खाकर रूम में आते है।
नवनीत - यार कुछ अपने बारे में बताओ घर परिवार। मैं तो पंजाब से हु,,दादा आर्मी अफसर थे,,और पापा बिजनेस देखते है लेकिन मै दादा के कदमों पर चला
आलोक - मै इलाहाबाद से हु। खास बात मेरे दादा जी श्याम मोहन तिवारी भी आर्मी ऑफिसर,, लेकिन पापा इस दुनिया में नही शहीद हो गए। हा मां घर पर है दादा जी का ख्याल रखती है।
प्रविष्ठ - मै बनारस से हु। वही हमारा छोटा सा परिवार। भैया सब ठोकने में विश्वाश करते है पर हम बनारसी कांडी है,,इसीलिए तो मुंह से तार काट के बम डिफ्यूज कर देता हु। बस गंगा मईया के किनारे पले बड़े हुए है,, अब यहा आतंकियों के बीच बवाल मचाने आया हु
सुमेध - कैलीफोरनिया में पढ़ा लिखा हु,,वही बुआ के साथ रहा। 
प्रविष्ट - अरे भईया मम्मी पापा दादा दादी के बारे में भी कुछ बताओ
सुमेध - मेरा बुआ के सीवाय कोई नही... 
और बाहर चला जाता है।
नवनीत - उसे क्या हुआ?
आलोक - पिछले चार सालो से जानता हू इसे। इसके परिवार वाले है पर ये उनसे नफरत करता है। 
प्रविष्ठ - पर क्यू?
आलोक - एक गलतफहमी और सब बिखर गए......
''सुमेध के परिवार में उसके दादा तीन भाई। धर्मवीर सिंह शेखावत , करमवीर सिंह शेखावत और राज वीर सिंह शेखावत। सुमेध के रियल दादा धर्म वीर सिंह शेखावत है। 
धर्म और करम दादू की फैमिली तो है हा राज दादा जी अभी तक शादी नही किए...... और क्यू नही किए उसका राज नही पता.... आर्मी में मेजर रह चुके है। 
सुमेध छोटा था तो करम वीर दादू के बेटे की पत्नी सुमेध को घर वालो के खिलाफ भड़काती। उन्हे पूरा जमीन जायदाद का लालच। लेकिन सुमेध के नाम बहुत प्रॉपर्टी है क्युकी राज दादा अपनी सारी प्रॉपर्टी सुमेध के नाम किए है। यही बात कमला चाची को रास नहीं आई।
उन्हे एक मौका चाहिए था सुमेध को सबकी नजरों में उतारने का। एक दिन सुमेध गांव के एक बच्ची को गोद में उठाए खिला रहा था,,,, वो बच्ची अचानक से छत से गिर गई वो बच तो गई पर कभी चल नही पाएगी डॉक्टर बोले। फिर कमला चाची की बाते शुरू हो गई वो बोली सुमेध का इस बच्ची के भाई से खेल खेल में  झगड़ा हुआ था। सुमेध इसीलिए गुस्से में उसे गिरा दिया। सुमेध के दादा पापा बहुत गुस्सा हुए। उसके पापा तो इतना तक कह दिए की सुमेध मर गया उनके लिए...... लेकिन राज दादू सबसे बड़े है और उनकी बात को कोई मना नही कर सकता वो सुमेध को खुशी बुआ के साथ भेज दिए। और सुमेध तब से कैलिफोर्निया में रहा,,,और पढ़ाई कर भारत आया आर्मी ऑफिसर बना पर अपने घर कभी नही गया".......। 
प्रविष्ठ और नवनीत शॉक हो जाते है सुमेध के राज जान
नवनीत - तो क्या सच में सुमेध उस बच्ची को गिराया?
आलोक - नही... ये काम उसकी चाची का था। पर भरोसा कौन करता सुमेध का। उस छोटे से लड़को को फसा दिया गया। सुमेध बस किसी से बात करता है तो अपनी बहन प्रजिका से । मुझे उसके बारे में ज्यादा नहीं पता हा राज दादू उसे अनाथ आश्रम से लाए थे। और सुमेध उसे अपनी सगी बहन मानता है।
प्रविष्ठ - हम है न.... उसके भाई उसके साथ। 
आलोक मुस्कुराते हुए नवनीत और प्रविष्ठ के गले लग जाता है।
------
जय हिन्द.....
बने रहिए मेरे साथ इस  रोमांचक सफर में......

   29
10 Comments

Sachin dev

15-Apr-2022 03:03 PM

Very nice 👌

Reply

सिया पंडित

02-Jan-2022 10:52 AM

Achchi kahani h

Reply

Inayat

20-Dec-2021 04:06 PM

Aap ki lekhn shaili kmal h

Reply