Sahil writer

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निगाहें

निगाहों को निगाहों मे डूब जाने दो ll

आज नशे मे हम को खो जाने दो ll

अपनी नज़रो से इतना आज पी लेने दो ll

मौत आ जाये पास मेरे होश ना आने दो ll

ना रुको इन मतवाली कजरारी आँखो से तीर चल जाने दो ll

आज इस दिल को भी छननी हो जाने दो ll

यूँ दूर से ही देख कर ना अपनी पलकों को झुकाया करो ll

इतनी शरमो हाय से कभी इन चिलमनों को भी उठाया करो ll

इन सरबती आँखो से यूँ दिल को ना जलाया करो ll

कभी कभी धीरे धीरे तुम भी पास आया करो ll

हिरनी जैसी आँखो को तुम यूँ ना मटकाया करो ll

जान निकल जाती है थोड़ा तो मुझे पर भी तरस खाया करो ll

तेरी आँखो का नूर बन कर सजाता रहुँगा तेरे ख्यालों को अश्कों की घरा को थमता रहुँगा ll

 साहिल राइटर 

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5 Comments

Mukesh Duhan

17-Jun-2021 07:58 PM

Bhut sunder prastuti

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खूब लिखा आपने👌👌👌👌

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Ravi Goyal

17-Jun-2021 10:25 AM

Bahut khoob 👌👌

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