Ravi Goyal

लाइब्रेरी में जोड़ें

बंधन

जाने क्यों तू बैठे सोचे
गिद्ध आगे खड़ा हो नोचे
सुन ले अब तू सबका क्रंदन
तोड़ें विचलित करते बंधन


फैल रहा है तिमिर घनेरा
मुश्किलें सभी डालें डेरा
क्यों नहीं उठता हिय में शूल
बन शिव ले अभी हस्त त्रिशूल


पापाचार व्याप्त चहुं ओर
देखें आज सब तेरी ओर
रक्षण का अब प्रण तू निभाना
शीश कटे, ना कदम हटाना


हर किसी को है तुझ पर आस
मत तोड़ना किसी का विश्वास
रणभूमि में ले भर हुंकार
कर दे पापियों का संहार


🖋️ रवि गोयल

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8 Comments

Swati chourasia

10-Nov-2021 01:25 PM

Very beautiful 👌👌

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जबरदस्त 👌👌

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Angela

31-Oct-2021 11:04 AM

Good👍

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