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रुबाइ





खिला कर गुल मुहब्बत का
अदा से मुस्कुरा देना, 
हसीनों के लिए मुश्किल नहीं
बिजली गिरा देना। 
कोई कह दे ये जा कर के
हसीं उन नाज़नीनों से, 
कि मुश्किल है बहुत ज़्यादा
किसी को यूँ भुला देना।। 

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