बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से रहती
बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से रहती
कभी अर्श पर कभी फर्श पर
ये बात सत्य है, कड़वी भी मगर
बुलंदी देर तक किस के हिस्से में रही
कामयाबी हर कदम किसको मिली।
कल फलक पे चमकता था सितारा एक जो
वक्त की ठोकर लगी तो धूल में जाकर मिला
आज उड़ता था गगन में शान से तन कर के जो
कट गए पर तो धरा पर गिर धराशाई हुआ।
कितने आए और गए फहरा के परचम जीत का
पर मिटे पल भर में वो वक्त जब उल्टा पड़ा
इक सिकंदर भी ना रह पाया बुलंदी के शिखर
वक्त आने पर गया हाथ खाली छोड़ कर।
है समय का ये पहिया घूमता रहता सदा
आज उपर जो खड़ा नीचे भी आना है बदा
सीख ले जो मनुज वक्त की करनी कदर
उसको जीवन में सताएगा ना नीचे ऊपर का ये डर।।
आभार – नवीन पहल – १४.०८.२०२३ 😃🙏
# आधे अधूरे मिसरे/ prasidh
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Sep-2023 05:35 PM
बहुत ही सुंदर और संदेश देती हुई अभिव्यक्ति
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