वानी

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Tanuja

चैप्टर 31

अब तक आपने पढ़ा महेंद्र तनुजा के सहारे मीरा और सिद्धार्थ को पकड़ लेता है लेकिन मीरा दोनो को लेकर वहां से भाग जाती है सिद्धार्थ उससे पूछता है तो मीरा कहती है की वो सब बता देगी और राहुल को लेकर स्टेशन जा रही थी तभी महेंद्र उसे घेर लेता है


अब आगे

मीरा स्टेशन जा रही थी तभी चार गाडियाँ उसका रास्ता रोक लेती है... मीरा एक साथ इतनी सारी गाडियाँ देखकर डर जाती है आखीर थी तो वो भी एक चौदह साल की बच्ची ही.... गाड़ी से महेंद्र अपने चौदह पंद्रह गुंडो के साथ निकलता है ड्राइवर बेचारा बहुत डर गया था महेंद्र उसके पास आकर कहता है "बाहर आजा वर्ना खामखा ये ड्राइवर भी मारा जायेगा" .... मीरा गाड़ी से बाहर आती है.. टैक्सी वाला वहाँ से इतनी तेज़ी से निकलता है जैसे कोई उसे ही जान से मारने वाला है.....

महेंद्र पूछता है "कहाँ है उस निकिता का भाई".... मीरा अपने सामने इतने सारे गुंडो को देख पहले तो वो घबरा जाती है तभी उसे निकिता की कही बात याद आती है.. .....

( मीरा एक माँ कभी कमज़ोर नही होती है)  मीरा कुछ देर खामोश रहती है फिर कहती है "वो कहाँ है और क्या करेगा ये तु कभी नही जान पायेगा" (मीरा ने राहुल को गोद मे ले रखा था और धीरे धीरे पीछे हो रही थी) "और एक बात बताऊ तुझे कभी मालूम नही चलेगा की वो कहाँ है".... महेंद्र गुस्से मे दांत पिस्ते हुए कहता है "उसे तो मै ढूंढ ही लूंगा लेकिन तुझे कौन बचाएगा और तुझे क्या लगता है तू इस बच्चे को मुझसे बचा लेगी".....

मीरा अपनी गोद मे लिए उस बच्चे को देखती है जिसने अपने छोटे छोटे हांथो मे उसकी गर्दन को मजबूती से पकड़ा हुआ था... मीरा मन मे (भाग मै सकती नही हु लड़ सकती नही हु कुछ सोचना पड़ेगा ) मीरा अपने आस पास देखती है उसे थोड़ी दूर पर एक बारात जाते हुए दिखती है मीरा कुछ सोच के मुस्कुराती है फिर उस तरफ भगति है वो उस भीड़ मे घुस जाती है

मीरा राहुल को लेकर धीरे से दूल्हे की गाड़ी के पास जाती है और उससे रिक्वेस्ट कर राहुल को उसकी गाड़ी मे बिठा देती है फिर खुद महेंद्र के पास आती है वो चुपके से उसके पास आति है और एक बड़ा सा ईंट उठा कर उसके सर पे दे मारती है..... उस चोट से उसके सर से खून निकालने लगता है...

मीरा उसका कॉलर पकड़ लेती है और गुस्से मे कहती है "तुझे क्या लगता है तू मुझे मार सकता है ,इस वार को कभी मत भूलना मै भले छोटी हु लेकिन दिमाग तुझसे ज़ादा है आज तो जा रही हु लेकिन याद रखना एक दिन वापस ज़रूर आऊँगी और तुझसे अपनी दीदी को दी हुई हर तकलीफ का बदला ज़रूर लुंगी"

महेंद्र के आदमी को आता देख वो वहाँ से भाग जाती है महेंद्र बेहोश हो चुका था... उसके आदमी उसे सम्भालने मे बिजी होते है तभी मीरा राहुल को लेकर निकल जाती है लेकिन उसे जाते हुए महेंद्र का एक आदमी देख लेता है वो उसके पीछे जाता है वो मीरा को पकड़ लेता है... मीरा उससे छुट्ने की पुरी कोशिश कर रही थी लेकिन उस हट्टे कट्टे इंसान के आगे वो छोटी बच्ची क्या ही करती अचानक उसका शैतानी दिमाग काम करता है और वो उस आदमी के प्राइवेट पार्ट पर खींच के लात मारती है जिससे वो आदमी वही घुटने पर गिर जाता है.. मीरा उसके सामने झुकते हुए कहती है "मुझे छोटी बच्ची समझने की गलती मत करना ,मै तुम्हे बर्बाद करने की ताकत रखती हु समझे बड़ा आया मुझे पकड़ने वाला हाँ नही तो"

राहुल उसे ऐसे देख हसने लगता है, मीरा उससे पूछती है "मज़ा आया?"  राहुल खुश होते हुए कहता है "वन्स मोर माँ" उसकी बात सुन मीरा उस आदमी को एक और लात मारती है और राहुल को लेकर भाग जाती है....

"रेलवे स्टेशन भोपाल"

मीरा ट्रेन मे बैठ जाती और अपने उस शहर को छुटते हुए देखती है उसकी आँखे नम थी...

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फ्लैशबैक एंड

"मैने भोपाल छोड़ दिया....मै अपने शहर उत्तर प्रदेश चली गई और जाती भी कहाँ दुनिया से अंजान जादा पढ़ी लिखी भी तो नही थी क्या करती, लेकिन मेरी किस्मत ......कुछ महिनो बाद महेंद्र ने मुझे ढूंढ निकाला और वो मुझ तक पहुँच गया लेकिन तब तक मै बहुत कुछ सीख चुकी थी... लेकिन उस अचानक हमले से मै खुद को संभाल नही पाई और उसने मुझसे राहुल को छीन लिया और उसकी गर्दन पर बंदूक रख दी .... उसे तुम चाहिए थे और राहुल की मौत भी ये मै जानती थी उसने मुझसे सौदा किया

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फ्लैशबैक

महेंद्र मीरा को घूरते हुए कहता है "सोच ले मीरा अगर तु मुझे सिद्धार्थ का पता बता देती है तो मै राहुल को जाने दूंगा..... (जिन दो लोगो को बचाने की कसम खाई थी उनमे से किसी एक को चुनना था..... मैने बहुत कोशिश की लेकिन मै क्या ही कर पाती उस दिन पहली बार मैने एक बच्ची की तरह नही एक औरत की तरह सोचा मुझे मालूम था उसे रिझाना बहुत आसान था मैने उससे डील की)

" चल एक काम करते हैं मै इन दोनो के बदले तुझे कुछ और दे सकती हु सोच ले" ..... (राहुल मेरे पास था मै उसे बचा सकती थी लेकिन सिद्धार्थ दूर था और मै उसका पता किसी को नही दे सकती थी इसलिए मैने उसके सामने खुद को सोम्प् दिया )

मीरा ने अपना दुपट्टा हटा दिया और उसके पास बढ़ गई मीरा ने उसके गालो पर उंगली फेरते हुए कहा "सोच लो"  महेंद्र उसे अपनी भूखी नजरो से देख रहा था और मीरा का शरीर देख उसके शरीर की गर्मी बढ़ने लगी थी ... उसने अपने आदमिओं को बाहर भेज दिया अब उस घर मे सिर्फ मीरा राहुल और महेंद्र थे........ महेंद्र मीरा की  तरफ बढ़ गया और उसने उसे छूने की कोशिश की लेकिन वो उसे छु पाता उससे पहले मीरा ने उसे खुद से दूर धकेल दिया और उसको मारने लगी...... लेकिन था तो वो एक मर्द ही मीरा जैसी नाजुक सी लड़की उसका क्या ही बिगाड़ सकती थी.... महेंद्र ने उसे एक खींच के थपड़ मारा जिससे मीरा ज़मीन पर गिर गई

राहुल इतना डर गया था की वो महेंद्र के सामने घुटने पर हाथ जोड़ कर बैठ गया "प्लिस अँकल मत मारो मेरी माँ को".... महेंद्र इस वक़्त बहुत गुस्से मे था उसने राहुल को उठा के साइड मे फेक दिया.... उसके फेकने के कारण राहुल के सर मे चोट लग गई और वो बेहोश हो गया....

महेंद्र ने मीरा को पकड़ा और उससे जबरदस्ती करने लगा.....

"आगे की कहानी जानने के लिए बने रहिये मेरे साथ मिलते हैं अगले चेप्टर मे, तब तक के लिए बाय बाय.......

वानी #कहानीकार प्रतियोगिता

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