Aliya khan

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इनकार






बातों में तेरी, इनकार होता है ! 
पर मुझे क्यों, इज़हार सुनाई देता है ! 

दिल मे कुछ और आँखो में कुछ और होता है !
तेरे छूने से मुझे क्यों, एहसास कुछ और होता है ! 

न देखे जिस पल तू मुझे, नज़रों को तेरी मेरा ही इंतज़ार होता है ! 
जब आ जाऊँ तेरे सामने, तो तू मुझ से ही  अनजान होता है ! 


आलिया कह

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4 Comments

खूबसूरत पंक्तियाँ

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Abhinav ji

26-May-2023 08:57 AM

Very nice 👍

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Nice lines

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