Simran Ansari

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कसक

रहे नहीं अब वह हमारे,


शायद कभी थे भी नहीं;

लेकिन हम तो हैं बस

उनके ही हमेशा से,

कह नहीं पाए कभी

कसक इस बात की

रह गई इस दिल में;

रह गए सारे अरमान

दबकर यहीं और 

उठता एक दर्द दिल में,

बाकी वही कसक है

सोचा उन के लिए जो था

वह सब आज भी

रह गया मेरे साथ ही

और इस सीने में दफन है।

मिलने की ख्वाहिश

एक आखिरी हमारी

बनकर बाकी एक कसक है।





समाप्त!

Simrana

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5 Comments

any ansari

21-Sep-2021 10:05 PM

Nice one 👍

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Zakirhusain Abbas Chougule

21-Sep-2021 10:48 AM

Nice

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Gunjan Kamal

21-Sep-2021 09:51 AM

शानदार प्रस्तुति 👌

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