हार्टलेस
चलो सोनल मीनल तुम दोनों भी अब जा कर पढ़ाई करो बाक़ी का काम मैं देख लूंगी, सरस्वती ने किचन में आते हुवे अपनी दोनों बेटियों से कहा, मीनल तुम जाओ मैं मां के साथ काम खत्म करवा कर आती हूं सोनल ने मीनल समझाया, ठीक है दीदी,.. कल मेरे मंथली टेस्ट है तो मुझे तैयारी भी करनी है, ओके तुम जाओ, सोनल और सरस्वती एक साथ बोली, मीनल वहाँ से चली गयी,. तुम्हे नहीं पढ़ना है क्या सोनल, तुम क्यू नही गई बेटा सरस्वती ने आराम से पूछा, और किचन में बर्तन उठा कर रखने लगी वो कुछ नहीं मां बस वैसे ही आज मेरा कुछ ख़ास है नहीं पढ़ाई करने को तो मैने सोचा आपकी मदद कर दूं आप भी अकेली कितना काम करोगी, सोनल अपनी माँ को बता रही थी, कोई बात नहीं बेटा मुझे तो आदत है और घर रसोई तुम लोगों की देख भाल के सिवा काम ही क्या है मेरा, सरस्वती ने मुस्कुराते हुवे कहा, सोनल समझ गयी थीं के माँ को दादी की बात बुरी लगी थीं, उन्होंने उनको मेहमानों के पास बैठने नहीं दिया था, ओह्ह प्लीज मां ! आप भी ना ऐसा क्यू बोलती है आप खुद चाहती तो अच्छी जगह जॉब कर सकती थी आप पर आपने हमारे लिए अपने सपने छोड़ दिए आप ऐसा नहीं बोला करें कभी.. एक लम्बी सांस ले कर छोड़ दिया सरस्वती ने वो अपने पुराने घाव फिर से हरे नहीं करना चाहती थी इसलिए वो बस चुप रहीं, मां मुझे आप से कुछ जरूरी बात करनी है सोनल बड़ी मुश्किल से अपने शब्द बोल पाई वो जानती थी, मां आप इजाजत नहीं देगी तो पापा और दादी को कैसे समझाऊंगी.. हां हां बोलो ना क्या बात है, सरस्वती ने अपने सोच से बाहर आते हुवे पूछा, मां मेरी सहेलियां दो दिन के लिए शिमला जा रही हैं कॉलेज पूरा होने में अभी कुछ ही समय बचा है हमारी टीचर भी साथ जा रही है…… कहते कहते चुप हो गई सोनल, हां तो जाने दे बेटा, हमे इस से क्या करना सरस्वती ने आराम से कहा, मां,.. सोनल की आवाज बहुत कोशिश के बाद भी गले में ही अटक गई हम्म , सही कहा आपने , हमें उस से क्या करना, जो जहां जाता है जाने दो, अच्छा में छत पर जा रही हूं माँ थोड़ी दे.. ठीक है सोनल,, सरस्वती जान तो गई थी कि सोनल जाना चाहती है आखिर वो भी इंसान है उसके भी कुछ ख्वाब है अरमान है पर वो कर भी क्या सकती थी, उसकी बात भला कौन मानता है इस घर में, और सोनल के पापा और दादी को तो यह कतई पसंद नहीं आएगा कि वो बाहर अकेली जाए सरस्वती की आंखे नम हो गईं कि वह अपनी बेटी के लिए कुछ नहीं कर सकती थी, ये घर ऐसा नहीं था के उसकी बेटियों के बारे में उनकी कोई राय मायने रखती । सोनल छत पर आईं तो देवाशीष वहां पहले से ही खुले आसमान के नीचे अपनी चारपाई पर लेटा किसी खयालों में खोया था सोनल को देख वो चौक गया एक सोनल वापस जाने के लिए मुड़ी वो अभी किसी से बात नहीं करना चाहती थी, वो गुस्से में और दुख में थी,.. कभी कोई उनसे नहीं पूछता था उनका दिल किस चीज को चाहता है, सोनल आओ ना, वापस क्यू जा रही हो, देवाशीष ने उठते हुवे कहा,.. कुछ नहीं भाई आप आराम करो मैं तो वैसे ही आ गई थी.. सोनल जाने लगी थी. कोई बात नहीं थोड़ी देर मेरे पास बैठो देवा ने उसको बिठा लिया था, सोनल वहीं पास में रखी चेयर पर बैठ गई उसकी उदास आंखे नम हो रही थी क्या बात है तुम इतनी उदास क्यू हो बताओ ना , देवा ने गौर से उसके चेहरे को देखते हुवे पूछा कॉलेज में कुछ हुआ है क्या? किसी ने कुछ कहा है तो बताओ, कोई परेशान तो नहीं कर रहा? देवाशीष ने सोनल से एक के बाद एक सवाल करने शुरू कर दिए थे.. नहीं भैया , ऐसा कुछ नहीं हुआ है सोनल ने अपना चेहरा पूछते हुवे कहा, तो क्या बात है बताएगी नहीं तो मुझे कैसे पता चलेगा। देवा अब परेशान होकर देख रहा था वह क्या है ना भैया, हमारे कॉलेज का टूर दो दिन के लिए शिमला घूमने जा रहा है जिसमें मेरी सारी सहेलियां और दो टीचर जा रही है मेरा भी बहुत मन है जाने का, मगर आप तो पापा और दादी को जानते ही हो ना वो कभी मुझे इजाजत नहीं देगे जाने के लिए । और मां से बात की पर मां भी इस के लिए पापा और दादी को नहीं मना पाएगी मैं जानती हूं.. सोनल चुप हों गयी, देवाशीष उसको देखता रहा.. भैया पापा ऐसे क्यू है ? वो हम पर भरोसा क्यू नही करते हैं सोनल ने रोते हुवे पूछा.. ऐसी बात नहीं है सोनल ,पापा बहुत भरोसा करते हैं मगर आज कल का माहौल बहुत खराब हो गया है ना , तो वो तुम्हारी चिंता करते हैं इस लिए तुम्हे प्रोटेक्ट करने के लिए वह तुम पर रोक-टोक लगाते हैं पापा और दादी हमारा भला ही जाते हैं इसलिए वो थोड़े कठोर हो जाते हैं तू चिंता मत कर मैं पापा से बात करूंगा सच ! आप बात करोगे सोनल के चेहरे पर मुस्कान आ गई हां मै सुबह पापा और दादी से बात करता हूं देवाशीष ने कहा आप कितने अच्छे हो भैया ,कह कर सोनल देवाशीष के गले लग गई बस बस , अब मखन मत लगा, पर भाई एक बात मुझे आप से भी पूछनी थी सोनल ने झिझक के साथ कहा,.. हां, पूछो आप की लाइफ में कोई है क्या भैया? सोनल ने जल्दी से पूछा, नहीं तो, तुझे ऐसा क्यू लगता है देवाशीष ने गंभीरता से कहा जब भी शादी की बात आती हैं आप उदास हो जाते हो और कोई ना कोई बहाना बनाकर शादी से मना कर देते हो, आखिर कैसी लड़की चाहिए आपको, जो आपको मिल ही नहीं रही है कुछ तो बात जरूर है जो आप हम सब से छुपा रहे हो। ऐसा कब तक चलेगा भैया, कोई बात है तो आप बता दो ना पापा से, सकता है वह आपकी बात मान जाए और जो लड़की आपको पसंद है उसी से आपकी शादी करा दें .. हट पागल, ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा तू सोच रही है मुझे शादी नहीं करनी बस और जिससे मैं प्यार करता हूं वह कहां है यह तो मुझे भी नहीं पता, तुमको क्या बताऊं उसके बारे में.. ऐसा क्या? मतलब आपको अभी तक वह मिली नहीं अभी तब क्या आप ऐसे ही कुंवारे रहेंगे हमें भी तो भाभी पर हुकुम चलाने का मौका दे दो भैया, फिर तो आप सब हमें मिलकर ससुराल भेज दोगे तब कहां से मिलेगा हमे यह मौका । अच्छा ऐसी बात है ,,,, दोनों भाई बहन हंस पड़े थे.. चलो अब नीचे नहीं तो मां यही आ जाएगी और फिर आपको उनकी भी बातो का जवाब देना पड़ेगा । सही कहा तूने चलो नीचे चलते हैं । सुबह की शुरुआत हर रोज की तरह नॉर्मल ही लग रही थी मगर सब अंदर ही अंदर किसी ना किसी उधेड़बुन में लगे हुए थे आरती के बाद दादी प्रसाद देने लगी पापा और दादी नाश्ते की टेबल पर ही एक साथ मिलते ही तो देवाशीष ने वहीं बात करने की सोची । वाउ मां आज तो आपने सुबह सुबह ही इतना अच्छा नाश्ता बना दिया आलू की कचोरी और छोले की सब्जी वाह मजा ही आ गया देवाशीष दादी और पापा की तरफ देखते हुए बोला वह दोनों अपनी बातों में लगे थे तुझे पसंद है ना देवा इस लिए बनाए है तू आराम से खा बेटा सरस्वती देवाशीष की थाली लगाते हुए बोली जी मां बिल्कुल मैं तो ज्यादा खाऊंगा.. दादी आप से कुछ बात करनी थी नाश्ता करते हुए देवा ने दादी से कहा हां बोलो ना इतना सोच क्यू रहे हो बेटा, उन्होंने देवा को देखा वैसे तो मैं तुमसे नाराज हूं कल तुमने फिर वही किया, आखिर तुम शादी क्यू नही करना चाहते क्या पूरी उम्र ऐसे ही कुंवारे रहोगे.. दादी अभी तक नाराज़ लग रहीं थीं.. अरे दादी मैने कुछ नहीं किया उस लड़की को मैं पसंद नहीं आया तो इस में मेरी क्या गलती है, उसने मुझे साफ बोल दिया था के मैं उसको पसंद नहीं, वाह बेटा, तू क्या सोचता है मैने यह बाल धूप में सफेद किय है खैर तू वो बात बता जो बताना चाहता था दादी, सोनल का इस साल आख़री साल है कॉलेज में, और उसके कॉलेज की तरफ़ से सब शिमला जा रहे हैं उसकी साथ की सभी लड़कियां जा रही है अगर आप और पापा इजाजत दे तो सोनल का भी बहुत मन है सबके साथ घूमने जाने का,.. तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या देवा ? पापा की कड़कती आवाज आई एक बार को तो सभी सहम गए कि अब क्या होगा, सभी ने अपना नाश्ता छोड़ दिया था.. पापा, सोनल ने बोलने की हिम्मत की तो उसे वहीं चुप करा दिया चुप रहो तुम, अपनी शिफारिश अपने भाई से करवा रही हो पढ़ाई करने तुम्हे कॉलेज जाने दिया है अगर पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता तो घर बैठो और अपनी मां के काम में हाथ बटाओ कह कर पापा गुस्से में आधा नाश्ता वहीं छोड़ कर उठ गए …….
Babita patel
07-Aug-2023 10:16 AM
Nice
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RISHITA
06-Aug-2023 10:40 AM
Nice
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Natasha
14-May-2023 08:12 AM
Nice
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