इसी खेचतान में आस पास के लोगों का जमावड़ा लग गया पर अब बड़े मालिक के आदमियों से कोन बेर मोल ले।
लखी बेहोश हो गिर पड़ी तब भी उन लोगों को जरा दया नहीं आई आती भी कैसे इसी काम के लिए ही तो इनको
रखा हुआ है
तब ही वरुण से ये सब देखा नहीं गया और वो भीड गया
उस तीनो से अकेला ही ,अब तीनों ने लखीं को छोड़,
वरुण को दो ने पकड़ लिया और एक ने अपने लठ्ठ से
उसके सिर पर वार कर दिया एक बार तो वरुण बचा गया , दुबारा दूसरे आदमी ने वरुण के दूसरी तरफ से वार किया ओर अब वरुण बचा नहीं पाया वरुण के सिर में गहरी चोट लगने से वो वही गिर पड़ा।
सुगना को लगा कि वरुण अब नहीं रहा वो अपनी बेहोश मां को देख वैसे ही होश खो गई थी अब वरुण को ऐसे पड़ा देख जैसे वो पागल हो गई थी ।
घर में रखा हसिया उठा लाई और क्रोध ओर दुःख से सुगना की आंखो में अंगारे उतर आए लग रहा था।
एक मुस्टंडे पर जैसे ही उसने वार किया तो वो बोखला गया उसके हाथ पर बहुत गहरा घाव बन गया
दूसरे ने ये देखा तो सुगना पर टूट पड़ा जिसको घाव लगा था उसने सुगना के हाथ पर लट्ठ से वार किया ओर हसीया दूर जा गिरा ।
तीसरे आदमी ने वही हासिया उठा सुगना के गले पर वार कर दिया और वो वही ढेर हो गई .......
वही आखिरी बात जिया को उस पेंटिंग को देख कर याद आई थी
अब तो जिया को अपना जिला , गांव बड़ी मालकिन सब कुछ याद आ गया।
अब वो अपनी अम्मा के पास जाने के लिए बेचैन हो उठीं। डॉक्टर विपिन ,संजय तरु ने जिया को लेकर उसके पूर्व जन्म के घर ओर अम्मा से उसे मिलाने का निश्चय किया ।
गांव के नुकड़ तक तो जिया चुपचाप बैठी रही उस गांव से बाहर कभी निकली ही नहीं जिया मगर यहां से आगे का रास्ता उसे बहुत अच्छे से पता था तो जिया वही बताती रही बहुत खुश भी थी ओर शायद डरी हुई भी कि
अम्मा ओर वरुण के बिना गांव में अब वो क्यू जा रही है
लखी का घर कहा है भाई उसके पापा की आवाज से जिया वर्तमान में लौट आईं।
अपने घर का आंगन देख सुगना के कदम वहीं रुक गए
वो उस घर में अपनी अम्मा के साथ रहती थी और आज
यहां अकेले .. ... उसका जी भर आया
किसी तरह उसकी उगली पकड़े तरु अंदर ले कर गई
वो सब जिया के मन से बोझ उतारना चाहते हैं वो यहां आकर शायद पहले की तरह खुश रहने लगे उसके मन में दबी बातो का याद आना आखिर क्या ,,राज है इन सब का ,सब यही जानना चाहते हैं।
अंदर जाकर देखा तो एक 60,65 साल की बुजुर्ग महिला एक दम जर्जर हालत में टूटी सी खाट पर पड़ी है
उसकी देख कर कोई भी ताजुब कर जाए कि ये जिंदा केसे है
अम्मा अम्मा जिया उसे देख एक दम भावुक हो गई और जा कर लिपट गई अपनी अम्मा से ।
अम्मा ने मुस्किल से आंख खोली और ताजुब से उन सब को देखने लगी कि उस अभागन के घर कोन आया
नहीं तो गांव के कुछ भले लोग जब उनके कुछ बच जाता तो दे जाते लखी को ,नहीं तो बेचारी पड़ी रहती वहीं।
अम्मा अम्मा हम सुगना अम्मा , तुम्हरी सुगना हम लोट आए हैं अम्मा
लखी को तो लगा कि किस्मत फिर एक बार उसके साथ खेल खेल रही है
अब भला सुगना कहा से आएगी ओर ये छोटी सी सात साल की बच्ची केसे सुगना हो सकती हैं ।
मगर जब तरु ओर संजय ने उसे सारी बाते विस्तार से बताई तो उसे यकीन हुआ
अपनी सुगना को पाकर भले ही अब वो किसी और की बच्ची है ,लखी में नई जान आ गई
बहुत देर तक सुगना को गले लगा रोती रही प्यार करती रही बार बार चूमती रही उसके मुख को......
अब तरु ओर संजय जिया को तो वहां नहीं छोड़ सकते है तो वो लखी को भी अपने साथ ले आए और अपने घर के एक सदस्य की तरह उसकी देखभाल की ......
समाप्त💐🙏
Chirag chirag
02-Dec-2021 09:11 PM
बहुत खूबसूरत
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Fauzi kashaf
02-Dec-2021 10:11 AM
Good
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Shalini Sharma
23-Sep-2021 12:03 AM
Beautiful story
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