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वो पेंटिंग

भाग ५






जिया ने अचानक घबरा कर आंख खोली और बोली
हमार अम्मा कीते गई ।
तरु ने उसे गले लगा लिया और उसे शांत करवाया थोड़ा पानी पिलाया थोड़े देर में जिया शांत हुई मगर इस से एक अच्छी बात यह हुई कि अब जिया को सब याद आ गया ।

दिल्ली से दूर एक गांव में वो ओर उसकी अम्मा दोनों ही लोग थे परिवार में .....
उसके घर से कुछ दूर वरुण का घर था जो सुगना के सुख दुःख का साथी था मां गांव के बड़े लोगो के घरों में
बर्तन , सुत कातना , शादी ब्याह के समय जो भी काम मिल जाता कर लेती ।
सुगना अपने घर के आंगन में बैठी अपनी अम्मा का इंतजार करती
एक तो गरीब जात दूसरे लड़की सुंदर तो दूसरो की नजर से बचाने के लिए सुगना की मां उसे कभी अपने साथ नहीं ले जाती थी ।
वरुण भी अपने पिता के साथ गांव के भट्टे पर काम करने जाता ओर खाली समय में पेंटिंग बनाता।
अपने कमाए पैसे वो पेंटिंग का सामान लाने में ही व्यय करता ।
ऐसे ही किसी दिन सुगना को बिना बताए दूर से वरुण ने वो पेंटिंग बनाई थी जो बाद में पता नहीं कैसे दिल्ली के मेले तक पहुंच गई।
उस दिन अम्मा को बहुत  ताप था खड़े भी मुश्किल से हो पा रही
गांव के रसूखदार के घर पोते के जन्मोत्सव पर बहुत बड़ा उत्सव मनाया जा रहा था बहुत से मेहमान आ जा रहे थे एक दो बार उसको बुलाने भी भिजवा दिया ।
मगर सुगना ने मना कर दिया कि अम्मा नहीं जा पाएगी

एक ग़रीब हमारे टुकड़ों पर पलने वाली एक औरत
ने काम पर आने को मना कर दिया वो भी इतने लोगो के सामने ....
घर की सेठानी को अपना अपमान लगा उसका मानना था कि काम नहीं कर सकती थी तो एक बार आ जाती
माफ़ी मांग लेती तो उसको कुछ खाने को दे देती ओर सबके सामने अपनी महानता दिखाने का अवसर भी मिल जाता।
अपने रुतबे को दिखाने के लिए आज्ञा दे दी अपने आदमियों को ,,
ले आओ उसे घसीट कर ,,,,,, चोधरी साहब ने मना करने की  नाकाम कोशिश भी की ,मगर होता वही था
जो मालकिन चाहती थी ।
एक बीमार लाचार औरत को लेकर जाने के लिए तीन आदमी आए ।

इस समय कोन आया सुगना ,,,,अरे अम्मा वरुण होगा
वही इती रात आता हे की नाही भट्टे से ।
दुबारा पहले से भी जोर से दरवाजा बजा
आए रहे हैं बड़ बड़ करती सुगना ने दरवाजा खोला
मालकिन के आदमियों को देख बोली आप लोगन को मना कीय रहे ना हम।
अम्मा की हालत नहीं है काम करने की ,,,,,बात पूरी भी नहीं हुई थी कि उसको एक तरफ  धक्का दे
लखी  तक पहुंच गए ।
चल मालकिन ने बुलाया है और उसको हाथ से पकड़
ले जाने लगे ।
...........

क्रमशः.........


@ रेणु सिंह " राधे " ,✍️

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7 Comments

Chirag chirag

02-Dec-2021 09:11 PM

बहुत सुंदर कहानी

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Fauzi kashaf

02-Dec-2021 10:11 AM

Good

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Zaifi khan

30-Nov-2021 06:07 PM

Good

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