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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 53

ब्लैक बेंगल्स चेप्टर 53

                 सबसे अलग सोचती है ये

अब तक आपने पढ़ा ज्योति और अक्षत विराज के घर मिस्टर करियप्पा से मिलने आते हैं जहाँ कुछ तस्वीरें देख ज्योति केहती है की वो प्लास्टिक सर्जरी करवाया गया है.... 

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"अब आगे"

मिस्टर करियप्पा ज्योति को बहुत ध्यान से देख रहे थे वो दुबारा पूछते हैं "तुम्हे सच मे लगता है.. की इसने प्लास्टिक सर्जरी करवाई है" 
विराज कहता है "डैड ये कुछ भी"
मिस्टर करियप्पा विराज की बात काटते हुए कहते हैं "नही विराज ये तुम दोनो जैसी नही है..... मुझे सुनना है"

ज्योति विराज को चीढाते हुए जीभ दिखा देती है... उसकी इस हरकत पर अक्षत बस उसे देखता रह जाता है... 

ज्योति फिर कहना शुरू करती है "हम बचपन मे एक खेल खेलते थे की दो फोटोस मे कितनी समानता होती है.... बस यही देखना है इन दोनो फोटो मे.. और अगर बात करे तो..... कितना फर्क है चेहरे मे बाल भी वैसे ही... कान भी वैसे ही आप खुद देखिये"

मिस्टर करियप्पा जब उन फोटोस को देखते है ,उन्हे भी ज्योति की बात काफी हद तक सही लगती है...... वो मुस्कुराते हुए कहते हैं..
"मै जांच करवाता हूँ इसकी"

अक्षत मुस्कुराते हुए कहता है "सबसे अलग सोचती है" ज्योति उन दोनो को घूरते हुए केहती है "बस तुम दोनो को ही कदर नही है मेरी"

कुछ देर मज़ाक मस्ती करते है..... 
फिर वो सभी वहां से चले जाते हैं! उनके जाने के बाद मिस्टर करिअप्पा किसी को कॉल करते हैं और कुछ देर बात करने के बाद कॉल कट कर देते हैं!

ऐसे ही दिन बीत रहे थे! फिर एक दिन ज्योति बैठकर अपना कुछ काम कर रही थी, तभी वहां पर अक्षत आता है और ज्योति को कुछ दिखाते हुए कहता है - "ये देखो मैं क्या लेकर आया हूं!"

ज्योति बिना उस चीज की तरफ देखे ही कहती है - "क्या है? तुम खुद ही बता दो!"

अक्षत उससे फिर से कहता है - "अरे, तू एक बार खोल कर पढ़ तो सही, कि क्या है?"

ज्योति इरीटेट होते हुए कहती है - "अच्छा ठीक है लाओ दो, ज़रा मैं भी तो देखूं, कि क्या है जिसे देखकर तुम इतने खुश हो!"

ज्योति जब उसे खोल कर देखती है, तो वो अक्षत की जॉइनिंग लेटर थी! उसने अक्षत की तरफ देख कर  पूछा - "क्या तुम आर्मी जॉइन करने वाले हो?"

अक्षत स्माइल करते हुए कहता है - "हां बेशक, लेकिन अभी नहीं, उसके कुछ प्रोसेस बाकी हैं, तो एक बार वो हो जाए फिर जॉइन कर लेंगे!"

ज्योति खुश होकर कहती है - "अच्छा, तो इस बात पर, पार्टी तो बनती है?"

अक्षत मुस्कुराते हुए कहता है - "हां, क्यों नहीं? इस बात पर तो, जरूर पार्टी होनी चाहिए!"

वो दोनों बात कर रहे होते हैं, कि तभी वहां पर विराज आता है! विराज उदास सा लग रहा था!

विराज को देखकर ज्योति कहती है - "क्या बात है? आज तुम्हारा मुँह क्यों लटका हुआ है?"

विराज उदास होते हुए कहता है - "यार, पापा का ट्रांसफर हो गया है और अब हमें इस शहर से जाना होगा, लेकिन मेरा कॉलेज है तो मैं तो नहीं जाऊंगा पर दो-तीन दिनों में पापा यहां से जा रहे हैं!"

अक्षत, विराज का मजाक उड़ाते हुए कहता है - "तू रो तो ऐसे रहा है वीर, जैसे पता नहीं तेरी दुनिया उजड़ गई हो! अरे पापा ही तो जा रहे हैं ना, कोई बात नहीं, तू कॉल पर बात कर लेना, इतना कौन सा बड़ा मसला है?"

अक्षत की बात सुनकर ज्योति को हंसी आ जाती है! फिर कुछ देर तक ऐसे ही बातें करने के बाद, वो तीनों अपने-अपने क्लास में चले जाते हैं!

लंच ब्रेक के बाद ज्योति कैफे में बैठकर कुछ पढ़ रही होती है, तभी उसके पास अक्षत आता है और उसके साइड में बैठकर कॉफी पीने लगता है!

कुछ देर तक दोनों अपना-अपना काम कर रहे थे, तभी अक्षत, ज्योति से कहता है - "तुझे पता है, ब्लैक ईगल नाम का एक माफिया है! उस दिन अंकल ने बताया था ना, उसके बारे में! तो मैंने उसके बारे में काफी कुछ रिसर्च किया है, और उसके बारे में डिटेल्स भी निकाली है ,और उसकी एक फाइल भी बनाई है! कहते हैं, वो एक बहुत बड़ा माफिया है पर वो कौन है, क्या करता है, कैसा दिखता है, ये कोई नहीं जानता! उसकी पहचान बस उसकी बाजू पर बना वो ब्लैक रंग का ईगल है, जो उसकी टीम की पहचान है! अभी तो मैं उसके बारे में रिसर्च कर रहा हूं, और जिस दिन मुझे उसके बारे में पता चल गया ना, मैं उसे जरूर मारूंगा!"

ज्योति, अक्षत को देख मुस्कुराते हुए कहती है -"मैं दुआ करुंगी, कि तुम्हारी जल्द से जल्द सारी इच्छाएं पूरी हो जाए! ठीक है, अब चलो क्लास का टाइम हो रहा है!"


दिन ऐसे ही बीतते जा रहे थे! सेकंड ईयर खत्म हो चुका था और अब थर्ड ईयर चल रहा था! अब अक्षत भी आर्मी ज्वाइन कर चुका था, लेकिन उसकी ग्रेजुएशन अभी तक कंप्लीट नहीं हुई थी! जिसकी वजह से वो कुछ दिन की छुट्टी लेकर, कॉलेज आ जाया करता था!

तभी 1 दिन ज्योति बैठकर अपना कोई काम कर रही थी, अक्षत वहां पर आता है और उसके पास बैठकर कहता है - "तुम्हें पता है, वो जो खतरनाक माफिया था, जिसके बारे में मैंने तुम्हें बताया था, ब्लैक ईगल?"

ज्योति अपना काम करते हुए कहती है - "हां, मुझे याद है! वही ना, जिसके बाजू पर बना ब्लैक ईगल उसकी पहचान था?"

अक्षत कहता है - "हां वही, तुम्हें पता है? वो मर गया!"

अक्षत की बात सुनकर ज्योति शॉकड होकर उसे देखने लगती है!

कुछ पल बाद ज्योति उससे कहती है - "क्या तुम सच कह रहे हो? मतलब वो इतनी आसानी से, कैसे मर सकता है? मेरा मतलब है, कि जब वो इतना पावरफुल था, तो फिर उसकी मौत इतनी आसानी से कैसे हो सकती है?"

अक्षत कहता है - "हां, यकीन तो मुझे भी नहीं हो रहा! लेकिन, नहीं सच में वो मर चूका है और लोगों को उसकी डेडबॉडी भी मिली थी और उसके हाथ पर ब्लैक ईगल के निशान भी थे! अब ये फाइल तुम रख सकती हो मेरे किसी काम की नही"

ज्योति फाइल बेग मे रखते हुए केहती है " ऐसी चीजें फेकते नही है... कोई बात नही मै रख लेती हूँ"
ज्योति कुछ सोचते हुए कहती है - "मुझे यकीन तो नहीं हो रहा, लेकिन तुम कहते हो तो, सच ही होगा!"

अक्षत फिर खुश होते हुए कहता है "तुम्हें पता है, मैं आर्मी में बहुत अच्छा काम कर रहा हूं और बहुत से मिशन पर भी जाता हूं, और कुछ टाइम में मैं, ऑफिसर भी बन जाऊंगा!"


अक्षत फिर ज्योति को एक फाइल दिखाते हुए कहता है - "देखो ये देवांश है और ऐसा कोई क्राइम नहीं है जो इसने ना किया हो! तुम्हें पता है ये इंडियन आर्मी को डेस्ट्रॉय करना चाहता है! और तो और ये हमारे देश पर, राज करना चाहता है! पूरे वर्ल्ड में इससे बड़ा गैंगस्टर कोई नहीं होगा और मेरा तो ड्रीम है, कि मैं इसे एक दिन जरूर मारूंगा!"

ज्योति, अक्षत को देख कर मुस्कुराते हुए कहती है - "हां जरूर मारोगे तुम, मुझे तुम पर पूरा यकीन है!"

फिर ज्योति उस फाइल को बड़े ही ध्यान से पढ़ने लगती है!

कुछ देर तक ऐसे ही फाइल पढ़ने के बाद अचानक से अक्षत की तरफ देख कर कहती है - "मिस्टर हैंडसम, क्या तुम्हें सच में लगता है, कि तुम उसे मार सकते हो?"

अक्षत कंफ्यूज होते हुए कहता है - "क्यों? Obvious सी बात है ये इंसान है, तो मैं इसे मार सकता हूं!"

ज्योति, अक्षत की बात का जवाब देते हुए कहती है - "नहीं बात वो नहीं है, बात ये है कि… इसे मारना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि इसका कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है और ना ही तुम इसके पास्ट के बारे में जानते हो! और तो और इसके प्रेसेंट रिकॉर्ड के बारे में भी तुम्हें नहीं पता है!"

अक्षत कहता है - "हां, मैं इस पर रिसर्च, कर रहा हूं!"

फिर ज्योति कुछ सोचकर कहती है - "अच्छा एक काम करते हैं! तुमने इसके बारे में जितनी भी रिसर्च की है, वो तुम मुझे बताते जाओ, फिर मैं इसकी अलग से एक फाइल बनाती हूं और फिर हम दोनों मिलकर इसके बारे में पता लगाते हैं! तो बताओ, आईडिया कैसा है?"

अक्षत, ज्योति को एक नजर देखता है और कहता है - "हां कर सकते हैं, लेकिन एक बात कहूं?"

अक्षत की बात सुनकर ज्योति कहती है - "हां, बिल्कुल कहो ना!"

अक्षत कहता है - "मुझे ऐसा लगता है कि… देवांश को तुम मार सकती हो! और शायद, तुम्हारे अलावा और कोई नहीं!"

अक्षत की बात पर ज्योति हंसते हुए कहती है - "मैं अपने कॉलेज के एक लड़के तक को नहीं मार सकती, किसी को परेशान नहीं कर सकती, इंफेक्ट एक चूहे को भी नहीं मार सकती और तुम कहते हो, कि मैं इस देवांश को मारूंगी! हा हा! अच्छा मजाक है मिस्टर हैंडसम!"

अक्षत कहता है - "नहीं, देख लेना एक दिन तुम्हें ये पूरी दुनिया जानेगी! हो सकता है, कि शायद तुम्हें किसी और पहचान से जानेगी? लेकिन हां, तुम इस दुनिया में एक दिन बहुत मशहूर हो जाओगी और ये मेरा दावा है!"

ज्योति मुस्कुराते हुए कहती है - "अगर तुम कह रहे हो, तो सही बात होगी, क्योंकि मिस्टर हैंडसम कभी गलत नहीं कहता!"

तभी विराज पीछे से आते हुए कहता है - "हां हां, सारी अच्छाई तो मिसटर हैंडसम में ही है, वीर तो बहुत बुरा इंसान है!"

ज्योति विराज के सिर पर तपली मारते हुए कहती है - "नहीं, तुम भी बहुत अच्छे हो! इंफेक्ट हम तीनों दोस्त ही बहुत अच्छे हैं! क्यों? सही कहा ना मिस्टर हैंडसम? क्यों वीर, गलत कहा क्या?"

ज्योति की बात सुनकर, विराज मुस्कुराते हुए कहता है - "नहीं, मिस शर्मीली कभी गलत कह सकती है क्या?"

फिर वो तीनों हंसने लगते हैं!

अच्छे से दिन बीत रहे थे और इस बीच अक्षत को देवांश के बारे में, जो भी इंफॉर्मेशन मिलती वो अक्सर ज्योति को बता दिया करता था! उसकी न्यूज़ पेपर में छपी क्टिंगस्, उसके क्राईम रिकॉर्ड्स, हर एक चीज आकर ज्योति को बता दिया करता था!

अब ग्रेजुएशन भी खत्म होने वाला था! लास्ट ईयर के एग्जाम चल रहे थे! Exam होने के बाद ज्योति, कमरे में बैठे कुछ सोच रही थी!

तभी विराज आता है और ज्योति के सिर पर तपली मारते हुए उससे पूछता है - "क्या सोच रही हो, miss शर्मीली?"

ज्योति उदास होते हुए कहती है - "पता नहीं वीर, बस थोड़ा डर सा लगता है! क्या होने वाला है, कुछ समझ ही नहीं आ रहा है?"

विराज कॉफी पीते हुए कहता है - "किस बात का डर? क्या हो गया है?"

ज्योति फिर कहती है - "मिस्टर हैंडसम से काफी टाइम से बात नहीं हुई, महीनों बीत गए! कहां रहता है, क्या करता है, कुछ पता ही नहीं चल रहा? पहले तो कभी-कभी, call या मैसेज पर बात हो जाती थी! लेकिन, अब तो बहुत time हो गया, उससे बात ही नहीं हुई! इस बार लास्ट ईयर के उसने exams भी नहीं दिए, classes भी अटेंड नहीं किए! कुछ समझ नहीं आ रहा, क्या करने का इरादा है उसका?"

विराज कहता है - "वो सेट हो गया है अपनी लाइफ में, कोई मिल गई होगी उसे, या फिर अपनी girlfriend से शादी कर ली होगी! अब कौन ही जानता है? लेकिन तुम बताओ, तुमने क्या सोचा है, exams तो खत्म हो गए?"

ज्योति थोड़ी देर खामोश रहती है और फिर कहती है - "सोचा तो फिलहाल अभी कुछ भी नहीं है! बस, देखते हैं क्या करना है! अभी तो पहले, मिस्टर हैंडसम का पता लगाना है!"

विराज कहता है - "अच्छा ठीक है, कुछ पता  लगे तो मुझे जरूर बताना! अच्छा, मैं कल जा रहा हूं केरला!"

ज्योति, विराज को अपनी नम आंखों से देखते हुए कहती है - "विराज एक बात कहूं?"

विराज कहता है - "हां, बोलो ना!"

ज्योति फिर कहती है - "मुझे पता नहीं क्यों ऐसा लगता है, जैसे ये जिंदगी मुझसे कुछ और ही चाहती है और मैं कर कुछ और ही रही हूं! क्या ऐसा , कभी होता है भला?"

विराज, ज्योति को समझाते हुए कहता है - "तुम बहुत सेंटीमेंटल इंसान हो, ऐसा कुछ नहीं होता है! तुम्हें टीचर बनना है, तो तुम पढ़ाई कंटिन्यू करो! लेकिन हां, मुझे तुमसे जरूर कुछ कहना है, अगर तुम बुरा ना मानो तो!"

ज्योति कहती है - "हां, बोलो ना!"

तभी विराज खड़े होता है और ज्योति के सामने घुटने पर बैठते हुए कहता है - "प्यार करता हूं तुमसे, कॉलेज खत्म हो गया है, कुछ टाइम में अच्छी नौकरी ले लूंगा! IPS बनना चाहता हूं और जल्द ही बन भी जाऊंगा! क्या तुम शादी करोगी मुझसे?"

विराज की बातें सुनकर ज्योति एक झटके से खड़ी होती है और उसे घूर कर कहती है - "विर, मैंने तुम्हें हमेशा अपना दोस्त माना है और दोस्त ही मानूंगी! लेकिन, इससे ज्यादा की उम्मीद प्लीज मत करना!"

इतना कहकर ज्योति वहां से जाने लगती है! ये देखकर विराज खड़े होता है और उसका हाथ पकड़कर उससे कहता है - "आख़िर क्या दिक्कत है? problem क्या है तुम्हारी, हां? प्यार करता हूं तुमसे, अच्छा दीखता हूं, कोई कमी नहीं है मुझमें और इतने सालों से तुम जानती हो मुझे! हां, गुस्से का थोड़ा तेज हूं जानता हूं, तो नहीं करूंगा अब से गुस्सा, मारपीट करना छोड़ दूंगा! लेकिन यार, प्यार करता हूं तुमसे!"

उसकी बाते कड़वी भी लगती है 
पर उनमे सच्चाई भी लगती है

उसकी बाते अच्छी भी लगती हैं
तो कभी उनमे बुराई भी लगती है 

अजीब सा कुछ रिश्ता है उससे
कभी गैरो सा वो शक्स कभी कायनात ही उसकी लगती है
@Secret_writter_1402



क्या ज्योति, विराज के प्रपोजल को एक्सेप्ट करेगी, या नहीं? क्या ब्लैक ईगल सच में मर चुका था? और कहां है अक्षत? और क्यों वो अब ज्योति से कनेक्ट नहीं कर रहा है? क्या वो अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था? क्या ज्योति कभी अक्षत की तलाश कर पाएगी? और कौन था देवांश? और क्या इसकी मिस्ट्री कभी सॉल्व हो पाएगी? क्या मोड़ लेगी ये कहानी?

जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लैक बेंगल्स मिलते हैं अगले  चेप्टर मे तब तक के लिए 

            ........ बाय बाय........

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5 Comments

शानदार भाग

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Varsha_Upadhyay

05-Feb-2023 06:51 PM

Nice 👍🏼

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प्रिशा

04-Feb-2023 10:57 PM

Nice post

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