ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 52
ब्लैक्क बेंगल्स चेप्टर 52
इन्होंने प्लास्टिक सर्जरी करवाया है
अब तक आपने पढ़ा अक्षत और विराज, ज्योति को उन लड़कों से बचा लेते हैं! वहीं अक्षत को विराज की आंखों में ज्योति के लिए कुछ अलग ही जुनून और फीलिंग्स नजर आती है! तो अक्षत जब विराज से पूछता है तो वो उससे बताता है, कि वो ज्योति से प्यार करता है!
थोड़ी देर के बाद विराज, ज्योति और अक्षत, विराज के घर के लिए निकल जाते हैं!
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"अब आगे"
वो तीनों विराज घर के लिए निकल जाते हैं और करीब आधे घंटे में विराज के घर पहुंच जाते हैं, तभी उन तीनों की नजर गार्डेन में बैठे मिस्टर करिअप्पा पर पड़ती है, जो उस वक्त कुछ फोटोज़ देख रहे थे!
ये देखकर ज्योति उनके पास जाती है और उनके पैर छूकर उनसे कहती है - "गुड मोर्निंग uncle! कैसे हैं आप?"
मिस्टर करिअप्पा, ज्योति को देख कर खुश होते हुए कहते हैं - "मैं ठीक हूं बेटा, आप कैसी हैं?"
ये सुनकर ज्योति कहती है - "आप नहीं, तुम कहिए ना, अच्छा लगता है!"
मिस्टर करिअप्पा को, ज्योति की मासूमियत बड़ी ही प्यारी लग रही थी, मिस्टर करियप्पा कहते हैं "ठीक है".... फिर वो सब को बैठने के लिए कहते हैं!
तभी अक्षत, मिस्टर करिअप्पा से कहता है - "नमश्ते uncle!"
अक्षत की बात का जवाब देते हुए मिस्टर करिअप्पा कहते हैं - "हैलो बेटा!"
तभी ज्योति की नजर, टेबल पर रखे उन फोटोज़ पर जाती है और वो उन्हें देखकर मिस्टर करिअप्पा से पूछती है - "ये फोटोज़ किसकी है?"
ये सुनकर मिस्टर करिअप्पा उन सारी फोटोस् को समेटते हुए कहते हैं - "कुछ नहीं, बस ऐसे ही कुछ सरकारी काम है!"
इतना कहकर मिस्टर करिअप्पा, फोटोस् को एक साइड में रख देते हैं, लेकिन ज्योति की नजरें बार-बार उसी फोटोस् की तरफ पर जा रही थी!
तभी मिस्टर करिअप्पा एक नौकर को बुलाते हैं और उन सभी के लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करने के लिए कहते हैं, और फिर वो उन लोगों से बात करने लगते हैं!
तभी अक्षत की नज़र अचानक उन फोटोस् पर पड़ती है और उन्हें देखकर वो मिस्टर करिअप्पा से सवाल करते हुए पूछता है - "अंकल अगर आप बुरा ना माने, तो मैं आपसे एक बात कहूं?"
अक्षत की बात सुनकर मिस्टर करिअप्पा कहते हैं - "हां बेटा, बोलो!"
अक्षत कहता है - "ये फोटोस् मुझे काफी जानी-पहचानी सी लग रही है!"
उस फोटो में एक आदमी होता है और उसके हाथ में एक गन होती है!
मिस्टर करिअप्पा उन सारी फोटोस् को उन सबके सामने रखते हुए कहते हैं - "ये इंडिया का सबसे बड़ा माफिया है! इसके नाम पर बहुत सारे केसेस हैं, और इसके नाम पर वारंट भी जारी है और इसे पुलिस के साथ-साथ आर्मी भी ढूंढ रही है,
लेकिन ये इतना इंटेलिजेंट है, कि इसे आज तक कोई पकड़ नहीं पाया है! और सबसे बड़ी बात है इसका राइट हैंड, जो कब कहां से आता है और कब कहाँ जाता है इसके बारे में कोई नहीं जानता! इस शख्स की एक यही फोटो है हमारे पास, पर ये भी ओरिजिनल है या डुप्लीकेट, ये कोई नहीं जानता!"
ज्योति अभी भी उन फोटोस् को ध्यान से देख रही थी! तभी वो उनमें से दो फोटोस् को सामने रखती है और उसे गौर से देखने लगती है!
ये देखकर मिस्टर करिअप्पा ज्योति से कहते हैं - जिसकी फोटोस् तुम देख रही हो, वो दो शख्स हैं और इन दोनों के बारे में कहा जाता है, कि ये दोनों ब्लैक ईगल के राइट और लेफ्ट हैंड हैं! लेकिन ये दोनों एक ही शख्स है या दो, ये कोई नहीं जानता है और ना ही इनके बारे में किसी को कुछ पता है! इसलिए, असल में इनकी सच्चाई क्या है ये किसी को भी नहीं पता!"
मिस्टर करिअप्पा थोड़ा रुक कर एक फोटो की तरफ इशारा करके कहते हैं - "कुछ वक़्त पहले इस शख्स को देखा गया था!"
फिर वो दूसरी फोटो की तरफ इशारा करके कहते हैं - "लेकिन आज के टाइम में इस दूसरे शख्स को देखा गया था! लेकिन दोनों कब आते हैं, कहां जाते हैं इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता!"
ज्योति उन फोटोस को कुछ सेकेंड तक देखकर कहती है - "लेकिन ये दोनों एक साथ दिख कैसे सकते हैं? ये तो एक ही शख्स है!"
ज्योति की बात सुन मिस्टर करिअप्पा, विराज और अक्षय उसे बस देखते ही रह जाते हैं!
तभी ज्योति उन दोनों फोटोस को गौर से देखने लगती है, जिनकी शक्लें कुछ अजीब सी थी और उन दोनों को देखकर वो फिर से कहती है - "हां, मैं मजाक नहीं कर रही, मैं सच कह रही हूं ये दोनों एक ही है!"
ज्योति की बात सुनकर मिस्टर करिअप्पा उससे कहते हैं - "नहीं बेटा, तुम्हें कोई गलतफहमी हो रही है!"
मिस्टर करिअप्पा की बात सुनकर ज्योति कहती है - "नहीं अंकल मैं झूठ नहीं कह रही हूं, और अगर आप इन फोटोस को गौर से देखेंगे, तो आपको खुद ही पता चल जाएगा, कि ये दो नहीं बल्कि एक ही शख्स है!"
ये सुनकर विराज ज्योति के सर पर तपली मारते हुए कहता है - "तुम्हारे दिमाग में, दिमाग कम भूसा ज्यादा भरा हुआ है! अरे तुम्हें दीखता नहीं, वो दोनों एक-दूसरे से कितना अलग हैं!"
ज्योति, विराज को घूर कर देखते हुए कहती है - "वीर, मेरे से ज्यादा ना तुम्हारा दिमाग कम है! तुम खुद देख लो, अरे तुम्हें समझ नहीं आता, कि ये दोनों एक ही इंसान है!"
उन दोनों की बातें सुनकर अक्षत, ज्योति से कहता है - "नहीं ज्योति, तुम समझ नहीं रही हो, ये एक ही इंसान कैसे हो सकता है? तुम वो तस्वीर देखो ना, उसमें उन दोनों की शक्लें कितनी अलग-अलग है!"
ज्योति उन दोनों तस्वीरों को देख कर, खुद से कहती है - "हां, शक्लें तो दोनों की अलग-अलग है" फिर मासूम सी शकल बनाते हुए केहती है "लेकिन ये दोनो एक ही इंसान है!"
तभी ज्योति को एकदम से कुछ याद आता है और वो चुटकी बजाते हुए कहती है - "अरे हां, याद आया इसने प्लास्टिक सर्जरी करवाई हुई है!"
ज्योति ने ये बात एक दम मासूमियत से कही थी, लेकिन उसकी ये बात मिस्टर करिअप्पा के दिमाग में बैठ गई! फिर उन्होंने उन फोटोस को उठाया और उसे ध्यान से देखने लगे! फिर उन्होंने ज्योति से पूछा - "तुम्हें ऐसा क्यों लगता है, कि इसने प्लास्टिक सर्जरी करवाया है?"
ये सुनकर ज्योति अपना बैग खोलती है और उसमें से विराज और अक्षत की फोटो निकालकर उनके सामने रख देती है!
ज्योति के बैग में अपनी फोटो देखकर अक्षत उससे कहता है - "तुम हम दोनों की फोटोस लेकर क्यों घूमती हो?"
ज्योति कहती है - "बस ऐसे ही काफी दिनों से रखा हुआ था! खैर, ये छोड़ो और वो सुनो जो मैं बता रही हूं!"
उसके बाद ज्योति उन दोनों फोटोस को मिस्टर करिअप्पा के सामने रख देती है और उन दोनों का फेस कवर करके कहती है - "अच्छा, अगर इन दोनों का फेस हटा दिया जाए, तो क्या बता सकते हैं कि ये एक आदमी है या दो आदमी?"
मिस्टर करिअप्पा कहते हैं - "हां बताया जा सकता है, कि दोनों अलग-अलग हैं लेकिन तुम ऐसा क्यों कह रही हो?"
ये सुनकर ज्योति कहती है - "मैं भी तो वही कह रही हूं! इसके हाथ देखिए और उसके हाथ देखिए! इस फोटो की पर्सनैलिटी और उस फोटो की पर्सनैलिटी में कितना फर्क है!"
मिस्टर करिअप्पा कहते हैं - "हां सही बात है, लेकिन दोनों के चेहरे तो अलग हैं ना?"
ये सुनकर ज्योति कहती है - "लेकिन चेहरे तो आजकल प्लास्टिक सर्जरी से भी बदलवाए बाय जा सकते हैं ना? अंकल जी, मैं बस इतना कह रही हूं, कि दोनों एक ही इंसान एक ही इंसान है और अगर आप इन दोनों का फेस कवर कर दें और उसके बाद देखें तो आपको पता चल जाएगा, कि इसके हाथ में जो निशान है और इसके हंथेलियों के बिच जो तिल है वो उस शख्स के हाथ में भी है और इन दोनों की हाइट और पर्सनालिटी बिल्कुल सेम है और इसलिए मुझे लगता है कि ये दोनों एक ही इंसान है!"
"नदियो का पानी कभी रुका है क्या
जो तु मेरे साथ रुक जाता
आग कभी शीतलता देती है क्या
जो तेरा साथ शीतलता दे जाता
हाँ बहुत कुछ कहना सुनना था तुझसे लेकिन
गैर कभी सुनता है क्या जो तु सुन जाता
चलना था तेरे साथ वीराने मे भी
हर कोई अपना होता है क्या जो तु हो जाता
पानी कभी रुकता है क्या
जो तु रुक जाता
जो तु मेरे साथ रुक जाता"
@Secret_writter_1402
क्या मिस्टर करियप्पा ज्योति की बात मानेंगे? इनकी मुलाकात क्या रंग लायेगी?
जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लैक बेंगल्स मिलते हैं अगले चेप्टर मे तब तक के लिए
............. बाय बाय..........
डॉ. रामबली मिश्र
05-Feb-2023 09:43 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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Varsha_Upadhyay
05-Feb-2023 06:52 PM
Nice 👍🏼
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प्रिशा
04-Feb-2023 10:57 PM
Nice post
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