हरिहरपुरी के दोहे

144 भाग

260 बार पढा गया

9 पसंद किया गया

हरिहरपुरी के दोहे परिचय स्थापित हो सदा, हो मोहक संवाद। वार्तालाप चला करे, कभी न होय विवाद।। इंतजार करना नहीं, कर खुद ही शुरुआत। अमृत वाणी बोलना, मधुर वचन दिन-रात।। जिसका ...

अध्याय

×