हरिहरपुरी के रोले

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हरिहरपुरी के रोले नफरत करना छोड़,प्रेम का ध्वज लहराओ। घृणा बहुत बेकार,हृदय में प्रीति जगाओ।। तिरस्कार का त्याग,सुभग मानव का लक्षण। उत्तम जीवन हेतु,प्रेम का लेना शिक्षण।। छोड़ो सकल कुचाल, चलो ...

अध्याय

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