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प्रतियोगिता हेतु ग़ज़ल कोई सोच रहा है जीवन का पैगाम मोहब्बत हो जाए। चाहे लैला मजनू जैसी बदनाम मोहब्बत हो जाए।। शैरों में दिखता दर्द वहां, शायर को चोट लगे दिल ...